सी.पी. जोशी के भाग्य का फैसला आज होगा

c p joshiजयपुर। राजस्थान के नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री डॉ.सी.पी. जोशी विधायक बनेंगे या फिर भाजपा के कल्याण सिंह विधायक रहेंगे इसका फैसला सोमवार को होगा, लेकिन नतीजा 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में ही सामने आएगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नाथद्वारा विधानसभा के चार मतदान केंद्रों पर डाले गए वोटों की सोमवार को राजसमंद जिला मुख्यालय पर दोबारा गिनती होगी। चुनाव आयोग ने पुनर्मतगणना के दौरान राजसमंद पहुंचने के लिए सी.पी. जोशी और कल्याण सिंह समेत विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को बुलाया है। ये प्रत्याशी अपने प्रतिनिधि को भी भेज सकते हैं। चुनाव आयोग के दो पर्यवेक्षक और जिला कलक्टर या नाथद्वारा के निर्वाचन अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। यह प्रदेश में पहला ऐसा मौका है जब ईवीएम के इस्तेमाल के बाद पुनर्मतगणना होगी। पुनर्मतगणना के बाद प्रत्याशियों को मिलने वाले वोटों की रिपोर्ट चुनाव आयोग 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगा। जहां अगली सुनवाई 19 मार्च को होनी है।

यह है मामला

2008 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सी.पी. जोशी, भाजपा प्रत्याशी कल्याण सिंह से एक वोट से हार गए थे। बाद में जोशी 2009 में भीलवाड़ा सीट जीतकर संसद पहुंचे और मंत्री बने। चुनाव हारे जोशी ने कल्याण के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती दी। जांच में साबित हो गया कि कल्याण की पत्नी ने दो अलग-अलग बूथों पर वोट डाला। इस पर हाईकोर्ट ने सिंह का चुनाव रद्द कर दिया। फिर सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। चुनाव विभाग के सूत्रों के अनुसार जिन दो मतदान केंद्रों पर कल्याण की पत्नी ने वोट डाले, उसकी पड़ताल कर वे वोट रद्द किए जाएंगे। दो अन्य बूथों पर डाले गए टेंडर वोट गिने जाएंगे। मूल मतगणना में टेंडर वोट शामिल नहीं थे। दरअसल मतदान केंद्र पर जब वोटर दावा करता है कि उसकी जगह फर्जी वोट पड़ा तो निर्वाचन अधिकारी उस मतदाता से टेण्डर वोट डलवाता है। यह वोट अलग से एक लिफाफे में बंद कर दिया जाता है। आमतौर पर टेंडर वोट गिना नहीं जाता, लेकिन बहुत कम अंतर ही हार-जीत पर इन्हें गिना जाता है।

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