लेकिन कहते हैं ना कि पाप की लंका एक दिन जरूर ढहती है और आपको अपने गुनाहों का फल इसी दुनिया में भुगतना होता है । वही आसाराम के साथ हुआ। सोचिए उस नाबालिग के बारे में, जिसने आसाराम जैसे धनशाली ,बलशाली और शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी और उसे अंजाम तक पहुंचाया । वरना जिस आसाराम के सामने देश के प्रधानमंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री तक मत्था टेकते रहे हो,उसके सामने एक सामान्य परिवार की बच्ची और उसके अभिभावकों की क्या हैसियत होगी? लेकिन इस बच्ची ने सच के साथ खड़े होकर देश की हजारों बच्चियों को भविष्य में आसाराम और उस जैसे दुष्कर्मी बाबाओं की हवस का शिकार होने से बचा लिया।
जवाब इस सवाल का भी ढूंढना होगा कि आखिर इन बाबाओं के पास ऐसा कौन सा चमत्कार होता है कि इनकी अधिकांश महिलाए अंधभक्त होती है और वह इनके लिए जान देने तक पर उतारू होती है? और इस का भी कि ऐसे दुष्कर्मी और चरित्रहीन बाबाओं को राजनीतिक संरक्षण क्यों मिलता है । क्या सिर्फ वोटों के लिए नेता समाज और महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ कर सकते हैं?
ओम माथुर/9351415379