राजस्थान की राजनीति में तूफान मचाने वाले दारा सिंह फर्जी एनकाउंटर मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ को सरेंडर करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में राठौड़ पर आरोप मुक्त करने के जयपुर की अधीनस्थ अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है।
न्यायाधीश अजय रस्तोगी की पीठ ने राठौड़ को आरोप मुक्त करने को चुनौती देने वाली सीबीआई और दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी की निगरानी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि राठौड़ अगर सरेंडर नहीं करते हैं तो अधीनस्थ अदालत आवश्यक कार्रवाई करे। सीबीआई के वकील सरफराज खान ने बताया कि राठौड़ को सीबीआई अथवा अदालत में सरेंडर करना होगा। वहीं सुशीला देवी के वकील एस.के. सिन्हा के मुताबिक राठौड़ को अब अदालत, पुलिस या सीबीआई के सामने सरेंडर करना होगा। वहीं राठौड़ के वकील अजय कुमार जैन ने कहा कि अदालत के विस्तृत फैसले की कॉपी नहीं मिली है। फैसले की कॉपी मिलने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने पर विचार होगा। गौरतलब है कि मामले में सभी पक्षकारों की बहस 6 अक्टूबर को पूरी हो गई थी। याचिकाओं में सीबीआई और सुशीला देवी ने जिला और सेशन न्यायाधीश जयपुर के 31 मई के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें राजेंद्र राठौड़ को आरोप तय होने के स्तर पर ही आरोप मुक्त कर दिया था। हाईकोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 4 जुलाई को राजेंद्र राठौड़ को नोटिस जारी किए थे। सीबीआई ने दारा सिंह एनकाउंटर केस में राठौड़ को 5 अप्रैल 2012 को गिरफ्तार कर उन्हें हत्या के आपराधिक षड्यंत्र का आरोपी माना था। लेकिन 31 मई को जयपुर जिला और सेशन न्यायाधीश ने राठौड़ को आरोप मुक्त कर दिया था। राठौड़ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निकट माने जाते हैं। वसुंधरा को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किए जाने को लेकर प्रदेश भाजपा के एक गुट द्वारा चलाए जा रहे अभियान की अगुवाई राठौड़ ही कर रहे हैं, वसुंधरा राजे द्वारा अगले माह से प्रदेश शुरू की जाने वाले परिवर्तन यात्रा की पूरी रणनीति भी उन्होंने ही बनाई है। राठौड़ के मामले में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय से वसुंधरा राजे को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट का निर्णय आने के बाद वसुंधरा राजे ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों एवं भाजपा के केंद्रीय नेताओं से फोन पर आगामी रणनीति के बारे में बात की, वहीं प्रदेश भाजपा के नेता भी नई रणनीति बनाने में जुट गए हैं। अभी तक यह तय नहीं हो सका की राठौड़ सरेंडर करेंगे या नहीं और करेंगे तो कब करेंगे।
कब क्या हुआ
-23 अक्टूबर 2006: एसओजी से कथित मुठभेंड में अवैध शराब का धंधा करने वाले दारासिंह की मौत
-19 जनवरी 2007: सरकार ने जांच के लिए कमेटी का गठन किया
-22 दिसंबर 2009: आईएएस रोहित कुमार सिंह ने जांच रिपोर्ट सौंपी
-9 अप्रैल 2010: सुशीला देवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए।
-11 मार्च, 2011: चार पुलिसकर्मी गिरफ्तार हुए
-14 मई 2011: पोन्नूचामी गिरफ्तार
-26 मई 2011: थानेदार मुंशीलाल गिरफ्तार
-3 जून 2011: चार्जशीट दाखिल
-25 अगस्त 2011: आरोप तय
-9 नवंबर 2011: एएसपी अरशद अली ने कोर्ट में सरेंडर किया
-27 फरवरी 2012: एडीजी एके जैन ने सरेंडर किया
-5 अप्रैल 2012: भाजपा विधायक राजेन्द्र सिंह राठौड़ गिरफ्तार
-31 मई 2012: राजेंद्र सिंह राठौड़ आरोपमुक्त।