मौसम परियोजना के विकास एवं उसमें अन्तर्राष्ट्रीय भागीदारी का मुद्दा

नई दिल्ली, 01 अगस्त, 2016। झालावाड़ बारां के सांसद श्री दुष्यंत सिंह ने लोकसभा में ‘‘मौसम परियोजना’’ का मुद्दा उठाते हुए केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय से जानकारी चाही कि मौसम परियोजना की स्थापना का उद्देश्य एवं इसके कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार किन-किन देशों के साथ ऐतिहासिक समुद्रीय सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध को पुनः प्रवर्तित करने का प्रयास कर रही है।
सांसद श्री दुष्यंत सिंह के सवाल का जबाव देते हुए केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्राी (स्वतंत्रा प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि मौसम परियोजना संस्कृति मंत्रालय की पहल है, जिसे, नोडल समन्वय एजेंसी के रूप में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सहयोगी निकायों के रूप में राष्ट्रीय संग्रहालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की अनुसंधान सहायता से कार्यान्वित किया जाना है।

शर्मा ने बताया कि सरकार इस परियोजना के तहत 39 देशों के साथ ऐतिहासिक समुद्रीय सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को पुनःजीवित करना चाहती है। परियोजना के माध्यम से पूर्वी अफ्रीका, अरब प्रायद्वीप, भारत उपमहाद्वीप और श्रीलंका से लेकर दक्षिण पूर्वी एशियाई द्वीपसमूह तक हिंद महासागर के सांस्कृतिक, वाणिज्यक और धार्मिक क्रियाओं की विविधता का प्रलेखन करने के लिए पुरातत्वीय और ऐतिहासिक अनुसंधान का मिलान करते हुए बहुआयामी हिंद महासागर ‘विश्व’ की खोज करना है। यह परियोजना अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलनांे और बैठकों के जरिए और एक बहुविषयक दुष्टिकोण को अपनाकर, समुद्रतटीय मार्गो के अध्ययन से संबंधित विषयों का शोध को प्रोत्साहित करने की और भी लक्षित है। इस परियोजना के मुख्य उद्देश्यों में विश्व विरासत के रूप में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची मंे परा-राष्ट्रीय नामांकन के लिए डोजियर तैयार करना भी है।
शर्मा ने ’मौसम परियोजना‘ के विकास कार्याे के बारे में बताते हुए कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) को आंकड़ों और शोध परिणामों को संग्रह करने का कार्य सौंपा गया है जबकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विभिन्न मान्यता प्राप्त राज्य पक्षों के सहयोग से कार्यान्वयन नीति तैयार करने का कार्य सौंपा गया है। इस संबंध में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र ने सुविख्यात शिक्षाविदों के कई व्याख्यानों और एक प्रदर्शनी का आयोजन के साथ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मेक इन इंडिया योजना के अन्तर्गत मौसम परियोजना पर कार्यशालाओं का आयोजन किया।
सांसद श्री दुष्यंत सिंह द्वारा पूछे गए मौसम परियोजना में चाइनीज मैरिटाइम सिल्क रोड़ प्रोजेक्ट की भागीदारी से संबंधित अन्य सवाल का जबाव देते हुए केंद्रीय मंत्राी ने कहा कि चीन निश्चित रूप से इस परियोजना का एक अभिन्न अंग है, और सिल्क रूट एवं कांसी से काशगर तक के विभिन्न रूट्स मंत्रालय की मौसम परियोजना कार्यनीति में शामिल है। सरकार इस परियोजना के सभी भागीदारों के साथ निरंतर चर्चा कर रही है।

फ़िरोज़ खान बारां राजस्थान

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