लोहड़ी तीज पर मेला व मंदिरों में हिण्डोले

teej jhoolaमहिलाओं का लोकप्रिय पर्व सावणी या लोहड़ी तीज शुक्रवार को मनाया जाएगा। तीज से एक दिन पूर्व गुरुवार को ही अनेक स्थानों पर झूले लग गए महिलाओं ने रंग बिरंगे लहरियों की खरीदारी की। भगवान कृष्ण के विभिन्न नाम व रूपों के मंदिरों में चल रहे हिण्डोला उत्सव में तीज पर ठाकुरजी के लहरिये का साफा का श्रृंगार कर गीत, पद व भजन गाए जाएंगे। बीकानेर मूल की महिलाएं छोटी तीज की बजाए भादवा की बड़ी तीज को महत्व देने के कारण उस दिन व्रत रखेंगी तथा तीज माता की पूजा अर्चना करेंगी।
हरियाली तीज व चौथ के दिन शुक्रवार व शनिवार को दम्माणी चौक में मेला भरेगा। दम्माणी चौक के बड़ा गोपालजी मंदिर में विशेष झूलोत्सव होगा। मेले के एक दिन पूर्व ही चौक में बच्चों के झूले लग गए। दाऊजी मंदिर, रतन बिहारी मंदिर सहित विभिन्न वैष्णव मंदिरों में तीज पर ठाकुरजी के हिण्डोलोत्सव में तीज पर हवेली संगीत के साथ पद व भजन गाए जाएंगे। विश्वकर्मा गेट के बाहर के राम मंदिर में पिछले सावन के पहले दिन से ही ठाकुरजी के हिण्डोलो, सावन के माह के गीत गाए जा रहे है।
राजस्थान में एक कहावत भी काफी लोकप्रिय है ÓÓसियाळो, सीकर भलो, उनाळो अजमेर, मारवाड़, नितरो भलो, सावन बीकानेर । सावन में एक ओर जहां शिव पूजा अर्चना की धूम चल रही है वहीं प्रकृति भी सौन्दर्य बिखेर रही है। रिमझिम वर्षा, उमड़-घुमड़ते बादल, शीतल बयार, वर्षा से माटी की सोन्धी-सोंधी खुशबू, वर्षा से हरे-भरे वृक्ष, गांवों में हरियाली हर किसी के मन को पुलिकत व हर्षित करती हंै। महिलाएं तीज पर झूला झूल कर, संगी सहेलियों के साथ अठखेलियां कर, विभिन्न तरह के श्रृंगार कर आनंद की अनुभूति कर पर्व का महत्व बढ़ा देती है।
तीज से एक दिन पूर्व के दिन को ÓÓधमोळीÓÓ या सिंजारा के रूप में मनाया गया । महिलाओं ने हाथों पैरों पर मेंहदी रचाई तथा सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री की खरीदारी की। कई महिलाओं ने पीला फल, फूल, हल्दी चने की दाल, का भी दान किया तथा गुरुवार के कारण केले के पेड़ का पूजन किया। सिंजारा के दिन कोटगेट के पास के लाभूजी कटला, बड़ा बाजार सहित अनेक कपड़ों की दुकानों पर विभिन्न तरह की लहरिया साड़ी व ओढऩों की खरीदारी की । वहीं तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं ने पूजन सामग्री की खरीदारी की। पंडितों के अनुसार तीज के दिन भवानी पार्वती के पूजन का महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन देवी पार्वती गवरा के रूप में विराहग्नि में तप कर भगवान शिव से मिली थी। बीकानेर में प्रवास बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान के अन्य जिलों की महिलाओं में तीज का उत्साह अधिक दिखाई दिया।
जिन युवतियों के शादी का पहला सावन है, वे पीहर पहुंच गई। उनके लिए ससुराल से मिठाई, वस्त्र व सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री को भेजने का सिलसिला भी गुरुवार तीज के एक दिन पहले परवान पर था। व्रत करने वाली सुहागनें देवी पार्वती का पूजन कर घर परिवार की बड़ी बुजुर्ग महिलाओं के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करेंगी।
पति से छल कपट, झूठ व दुव्र्यवहार और परनिंदा ( तीन बाते) तजने (छोडऩे) का संदेश देने वाली तीज के दिन महिलाएं भगवान शिव के विभिन्न मंदिरों में भी पूजा अर्चना करेंगी । कहा हाता है कि तीज पर गौरी पूजन से अविवाहितों के विवाह में देवी का आशीर्वाद रहता है वहीं सुहागिनों का सुहाग अखंड रहता है तथा उनका जीवन मंगलमय रहता है।
तीज महोत्सव- रांकावत महिला सेवा समिति की ओर से शुक्रवार को सुबह ग्यारह बजे विश्वकर्मा गेट के अंदर के माहेश्वरी भवन में तीज महोत्सव मनाया जाएगा। समिति अध्यक्ष श्रीमती शकुन्तला स्वामी व संयोजक संपत साध ने बताया कि महोत्सव के तहत वन मिनट शो, महिलाओं के गेम, लक्की चेयर, लक्की ड्रा, क्विज व राजस्थान लोक नृत्यों का आयोजन होगा।
-विकास हर्ष, सहायक निदेशक
सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय, बीकानेर

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