बोले केजरीवाल, क्या दिल्ली में होगा पहला प्रयोग

arvind kejariwal 7केंद्र के साथ विभिन्न मुद्दों पर टकराव की स्थिति का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के उस बयान से सहमति व्यक्त की कि देश में आपातकाल लगने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता, साथ ही संदेह व्यक्त किया कि क्या दिल्ली में इसका पहला प्रयोग होगा।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, आडवाणीजी सही कहते हैं कि आपातकाल को खारिज नहीं किया जा सकता। क्या दिल्ली प्रथम प्रयोग होगा। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग एवं केंद्र के बीच शीर्ष अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति तथा दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकार के विषय पर खींचतान की स्थिति बनी हुई है।

राजनीतिक हलकों में ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि आडवाणी की टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लक्ष्य करके कही गई है। आप नेता आशुतोष ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता की टिप्पणी मोदी की राजनीति पर अभियोग है। आशुतोष ने ट्वीट किया, आडवाणी का साक्षात्कार मोदी की राजनीति पर पहला अभियोग है। वह कहते हैं कि मोदी के नेतत्व में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है, आपातकाल दूर नहीं है।

गौरतलब है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आपातकाल के बारे में दिये गए उस बयान से राजनीतिक हलकों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जो ताकतें लोकतंत्र को कुचल सकती हैं, वे मजबूत हुई हैं। आडवाणी के इस बयान पर ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित है हालांकि, आरएसएस ने ऐसी किसी बात को खारिज किया है, जबकि कांग्रेस तथा भाजपा के अन्य प्रतिद्वन्द्वी दलों ने आडवाणी की इस चिंता को साझा किया है।

आडवाणी ने एक साक्षात्कार में कहा कि संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा होने के बावजूद अभी के समय में जो ताकतें लोकतंत्र को कुचल सकती हैं, वे मजबूत हुई हैं। उन्होंने कहा, 1975-77 में आपातकाल के समय के बाद से मैं नहीं समझता कि ऐसा कुछ किया गया, जो आश्वस्त करता हो कि नागरिक स्वतंत्रता फिर से निलंबित या ध्वस्त नहीं की जाएंगी। ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ।

पूर्व उपप्रधानमंत्री और अभी भाजपा के मागदर्शक मंडल के सदस्य आडवाणी ने कहा कि वास्तव में, कोई आसानी से ऐसा नहीं कर सकता है, लेकिन ऐसा दोबारा नहीं होगा, मैं ऐसा नहीं कहूंगा। ऐसा हो सकता है कि मौलिक स्वतंत्रता में फिर कटौती हो। आपातकाल के दौरान आडवाणी सहित विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं को जेल में कैद करके रखा गया था।

आडवाणी ने कहा कि उन्हें राजनीति में ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता है, जो उन्हें नेतृत्व के उन विशिष्ठ लक्षणों के बारे में आश्वस्त करता हो, जिसकी लोकतंत्र के बारे में प्रतिबद्धता हो और लोकतंत्र से जुड़े अन्य सभी पहलुओं का अभाव है। उन्होंने कहा कि आज, मैं यह नहीं कहता कि राजनीतिक नेतृत्व परिपक्व नहीं है। मुझे इसकी कमजोरियों के कारण इसमें विश्वास नहीं है। मुझे यह विश्वास नहीं है कि ऐसा (आपातकाल) फिर नहीं हो सकता है।

आडवाणी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरएसएस विचारक एम जी वैद्य ने कहा कि आडवाणी भाजपा के मार्गदर्शक मंडल के एक सदस्य हैं और उन्हें ऐसा नहीं लगता है कि वे मोदी को कोई संदेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं ऐसा कुछ महसूस नहीं करता हूं। वह (आडवाणी) उम्र में काफी बड़े हैं और अनुभवी हैं। इसलिए वे मोदी से बात कर सकते हैं। वह भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में है। मैं नहीं समझता कि उनका मोदी को इस साक्षात्कार के जरिये कोई संदेश पहुंचाने का इरादा होगा।

भाजपा प्रवक्ता एम जे अकबर का भी मानना है कि यह किसी व्यक्ति पर केंद्रित नहीं है, बल्कि संस्थाओं पर है। अकबर ने कहा कि मैं समझता हूं कि आडवाणीजी व्यक्तियों की बजाए संस्थाओं का उल्लेख कर रहे थे। मैं उनके विचारों का सम्मान करता हूं लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैं आपातकाल, देश में आपातकाल फिर से लगाये जाने की कोई संभावना नहीं देखता हूं। मैं समझता हूं कि वह युग बीत गया, भारतीय लोकतंत्र काफी मजबूत है, अब काफी मजबूत हो गया है।

बहरहाल, कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडडकन ने आडवाणी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि जूरी सत्ताधारी पार्टी से ही निकली है और वह मोदी के शासन के दौरान आपातकाल जैसी स्थिति का संकेत दे रही है। कांग्रेस प्रवक्ता वडडकन ने कहा कि आज जूरी सामने आ गई है। आडवाणीजी मुखर हो गए हैं। उन्हें जो कहना था, उन्होंने कह दिया। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि वह किसके बारे में बात कर रहे हैं, यहां किसकी सरकार है, कौन प्रधानमंत्री है। वह इसे जानते हैं। लेकिन वह भाजपा में राजनेता का दर्जा रखने वाले नेता हैं। वह प्रधानमंत्री का नाम नहीं लेना चाहते हैं। लेकिन जिसने भी साक्षात्कार को पढ़ा होगा, वह यह समझेगा कि आडवाणी, मोदी के बारे में बात कर रहे हैं।

आडवाणी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता जब यह कहते हैं कि देश की वर्तमान स्थिति आपातकाल की ओर बढ़ने का संकेत देती है, तब वह सही हैं। आपातकाल के दौरान आडवाणी के साथ जेल में कैद किये गए जदयू नेता के सी त्यागी ने कहा, मैं आडवाणीजी से सहमत हूं कि आपातकाल जैसी परिस्थितियां और संदर्भ अभी भी बने हुए हैं और आपातकाल की ओर उन्मुख होने के कारण अभी समाप्त नहीं हुए हैं।

सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर आडवाणीजी चिंता व्यक्त करते हैं तब सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए क्योंकि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने ऐसी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देश में जो व्यवस्था अभी चल रही है, वह लोकतांत्रिक नहीं है और कहीं न कहीं इससे तानाशाही व्यवहार झलक रहा है।

आप नेता आशुतोष ने कहा कि आडवाणी के बयान से स्पष्ट संकेत मिलता है कि उनका भाजपा सरकार में कोई भरोसा नहीं है और न ही उसके नेतृत्व में विश्वास है। उन्होंने कहा कि वह (आडवाणी) स्पष्ट तौर पर देख रहे हैं कि मोदी का नेतत्व और भाजपा सरकार प्रतिदिन भारतीय लोकतंत्र को कुचल रही है और ऐसी स्थिति और माहौल पैदा कर रही है, जहां आपातकाल दूर नहीं है।

error: Content is protected !!