पटरी पर दौड़ती रहेगी ट्रेन और नीचे बनती रहेगी पुलिया

IMG-20160203-WA0012एक समय था जब किसी रेल फाटक पर कोई पुलिया बनती थी, तो कई वर्ष लग जाते थे। यहां तक कि ट्रेनों का आवागमन भी महीनों तक बंद करना पड़ता था। लेकिन अब नए और आधुनिक दौर में ऊपर पटरी पर ट्रेन दौड़ती रहेगी और नीचे पुलिया का निर्माण होता रहेगा। इस नई तकनीक से अजमेर शहर में गोल्फ कोर्स रोड स्थित सीआरपीएफ केन्द्र प्रथम के सामने वाले रेल फाटक पर अंडर ग्राउंड पुलिया के निर्माण का काम शुरू हो गया है। अजमेर रेल मंडल में दस रेल फाटकों के नीचे इसी तकनीक से पुलियाओं का निर्माण होगा। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि एक पुलिया पर सवा करोड़ रुपए खर्च होंगे, वहीं मात्र तीन माह में पुलिया का निर्माण पूरा हो जाएगा। रेलवे के इंजीनियरों ने बताया कि पटरी के नीचे जैसे-जैसे जमीन की खुदाई होगी, वैसे-वैसे लोहे और सीमेंट के चौकोर ब्लॉक्स फिट कर दिए जाएंगे। इस तकनीक से एक दिन भी ट्रेनों का आवागमन नहीं रुकेगा।
इन फाटकों पर बनेगी पुलिया:
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अजमेर मंडल के मदार हरीपुर सेक्शन के मध्य आने वाले दस समपार फाटकों पर इस तरह की पुलिया बनाने का काम जारी है। रेलवे सूत्रों के अनुसार लाड़पुरा, मदार के मध्य (समपार फाटक नं 41) मदार स्टेशन के अजमेर छोर पर स्थित समपार फाटक 42 के अतिरिक्त समपार फाटक संख्या 8, 11, 16, 18, 19, 28, 37 और 38 नम्बर यह सभी फाटक अजमेर से हरीपुर के मध्य वर्तमान में कार्यरत है।
दिल्ली कंपनी बना रही है पुलिया
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भारतीय रेलवे की नई तकनीक पर बनाए जा रहे रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) को दिल्ली की लाल कंसट्रेक्शन कंपनी बना रही है, जिसके इंजीनियर अपनी आधुनिकतम मशीनों के साथ अजमेर में डटे हुए हैं। इन मशीनों का कार्य इतना सुगम और सरल है की पलक झपकते ही मशीनें काम को आसान बना देती है, यही वजह है कि वर्तमान में यह काम मात्र ढाई से तीन महीने में पूरा होने का लक्ष्य दिया गया है।

(एस.पी. मित्तल) (03-02-2016)
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