आधुनिक भारत के शिल्पकार नेहरू part 3

j k garg
नेहरूजी ने उस समय देश के नवनिर्माण के लिये संरचनात्मक एवं बुनियादी बड़े उद्योगों की सार्वजनिक क्षेत्र में स्थापना की | बिजली का उत्पादन पूरी तरह से सार्वजनिक क्षेत्र में रखा गया। इसी तरह इस्पात,बिजली के भारी उपकरणों के कारखाने,रक्षा उद्योग,एल्यूमिनियम एवं परमाणु ऊर्जा भी सार्वजनिक क्षेत्र में रखे गए। देश में तेल की खोज की गई और पेट्रोलियम रिफाईनरी व एलपीजीबाटलिंग का काम भी केवल सार्वजनिक क्षेत्र में रखे गये। नेहरूजी ने उच्च तकनीकी शिक्षा के लिये आईआईटी स्थापित किये गये। इसी तरह,प्रबंधन के गुर सिखाने के लिए आईआईएम खोले गए। इन उच्च कोटि के संस्थानों के साथ-साथ संपूर्ण देश के अनेकों छोटे बड़े शहरों में इंजीनियरिंग कॉलेज व देशवासियों के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिये मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गये। नेहरूजी ने वैज्ञानिक सोच को बड़ावा देने एवं युवाओं में विज्ञान के अध्ययन की रुची जाग्रत करने हेतु नेहरू ने ‘भारतीय विज्ञान कांग्रेस’ की स्थापना की। उन्होंने अनेको बार भारतीय विज्ञान कांग्रेस में अध्यक्षीय भाषण दिया। भारत के विभिन्न भागों में स्थापित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अनेक केंद्र इस क्षेत्र में उनकी दूरदर्शिता के स्पष्ट प्रतीक हैं। खेलों में नेहरू की व्यक्तिगत रुचि थी। उन्होंने खेलों को मनुष्य के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए आवश्यक बताया। एक देश का दूसरे देश से मधुर सम्बन्ध कायम करने के लिए 1951 में उन्होंने दिल्ली में प्रथम एशियाई खेलों का आयोजन करवाया |

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