केंद्रीय क़ानून मंत्री सलमान ख़ुर्शीद ने इस आरोप से इंकार किया है कि उनकी स्वयंसेवी संस्था ने कई ज़िलों में विकलांगों की सहायता के नाम पर बिना कैंप लगाए ही 71 लाख रूपए सरकारी आर्थिक सहायता के तहत प्राप्त किए थे.
लंदन से वापस लौटने के बाद दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में सलमान ख़ुर्शीद ने इन कैंपों की तस्वीरें और उनसे संबंधित क़ाग़ज़ात पेश किए.
स्थानीय टीवी चैनल को दिए गए एक साक्षात्कार में सलमान ख़ुर्शीद ने धोखाधड़ी के सारे मामले की जांच करवाए जाने की बात कही है.
‘मानहानि का दावा’
उनके साथ इस कांफ़्रेंस में कुछ स्थानीय लोग भी मौजूद थे जो इन कैंपो में शामिल हुए थे.
हालांकि कुछ ही देर में ये प्रेस वार्ता सलमान ख़ुर्शीद और वहां आए इंडिया टुडे समूह के टीवी पत्रकारों के बीच वाद-विवाद में तब्दील हो गई.
इस कथित घोटाले को सबसे पहले इंडिया टुडे ग्रुप के हिंदी समाचार चैनल आज तक ने उठाया था.
सलमान ख़ुर्शीद ने कहा कि वो आज तक के ख़िलाफ़ मानहानि का दावा कर रहे हैं.
‘चैनल पर जांच’
पूरी प्रेस वार्ता के दौरान आज तक चैनल के पत्रकार केंद्रीय क़ानून मंत्री से बार-बार एक ही सवाल दुहराते हुए दिखे, और कई बार बात सवाल पूछने और जवाब देने से आगे बढ़ती हुई दिखी.
सलमान खुर्शीद ने साफ किया कि उन पर लगाए गए आरोप उनके राजनीतिक दल यानी कांग्रेस के ख़िलाफ़ नहीं बल्कि उनका व्यक्तिगत मामला है.
लगभग पौने दो घंटे लंबी चली प्रेस वार्ता में केंद्रीय क़ानून मंत्री ने ये आरोप लगाया कि मीडिया ने कुछ मामलों को एकतरफ़ा तौर पर पेश किया है और उनकी पूरी जांच करने की कोशिश नहीं की.
उन्होंने इंडिया टुडे समूह के मालिक अरूण पुरी के ख़िलाफ़ भी जांच की मांग की.