
अजमेर 1 मई। दिनांक 25 अप्रैल को नेपाल तथा भारत के कुछ भागों में आये विनाशकारी भूकम्प के कारण सारे विश्व में एक शोक की लहर दौड़ गई है। प्रकृति की इस विनाशलीला से सभी स्तब्ध एवं दुःखी हैं। संपूर्ण नेपाल में भारी जनहानि और सम्पत्ति का जो व्यापक नुकसान हुआ है वह अकल्पनीय है। नेपाल में हजारों लोगों की मृत्यु हो चुकी है, हजारों घायल हैं तथा लाखों बेघरबार हुए हैं। भारत में भी बिहार, प. बंगाल, उत्तर प्रदेश, सिक्किम आदि स्थानों पर भी व्यापक जनधन हानि के समाचार मिले हैं। ऐसी कठिन परिस्थिति में हम सभी का यह एक स्वाभाविक कर्तव्य एवं दायित्व बन जाता है कि अपने निकटतम पड़ोसी एवं चिरआत्मीय नेपाल के बन्धुओं की सहायता हेतु शीघ्रातिशीघ्र खड़े हों। हम सभी के लिए कुछ सन्तोष की बात है कि भारत सरकार ने नेपाल पर आई इस विपत्ति को अपनी विपत्ति मानकर कुछ घण्टों के अन्दर ही सहायता सामग्री से भरे भारतीय विमानों को नेपाल के अन्दर पहुँचा दिया और सभी प्रकार की आवश्यक सहायता भारत सरकार वहाँ पहुँचाने का प्रयत्न भी निरन्तर कर रही है। किन्तु, भूकम्प की विनाशलीला भी बहुत व्यापक है अतः हम सभी का कर्तव्य बन जाता है कि संकट की इस घड़ी में एकजुट होकर नेपाल की सभी दृष्टि से सहायता हेतु आगे आएँ तथा भूकम्प प्रभावित भारतीय क्षेत्रों को भी तुरन्त सहायता पहुँचावें।