सुरक्षा के रक्षक

sohanpal singh
sohanpal singh
ऐसा क्या है की देश की कानून व्यवस्था सँभालने वाले माननीयगृह मंत्री को एक फ़िल्मी कलाकार को असहिष्णुता पर जवाब देने के लिए , संविधान निर्माता बाबा भीम राव रामजी आंबेडकर का सहारा लेना पड़ा ! की “आंबेडकर जी ने कभी नहीं कहा की मैं देश छोड़ कर चला जाऊंगा ” जबकि स्वर्ण समाज के जुल्मो को सह कर ही उनकी प्रतिभा का निखार हुआ था ? हम तो यह समझ ही नहीं पाये की आखिर गृह मंत्री जी कहना क्या चाहते हैं ! क्योंकि आमिर खान और आंबेडकर जी के संन्दर्भ दोनों अलग अलग हैं? आम्बेडकर एक दलित परिवार से थे और आजादी से पहले के भारत में जितनी भी कुरीतिया थी उन सबको उनके परिवार और उन्होंने स्वयं झेला था ! लेकिन अपनी कर्मठ भूमिका और दलित समाज के लिए उत्थान के लिए उन्होंने जीवन भर कार्य किया ? और कथित हिंदुत्व के मुँह पर तमाचा मारते हुए उन्होंने कहा की “मैं पैदा जरूर हिन्दू धर्म में हुआ हूँ लेकिन मैं हिन्दू धर्म में मारूँगा नहीं ” और उन्होंने बौद्ध धर्म की दीक्षा लेकर बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था! । असहिष्णुता पर इससे सटीक जवाब और क्या हो सकता है ? लेकिन अपने गृह मंत्री कुछ और ही राग अलाप रहे हैं ?

अब अगर बात आमिर खान की जाय तो, आमिर एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसने स्वतंत्रता आंदोलन में भी भाग लिया था! वे स्वयं एक निर्विवादित व्यक्ति रहे हैं उन्होंने अनेको फिल्में बनाई हैं जो देश भक्ति पूर्ण थीं ! लेकिन देश की वर्तमान हालात को देखते हुए उन्होंने अपने मन की पीड़ा को व्यक्त करने में अपनी पत्नी का सहारा लिया तो गलत क्या था की अति हिंदूवादियों का उनके विरुद्ध तांडव ही आरम्भ हो गया ! लेकिन। आश्चर्य तो तब हुआ जब 125 करोड़ की जनता की सुरक्षा के रक्षक गृह मंत्री को आमिर खान के भय को निवारण करने में तीन दिन लग गए ! वह भी उन्होंने संसद की कार्यवाही में भाग लेते हुए संविधान निर्माता का सहारा लेकर व्यक्त किया ? तो हमें लगा की क्या यह व्यक्ति देश का गृह मंत्री कह रहा है या कोई किसी का बंधुआ बन कर कोई बात कह रहा है? क्योंकि देश में एक अफवाह हवा में हमेशा गूंजती रहती है की देश के शासन को राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ चला रहा है ?

एस पी सिंह ! मेरठ

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