लाहौर। पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर हुए जानलेवा हमले के बाद जेल अधिकारियों के निलंबन की घोषणा हवाई साबित हुई। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने जेल अधिकारियों को इस घटना के बाद केवल नोटिस इश्यू किया था। जानकारी के मुताबिक आज तक भी इस मामले में किसी भी अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि सरबजीत पर हुए जानलेवा हमले के बाद अंतरिम सरकार ने अधीक्षक मोहसिन रफीक, सहायक अधीक्षक इश्तियाक अहमद गिल और सवर सुमेरा समेत सात लोगों को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में केवल इतना ही पूछा गया था कि इस घटना के बाद सरबजीत की रक्षा न कर पाने को लेकर क्यों न उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए। इस मामले में डिप्टी इंसपेक्टर जनरल ऑफ पुलिस जेल मलिक मुबाशिर ने अपनी जांच में रिपोर्ट में कई तरह की खामियां बताई, लेकिन उन्होंने इसमें किसी की भी जिम्मेदारी तय नहीं की।
पाकिस्तान के मुख्यमंत्री नजम सेठी ने आईजी जेल फारुख नाजिर के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर कुछ नहीं कहा। वहीं सरकार ने इस हमले के बाबत और उसके इलाज के बाबत किसी तरह की मीडिया ब्रीफिंग भी देने कोई कोशिश नहीं की है।
गौरतलब है कि सरबजीत के वकील अवाइस शेख ने इस तरह के हमले के लिए पहले ही जेल प्रशासन को अगाह किया था और सरबजीत की सुरक्षा बढ़ाए जाने को कहा था। दिल्ली में अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद से ही सरबजीत को इस तरह के हमले की धमकियां मिल रही थीं। जेल अधिकारियों का कहना है कि इन धमकियों के मद्देनजर सरबजीत की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।