अजमेर। विकास के वायदो के साथ लड़े जाने वाले चुनाव क्या वास्तव में क्षेत्र में विकास के मार्ग को प्रशस्त करते है ? शायद नहीं, कम से कम अजमेर नगर निगम के वॉर्ड 55 में आने वाले ग्राम चैरसियावास को देख कर तो ऐसा ही लगता है। क्षेत्र के विकास कि उपेक्षा से नाराज ग्रामीणो ने अब मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया है।
अजमेर नगर निगम के वार्ड 55 में आने वाला गांव चैरसियावास भले ही आज शहरी क्षेत्र का हिस्सा हो लेकिन राजनेतिक दलो और प्रशासन ने इसे आज भी गांव से शहर नहीं बन पाने का दर्द दे रखा है। लगभग 4 हजार की आबादी वाले इस गांव में मतदाताओ की संख्या 980 है। मतदान को विकास के लिए महत्वपूर्ण बताने का नारा इस गांव को छलावा लगता है। बदहाल सड़को की दशा यहा रहने वालो को नारकीय जीवन जीने को मजबूर करती है। 100 मुस्लिम आबादी वाले इस गांव में सड़के नहीं होने का दर्द कितना गहरा है इस बात का अंदाजा ग्रामीणो से बात करने पर सहज ही लग जाता है।
समस्या केवल गांव में सड़को की ही नहीं है। बात चाहे परिवहन के सार्वजनिक साधनो की हो या फिर स्ट्रीट लाइट की और या फिर चिकित्सा की। विकास की रौशनी ने आजादी के बाद से ही इस गांव को छुआ तक नहीं। अब दुश्वारिया इस हद तक बढ़ चुकी है कि इस गांव में रहने वाले लड़को से कोई अपनी बेटी की शादी तक करवाने को तैयार नही।
गांव की समस्याओ को लेकर एक जुट हुए ग्रामवासियो ने अब अपने दम पर विकास का फैसला लिया है। ग्रामीणो ने इस की शुरुआत करते हुए शुक्रवार को गांव कि बदहाल सड़को की दशा सुधारी। राजनेताओ के बहिष्कार की घोषणा करते हुए गांव के युवा ,बुजुर्ग और बच्चो ने श्रमदान किया। ग्रामीणो ने एलान किया है कि गांव में से कोई मतदान करने नहीं जाएगा और ना ही गांव में किसी भी राजनेतिक दल के उम्मीदवार या उस के समर्थक को घुसने दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ग्राम चैरसियावास अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यहा से वत्र्तमान में भाजपा से वासुदेव देवनानी और कांग्रेस से श्रीगोपाल बाहेती उम्मीदवार है। ग्रामीणो की माने तो मुस्लिम समाज के कांग्रेस के परम्परागत मतदाता होने के बावजूद श्रीगोपाल बाहेती ने नगर सुधार न्यास अध्यक्ष रहते हुए कभी गांव के विकास की सुध नहीं ली,और ना ही वासुदेव देवनानी ने विगत 10 वर्षाे से विधायक रहते हुए गांव में कोई विकास कार्य करवाये।
