12 महानुभावों को अजमेर सिंधु रत्न सम्मान

अजमेर। पूज्य झूलेलाल जयंती समारोह समिति के संयोजन में चेटीचंड महोत्सव के तहत मनाए जा रहे 22 दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत सिंधी समाज महासमिति के तत्वावधान में 31 मार्च को शाम छह बजे स्वामी कॉम्पलैक्स की चौथी मंजिल पर आयोजित समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित करने वाले 12 महानुभावों को अजमेर सिंधु रत्न सम्मान से नवाजा गया।
जिन महानुभावों का सम्मान किया गया, उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी इस प्रकार है-
श्री अमृत कुमार सोभराज खेमचंदानी
Amrit Kumarशहर के जाने माने फौजदारी वकील श्री अमृत कुमार सोभराज खेमचंदानी ने विख्यात चंडीगढ़ लोटरी कांड, अनेक तिहरे व दोहरे कत्ल के मुकदमों में प्रखरता से पैरवी करते हुए शिमला, इलाहाबाद, भोपाल, अहमदाबाद, चंडीगढ़ व जयपुर-जोधपुर सहित अनेक उच्च न्यायालयों में अपनी विद्वता से कौम का नाम रोशन किया एवम अनेक बार सर्वाेच्च न्यायालय में भी अपनी कानूनी विद्वता की छाप छोड़ी। उनको जिला बार एसोसिएशन एवम राजस्थान बार एसोसिएशन द्वारा उच्च एवम सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के हाथों अनेक बार सम्मानित किया गया है।
Bhagwan Kalwani
अजमेर में सिंधी शिक्षा के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने वाले प्रमुख समाजसेवी श्री भगवान कलवानी भूतपूर्व राजस्व मंत्री स्वर्गीय श्री किशन मोटवानी के अध्यक्षीय काल में आप राजस्थान सिंधी शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष रहे। सन् 1984 में राजस्थान सिंधी अकादमी ने श्रेष्ठ शिक्षक के रूप में सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त संत कंवरराम धर्मशाला, पूज्य लाल साहब सेवा मंडल, सुधार सभा व अन्य अनेक संस्थाओं ने भी सम्मानित किया है। सिंधी शिक्षा समिति के अध्यक्ष के नाते शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए राजस्थान सिंधी अकादमी ने आपको साधु टी.एल. वासवानी अवार्ड प्रदान किया।
dr. dharmu launganiडॉ. धर्मू टेकचन्द लौंगानी
भाजपा के पार्षद रहे डॉ. धर्मू लौंगानी न्यूनतम शुल्क लेकर बेहतरीन इलाज करने की वजह से लोकप्रिय हैं। समाजसेवा के साथ राजनीति में भी रुचि के कारण भाजपा के झंडे तले 1995 में नगर परिषद का चुनाव लड़ कर पार्षद बने। अजयनगर में उन्होंने विकास के खूब काम करवाए हैं।
harish varyaniश्री हरीश धर्मदास वरयानी
देश के सिंधी पत्रकारिता जगत के जाने-माने हस्ताक्षर श्री हरीश वरियानी सिंधी दैनिक हिंदू के अजमेर संस्करण के संपादक हैं। संत कंवरराम साप्ताहिक का प्रकाशन भी करते हैं। सितम्बर 2009 से दैनिक हिन्दू का जयपुर संस्करण भी प्रारंभ किया। जयपुर से 2012 में कंचन केसरी हिन्दी दैनिक भी आरम्भ किया है। वे अजमेर जिला पत्रकार संघ एवं अजयमेरू जिला पत्रकार संघ, अजमेर सिंधी सेंट्रल महासमिति, वैशाली सिंधी समाज व वैशाली नगर स्थित हेमू कालाणी पार्क समिति, तोपदड़ा स्थित झूलेलाल धर्मशाला ट्रस्ट, सिंधु दीप संस्था में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। तीन बार राजस्थान सिंधी अकादमी के सदस्य रह चुके हैं। आकाशवाणी, जयपुर पर उनकी अनेक वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।
harish jhamnaniश्री हरीश झामनदास झामनानी
तत्कालीन अजमेर पश्चिम विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रहे श्री हरीश झामनानी का परिवार तकनीकी कार्यों में दक्ष है। आपने पैतृक व्यवसाय को बढ़ाते हुए साइकिल के स्टैण्ड और कैरियर बनाने की इन्डस्ट्री आरम्भ की, जिसका माल आज भी दूर-दूर तक जाता है। राष्ट्रीय सेवक संघ के आदेश पर आपने आजीवन परिवार का त्याग कर संघ के केशव विद्यापीठ, गांव जामडौली, जयपुर में जाकर बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु अथक कार्य किया और उस ट्रस्ट में सचिव पद का भी बखूबी निर्वाह किया। तीन वर्ष बाद मेडिकल सलाह पर हृदय की शल्य चिकित्सा करवा कर पुनरू परिवार आने हेतु मजबूर हुए।
सुश्री महेश्वरी लालगिर गोस्वामी
Maheshwari Goswamiसुश्री महेश्वरी लालगिर गोस्वामी ने बीए, एमए, बीएड व एमएड तक शिक्षा अर्जित की। हरीसुन्दर बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में केरियर आरंभ किया। 30 जून 2011 तक इसी स्कूल में रहीं और उसके बाद राजकीय स्कूल, सांपला में जाकर नौकरी की। 31-5-2014 को सेवानिवृत्ति के बाद पुनरू हरीसुन्दर बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालयमें प्रिंसिपल के पद पर सेवा आरम्भ की है। शिक्षा के प्रति पूरी तरह से समर्पित सुश्री महेश्वरी ने विवाह नहीं किया। सुधार सभा से जुड़ाव के कारण जीवन का मकसद सेवा ही बना लिया। सुधार सभा संस्था में वर्ष 2013-14 में सर्वसम्मति से पहली बार महिला अध्यक्ष चुनी गयी और 2014-15 में और एक वर्ष का कार्यभार सम्भाला।
श्री देवीदास दीवाना
devidas deevanaअजमेर के प्रसिद्ध गायक व बुलन्द आवाज के मालिक श्री देवीदास दीवाना को बचपन में ही गायन, नाटक अभिनय और मंच का शौक था। 1964 में मुम्बई के आर. के. स्टुडियो तक पहुंचे और फिल्म मेरे सनम, हसीना मान जायेगी, फिर वही दिल लाया हूं आदि में डांस प्रोग्राम दिए। अस्वस्थ होने के कारण वापस अजमेर आ गये। उन्होंने 1964 में शिक्षक के रूप में आजीविका आरंभ की और सन् 2002 में प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हुए। 1984 में सिन्धी अकाडमी ने उनको श्रेष्ठ शिक्षक की उपाधि दी। 1994 में अकाडमी ने संगीत के कारण सम्मानित किया। 1984 में सिन्धु दीप संस्था के नाम से गायन मंडली तैयार कर स्टेज प्रोग्राम देने लगे। 1999 में आस्था व संस्कार और जयपुर चौनल पर प्रोग्राम दिए। 2009 में अपनी टीम के साथ में विदेश भी प्रोग्राम दे चुके हैं। उनकी दो ऑडियो कैसट, 2 वीडियो एलबम, 2 वीडियो कैसेटों ने सिन्धी सांस्कृतिक जगत में नए आयाम स्थापित किये हैं।
श्री वाशदेव ज्ञानचन्द मंघानीvasdev manghani
सिंध के टंडो जाम में रहने वाले श्री ज्ञानचंद मंघानी के सुपुत्र श्री वाशदेव मंघानी मास्टर वाशदेव गुलकंद वाले के नाम से प्रसिद्ध हैं। उन्होंने आदर्श स्कूल में अध्यापक के रूप में भी काम किया। 1968 से गुलकंद का कार्य किया। अजमेर फूड के नाम से अजमेर से बाहर इन्दौर भी कार्य किया। 2004 में मास्टर पैराडाइज होटल बनाया। समाज के हर सेवा कार्य में जुड़े रहते हैं।
श्री हासानन्द रामचन्द आसवानीhasanand aswani
श्री हासानंद रामचंद आसवानी का जन्म 7 अगस्त 1937 को सिन्ध में नवां हाला करांची में हुआ था। उन्होंने 1956 में जीसीए से इंटर मीडिएट की परीक्षा पास की। 1958 में वेस्ट अफ्रिका में नौकरी करने चले गये। चोइथराम कम्पनी में लगातार 40 वर्ष तक सेवा करते रहे और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद तक पहुंचे। 1992 में उनके पुत्र ने दुबई में व्यापार आरम्भ किया। 1998 में वेस्ट अफ्रिका में भी व्यापार आरम्भ किया है। उन्होंने अपने साथियों के साथ अजमेर में दयाल वीना डायग्नोस्टिक सेंटर, दीपमाला पागारानी हास्पीटल एंड रिसर्च सेंटर और पारब्रह्म सेवा ट्रस्ट को संभाल रखा है।
ishwar tharaniश्री ईश्वर ठाराणी
श्री ईश्वर ठारानी सीबीएसई मैट्रिक परीक्षा 1954 की मेरिट लिस्ट में 10वीं रैंक पर आये थे तथा आर.ए.एस. परीक्षा 1964 की मेरिट लिस्ट में 21वीं रैंक पर रहे। उन्होंने एम.ए., एम.बी.ए., एल.एल.बी. की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अजमेर में पहले प्रोफेशनल कॉलेज 1999 में ग्लोबल मैनेजमेन्ट कॉलेज की स्थापना की, जिसमें एमबीए, बीसीए, बीबीए आदि पाठ्यक्रम को लागू किया। वे सुधार सभा, अजमेर में आजीवन जुड़े हुए हैं तथा सुधार सभा के अध्यक्ष 11 वर्ष तक रहे। अब सुधार सभा के पैट्रन हैं। मयाणी अस्पताल के आरम्भ से सचिव रहे और वर्तमान में चेयरमैन हैं। आप अन्तर्राष्टीय संस्था मैसॉनिक लॉज में वरशिपफुल मास्टर पद पर रहे तथा रीजनल व ग्रैंड लॉज ऑफ इण्डिया में भी पद प्राप्त हुए हैं।
hundal vidhaniश्री हुन्दल विधानी
श्री हुंदल विधानी ने आजीविका राजस्व मंडल अजमेर में एलडीसी पद से आरम्भ की। 1970 में पूरे राज्य में हिन्दी, अंग्रेजी दोनों भाषा में शार्टहैण्ड में अव्वल स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल हासिल किया। इसी वर्ष पुनरू सीनियर स्टेनो में भी गोल्ड मेडल से सम्मानित हुए। 1973 में सीनियर स्टेनो, 1976 में सेक्शन ऑफीसर बने और अच्छी नौकरी, मैरिट, अनुभव, कार्यशैली के वजह से चयनित 3 आरएएस में से एक पद प्राप्त हुआ। 1992 में सलेक्शन स्केल में पद्धोन्नत होकर यू.आई.टी. उदयपुर में सचिव रहे। वर्ष 2000 से 2002 तक वर्ल्ड बैंक के हैल्थ प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट डायरेक्टर बन कर उच्च मानव सेवा का रिकार्ड बनाया व सम्मानित हुए। आपने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान बोर्ड में सचिव रह कर अल्प समय 35 दिन में परीक्षा परिणाम घोषित कर 1999 में राज्य स्तरीय सम्मान पाया है। इसी तरह चितोड़ जिले के हिन्दुस्तान जिंक प्रोजेक्ट की बाधाओं को मिटा कर प्रोजेक्ट आरम्भ करने पर सम्मानित किया गया।
श्री ढोलण तीर्थदास मोरवानी (राही)
Dholan Rahiश्री ढोलण राही सिंधी साहित्य के क्षेत्र में जाना-पहचाना हस्ताक्षर हैं। उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से 1980 में एम. ए. सिंधी व बी.एड. प्रथम क्लास आई.एस. में पूरी की। 1967 में आदर्श शिक्षण संस्था से जुड़ कर नौकरी के साथ पढ़ाई भी करते रहे। आप 42 साल की नौकरी पूरी कर लेक्चरर के पद से 2009 में रिटायर हुए। सिंधी गीत-संगीत को ऊंचाई तक ले गये। 5 बार सिन्ध और अनेक देशों में कई बार गीत-संगीत के सिलसिले में गए हैं। उनकी 8 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। वर्ष 2005 में केन्द्रीय एकेडमी ने श्श्साहित्य सम्मान्य्य से सम्मानित किया।

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