वैट में एक फीसद वृद्धि पर असहमति

shushil modiदेहरादून। राज्यों के वित्त मंत्रियों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति में वैट की न्यूनतम दर पांच फीसद से बढ़ाकर छह फीसद करने पर फैसला नहीं हो सका। कमेटी ने स्पष्ट कर दिया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने पर केंद्रीय आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत घोषित वस्तुओं (डिक्लेयर्ड गुड्स) की सूची का प्रावधान खत्म कर दिया जाएगा। नई टैक्स व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस सूची को समिति ने गैर जरूरी और राज्यों के साथ नाइंसाफी माना है।

समिति की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन शनिवार को भी वैट की न्यूनतम दर को पांच फीसद से बढ़ाकर छह फीसद करने पर राज्य सहमत नहीं हुए। कमेटी ने मौजूदा टैक्स ढांचे में केंद्र की ओर से घोषित वस्तुओं के प्रावधान को जीएसटी के लिए अव्यावहारिक करार दिया। राज्यों का तर्क है कि इस प्रावधान से राज्यों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। घोषित वस्तुओं की सूची में शामिल वस्तुओं पर राज्य टैक्स नहीं लगा सकते। लिहाजा जीएसटी में यह प्रावधान नहीं रहेगा। कमेटी ने इस संबंध में केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल के मोबाइल फोन और टैबलेट को डिक्लेयर्ड गुड्स की सूची में शामिल करने की मांग को भी दरकिनार कर दिया।

समिति ने तीन अहम उपसमितियां गठित की हैं। समिति के अध्यक्ष और बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटी नेटवर्क पर समिति के फैसले लागू करने को तीन निदेशकों की उपसमिति गठित की गई है। बैठक में सदस्यों का कहना था कि जीएसटी के लिए राज्यों में सूचना प्रौद्योगिकी का आधारभूत ढांचा विकसित होना जरूरी है। विशाल और मजबूत कंप्यूटर नेटवर्क के जरिये ही जीएसटी में केंद्रीय और राज्य के करों की स्थिति का पता चल सकता है। दोहरा कराधान रोकने के लिए भी यह आवश्यक है। लिहाजा जीएसटी नेटवर्क के तहत केंद्रीय पोर्टल तैयार करने को एक कंपनी गठित की जाएगी। इसमें निजी कंपनी की 51 फीसद हिस्सेदारी होगी, जबकि केंद्र और राज्य की 24.5-24.5 फीसद हिस्सेदारी होगी। यह नेटवर्क ई-रजिस्ट्रेशन, ई-रिटर्न और ई-पेमेंट सहित सभी तरह के कामकाज को अंजाम देगा। यह नेटवर्क मौजूदा वैट नेटवर्क के लिए भी कार्य करेगा।

कमेटी ने जीएसटी के नियम-कानून तय करने और इसका ड्राफ्ट तैयार करने का जिम्मा भी एक उपसमिति को दिया है। चीनी, कपड़ा और तंबाकू पर टैक्स की सीमा बढ़ाने पर विचार के लिए भी एक कमेटी गठित की गई है। रेलवे के जरिये राज्यों में भेजे जा रहे माल पर टैक्स चोरी, होटल-रेस्तरां में लग्जरी व मनोरंजन पर दोहरे कराधान सहित विभिन्न मसलों को लेकर अधिकार प्राप्त समिति जल्दी ही केंद्रीय वित्त मंत्री और रेल मंत्री से मुलाकात करेगी।

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