सम्मान (लघुकथा)

जगदीश राय
गाँव के एक क्लब की ओर से सेमीनार करवाने का फैसला लिया गया । क्लब के अध्यक्ष और कुछ स्दस्य सेमीनार के बारे में राजनेताओं, समाजसेवियों और पत्रकारों को बताने के लिए शहर गए । एक पत्रकार से क्लब के अध्यक्ष ने निवेदन किया, ‘हम क्लब की ओर से सेमीनार करवा रहे हैं, कवरेज के लिए आपको पधारना है ।’
‘किस दिन’ ? ना जी, उस दिन तो समय बिलकुल नहीं । मंत्री जी का दौरा है और…..।’
‘हमें पता है जी, वह तो सुबह आ रहे हैं । हमने प्रोग्राम शाम का रखा है ।’ अध्यक्ष जी बोले ।
‘ओह तो भी, मंत्री जी की कवरेज के बाद ओर बहुत कुछ चलता रहता है, इसलिए समय नहीं निकल पाएगा ।’
हमने भी प्रोग्राम के बाद बहुत कुछ रखा है, जनाब ।’
‘अध्यक्ष जी आप साफ साफ क्यों नहीं बताते, छुपाए क्यों जाते हो ?’ क्लब के सदस्य ने कहा ।
‘दरअसल उस दिन आप का सम्मान भी करना है ।’
‘अच्छा अच्छों चलो निकाल लेंगे समय ।’ पत्रकार की आवाज थोड़ी बदली हुई थी।
‘यह तो आप को पता ही होगा कि सम्मान में ग्यावह सौ रुपए, शाल और मोमैंटो आदि भी होगा ।’ क्लब के अन्य सदस्य ने बीच में ही कहा ।
‘ओह जी कोई ना, मै……आप चिंता न करो, मेरे और साथी पत्रकार भी आएंगे । मैं कह दूंगा, पूरी कवरेज होगी ।’#

जगदीश राय कुलरियाँ
46, र्इम्पलाइज कालोनी,
बरेटा जिला मानसा (पंजाब)-151501

सिंधी अनुवाद
सनमान

गायत्री
गोठ जी हिक संस्था पारां सेमीनार कराइण जो फैसलो कयो वियो। संस्था जो सदर ऐं कुझ मेम्बरान सेमीनार जे बारे में राजनेताउनि , समाजसेवियुनि ऐं पत्रकारनि खे जाण डियण लाए शहर विया। हिक पत्रकार खे संस्था जे सदर अर्जु कयो त, “असां संस्था तरफ़ा सेमीनार कराए रहिया आहियूं । मेहरबानी करे कवरेज़ लाए ज़रूर अचजो।”
“कहिडे डीहुं? न भाई न, हुन डीहुं त असुल टाईम ई कोन्हे। मंत्रीअ जो दौरो आहे ऐं…”
“असां खे खबर आहे साईं। पर मंत्री त सुबुह जो अचणो आहे, असां जो प्रोग्राम त शाम जो आहे।” सदर चयो।
“हा, हा, पर मंत्रीअ जी कवरेज़ खां पोए बि घणो कुझ हलन्दो रहिंदो आहे। इन्हीअ करे टाईम न निकरी सघन्दो।”
” ज़नाब, असां बि त प्रोग्राम खां पोए घणो कुझ रखियो आहे।” सदर जी गाल्ह जे विच में ई हिक मेम्बर चयो, ” सदर साहब, तव्हां बि साफ-साफ छो नथा बुधायो? लिकायो छो पिया?”
“दरअसुल गाल्ह इहा आहे त हुन डीहुं तव्हां जो बि सनुमान करनो आहे।” सदर गाल्ह पूरी कई ।
” ओ अच्छा, त इहा गाल्ह आहे। ठीक आहे थोडो टाईम कडी छडिबो।” हाणे पत्रकार जो लहिजो थोडो बदलियलि हुओ।
“तव्हां खे खबर ई हून्दी त सनमान में 1100 रुपया नगदु डियण जो फैसलो कयो वियो आहे। …ऐं गडु में शाल, मोमेंटो बि डिबो।” संस्था जे बिये मेम्बर जाण में इजाफो कयो।
“ओह, अरे साईं…मां…त व्हां असुल चिन्ता न कयो। मूं सां गडु बिया साथी पत्रकार बि इन्दा। मां पा

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