सिंधी भाषा के संरक्षण के लिए नई पीढ़ी आगे आए

thadaniबीकानेर। विश्वास वाचनालय की ओर से सिंधी भाषा की समस्याएं एवं चुनौतियों के विषय पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में बोलते हुए राजस्थान सिंधी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ लाल थदानी ने कहा कि वर्तमान में सिंधी भाषा अपने संक्रमण काल से गुजर रही है तथा नई पीढ़ी को इसके संरक्षण के लिए आगे आने की आवश्यकता है। गोष्ठी में मुख्य अतिथि अनिल तुलस्यानी ने कहा कि सिंधी भाषी को देवनागरी लिपि में अधिकाधिक रूप से प्रयोग करना चाहिए ताकि छात्र इस भाषा से गंभीरता से परिचित हो सकें। गोष्ठी के अध्यक्ष लालचंद तुलस्यानी एवं विशिष्ट अतिथि पवन देवानी ने भाषा मं आधुनिक दबावों पर चर्चा की। गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार देवी चंद खत्री, मोहन थानवी, रंगकर्मी नानक हिंदुस्तानी तथा युवा सामाजिक कार्यकर्ता टीकम पारवानी, किशन सदारंगानी ने सिंधी भाषा के समक्ष आने वाली विभिन्न चुनौतियों की चर्चा की। गोष्ठी में अर्जुन आवतरमाणी, सुरेश केशवानी, अशोक खत्री, अनिल डेमला, द्वारका सदारंगानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व कार्यक्रम का संचालन तथा विषय प्रवर्तन करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेश हिंदुस्तानी ने कहा कि सिंधी भाषा अपने आप में एक समृद्ध भाषा है तथा इसके विभिन्न स्वरूपों को बचाए रखने के लिए महती कार्य की आवश्यकता है। इस अवसर पर डॉ लाल थदानी का सम्मान नगर की विभिन्न संस्थाओ की ओर से किया गया।
– किशन सदारंगानी

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