ऽ आने वाले पंचायतीराज चुनावों में चुनाव सिंबल मिले मतदान के 10 दिन पहले
ऽ महिला जनप्रतिनिधियों ने अपने पांच साल के अनुभवों को किया साझा
ऽ दिया नारा-अबकी बार महिला पंचायत
जयपुर, 10 अक्टूबर। प्रदेष में अगले वर्ष जनवरी-फरवरी में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव प्रस्तावित है। इन चुनावों से पहले आज जयपुर में महिला जनप्रतिनिधियों ने प्रषासनिक अधिकारियों के समक्ष चुनाव सुधार को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए अपना एक मांग पत्र जारी किया। कहा कि पंचायतीराज चुनावों में चुनाव सिंबल मतदान के 10 दिन पहले दिए जाए ताकि प्रचार का समय मिल पाए। वोटों की गिनती का कार्य पंचायत चुनाव के दौरान सरपंचों एवं वार्ड पंचों के मतगणना को कार्य 2 से 4 दिवस पष्चात ब्लॉक स्तर पर किया जाए। ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान 1 से 2 सप्ताह का समय दिया जाए। ये महिला जनप्रतिनिधि आज द हंगर प्रोजेक्ट राजस्थान की ओर से महिला जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद कार्यक्रम में आई थी। इस संवाद कार्यक्रम में राजसमंद जिले के खमनोर, रेलमगरा, कुम्भलगढ़ ब्लाॅक,, सिरोही जिले के पिण्डवाडा ब्लाॅक, जयपुर के चाकसू ब्लाॅक, टोंक जिले के निवाई ब्लाॅक से 24 महिला सरपंचो ने भागीदारी निभाईं।
द हंगर प्रोजेक्ट राजस्थान के कार्यक्रम अधिकारी विरेन्द्र श्रीमाली ने बताया कि द हंगर प्रोजेक्ट राजस्थान महिला जनप्रतिनिधियों के सशक्तिकरण हेतु गत 19 वर्षों से कार्यरत है। वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव के पष्चात लगातार 5 साल से महिला जनप्रतिनिधियों के क्षमतावद्र्वन का कार्य किया जा रहा है। आज इस संवाद के माध्यम से जनवरी एवं फरवरी 2020 में प्रस्तावित पंचायत राज चुनाव मंे सुधार के क्रम में पंचायती राज विभाग एवं राज्य निवार्चन आयोग के समक्ष मुद्दों पर संवाद किया गया है। संवाद कार्यक्रम में महिला जनप्रतिनिधियों ने षासन एवं प्रषासन के समक्ष पिछले 5 साल में किए गए छाप छोड़ने एवं विरासत वाले कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही स्थानीय स्वषासन के तहत पंचायतों में प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मांगे रखी।
संवाद कार्यक्रम में पूर्व प्रषासनिक अधिकारी राजेंद्र भानावत ने कहा कि आप सभी महिला जनप्रतिनिधियों को अपने अधिकारों को हक के साथ लेना होगा। आपकी असली ताकत वे लोग हैं जिन्होंने आप को वोट देकर चुना है। अतः आप अपनी पंचायत के जो काम के प्रस्ताव ले वे जनता के हित से जुड़े हो और उन प्रस्तावों में उनकी पूर्ण सहमति हो। राजस्थान इलैक्षन वाॅच से जुड़े कमल टांक ने चुनावों के दौरान निगरानी का काम करें। मतदान के दौरान किसी प्रलोभन में नहीं आए और साफ सुधरा चुनाव हो सके इसकी पहल करें।
राज्य निर्वाचन आयोग के सहायक सचिव उŸाम सिंह देरणा ने कहा कि महिला जनप्रतिनिधियों की इन मांगों को वे सरकार तक पहुंचाएंगे। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के सहायक निदेषक आर सी षर्मा व एसीपी उप निदेषक उमेष जोषी ने जन सूचना पोर्टल के बारे में जानकारी दी।
अपने अनुभवों को किया साझाः- राजसमंद जिले के खमनोर ब्लॉक की सेमा ग्राम पंचायत की सरपंच मनु ंगायरी पहली बार सरपंच बनीं। अपने कार्यकाल के दौरान ही उन्होंने अपनी षिक्षा को आगे जारी रखा और 12वीं पास की। वह षिक्षा के महत्व को भली भांति समझती है। पंचायत के जनजाति छात्रावास में अनुसूचित जनजाति की 50 बालिकाओं का प्रवेष दिलवाया। उन्होंने पंचायत की माॅडन सरकारी स्कूल में बिल्ंिडग का निर्माण करवाया। राजसमंद जिले के खमनोर ब्लाॅक की गांवगुडा की सरपंच गणेषी देवी ने अपनी पंचायत में 4 षमषान घाट पर हैंडपंप लगवाएं ताकि अंतिम संस्कार में आने वाले लोगों को नहाने धोने में कोई समस्या नहीं हो। उन्होंने वेर की भांगल गांव की लड़कियों को षिक्षा से जोड़ा। गणेषी देवी ने अपनी पंचायत में नरेगा मजदूरों को 100 दिन का पूरा काम दिलवाया।
राजसमंद के रेलमगरा ब्लाॅक की कोटड़ी ग्राम पंचायत की सरपंच रेखा जाट भी अपनी पंचायत में पानी की समस्या को दूर किया। उन्होंने पंचायत के दो गांवों में आरओ प्लांट लगवाए हैं। खमनोर ब्लाॅक की करौली ग्राम पंचायत की सरपंच रूकमणी जटिया की पंचायत में महिलाओं के लिए सार्वजनिक जगहों पर स्नानघर नहीं थे। इस कारण अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के बाद महिलाओं को नहाने धोने में समस्या आती थी। रूकमणी देवी ने इस समस्या का हल निकाला और पंचायत में महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्नानघर बनवाए। सिरोही जिले की पिण्डवाडा ब्लाॅक की ग्राम पंचायत बसंतगढ़ की सरपंच सोमी देवी ने अपनी पंचायत में बालिका षिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने महिला हिंसा की रोकथाम के लिए काम किए।
चुनाव सुधार के लिए की मांगः- संवाद कार्यक्रम में पंचायती राज विभाग से आए अधिकारियों को महिला सरपंचों ने एक ज्ञापन देकर चुनाव सुधार के लिए महत्वपूर्ण मांगे रखी। पंचायत चुनाव के दौरान गांव वार पोलिंग बूथ बनाए जाने की मांग की गई। पंचायत राज के तीनों स्तर के चुनाव हेतु मतदान एक ही दिन में कराने, जिला ब्लाॅक एवं ग्राम पंचायत स्तर हेतु आरक्षित सीट एवं उम्मीदवार की योग्यताओं से संबंधी जानकारी कम से कम 3 माह पूर्व सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने, चुनाव के दौरान सुलभ जानकारी हेतु एक हेल्पलाइन चलाए जाने की मांग भी की। महिला सरपंचों ने मांग रखते हुए कहा कि पंचायत चुनाव संबंधी तथ्य का संकलन कर ऑनलाइन किया जाए। वोटों की गिनती का कार्य पंचायत चुनाव के दौरान सरपंचों एवं वार्ड पंचों के मतगणना को कार्य 2 से 4 दिवस पष्चात ब्लॉक स्तर पर किया जाए। ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान 1 से 2 सप्ताह का समय दिया जाए। संवाद में आई महिला सरपंचों ने राज्य सरकार एवं राज्य निर्वाचन आयोग से अपेक्षा की कि आगामी पंचायत चुनाव 2020 के दौरान उम्मीदवारों को कम से कम 1 से 2 सप्ताह का समय प्रचार हेतु अवश्य दिया जाना चाहिए। राजस्थान में ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान मात्र 1 दिन में ही नामांकन, नामांकन पत्रों की जांच, नाम वापसी एवं चुनाव चिन्ह आवंटन कर अगले दिन सुबह 7 बजे मतदान प्रारंभ हो जाता है। इस कारण महिला संगठनों की मांग है कि आगामी पंचायत चुनाव के मद्देनजर ग्राम पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को प्रचार का पूरा समय दिया।
स्थानीय स्वशासन एवं स्थानीय निकायों को सीधे अनुदान का हस्तानांतरण होः-महिला सरपंच संगठनों की ओर से केंद्रीय वित्त आयोग से मांग की गई है कि स्थानीय स्वशासन एवं स्थानीय निकायों को सीधे अनुदान का हस्तानांतरण हो। 73वें संविधान की मूल अवधारणा के अंतर्गत पंचायत राज संस्थाओं को 11वीं अनुसूची में वर्णित 29 विषयों का पूर्ण रूपेण हस्तारण किया जाए जिससे ग्राम पंचायतें स्थानीय शासन की महत्वपूर्ण इकाई के तहत विकासात्मक कार्यों का मजबूती के साथ संपन्न कर सके। पंचायत स्तर पर समय पर राषि का हस्तारण होता है पर पंचायतों की जनसंख्या एवं क्षेत्रफल दृष्टि से यह राशि प्राप्त नहीं है। केंद्रीय वित्त आयोग की राशि को खर्च करने हेतु ग्राम पंचायत पर शर्त नहीं रखी जाए। वार्ड पंच का मानदेय प्रति बैठक किया जाना चाहिए। कम से कम न्यूनतम मजदूरी के साथ जोड़ा जाए। राजस्थान में विकेन्द्रित प्रक्रिया तहत हस्तांतरित 5 विभागों का बजट सीधा ग्राम पंचायतों में आना चाहिए। आदिवासी क्षेत्रों में पेसा गांव (राजस्व) के लिए बजट प्रावधान उनकी आवश्यकताओं को देखते हुए अलग से रखने का प्रावधान हो।
( विरेन्द्र श्रीमाली )
कार्यक्रम अधिकारी
मो. 9413340182