पत्रिका में तबादले, ज्ञानेश उपाध्याय अजमेर के संपादक

rajasthan patrikaराजस्थान पत्रिका में तबादला महाकुंभ चल रहा है। पत्रिका में राजस्थान के सभी संपादकों को हटा दिया गया है। अजमेर के चीफ रिपोर्टर अमित वाजपेयी को कोटा का संपादक बनाया गया है। वे भुवनेश जैन के करीबी हैं इसलिए पहली पोस्टिंग में ही बड़ी ब्रांच दी गई है। गौरव जैन को भीलवाडा, अरविंद मोहन को पाली, उपेन्द्र शर्मा को बीकानेर, सिकंदर पारीक को बांसवाडा, ज्ञानेश उपाध्याय को अजमेर, अनिल कैले को सीकर, प्रदीप शेखावत को अलवर, राजेश कसेरा को जोधपुर का संपादक बनाया गया है।

इसमें से अरविंद मोहन को बांसवाडा से पाली भेजा गया है। अनिल केले को अलवर से सीकर भेजा है। प्रदीप शेखावत को जोधपुर से अलवर लगाया गया है। भीलवाडा के संपादक जयप्रकाश सिंह और कोटा के संपादक रहे संदीप राठौड को प्रबंधकीय प्रशिक्षण के लिए भोपाल भेजा गया है। दोनों ही पत्रिका में सफल संपादक रहे हैं। भीलवाडा संस्करण की हालात खराब थी और जयप्रकाश सिंह ने उसमें जान फूंकने का काम किया है। ऐसा ही काम संदीप राठौड ने कोटा में किया है। कोटा का एडीशन हमेशा पिटा हुआ माना जाता था जो अब पत्रिका के श्रेष्ठ एडीशन में शामिल हो गया है।

तबादलों की इस आंधी में कई लार टपकाते ही रह गए। ग्वालियर के संपादक सिद्धार्थ भट्ट बरसों से कोटा के संपादक की कुर्सी पर दृष्टि गड़ाए बैठे हैं। उनकी उम्मीद पर पानी फिर गया है। लोक सभा चुनाव से पहले इतना बड़ा फेरबदल चर्चा का विषय हो गया है। चुनाव के बाद पत्रिका मध्यप्रदेश में अपने एडीशनों में भी तबादला महाकुंभ चलाएगी। अब वहां के संपादकों को जमीन सुंघाने की बारी है।

राजस्थान में जयप्रकाश सिंह को प्रबंधन की ट्रेनिंग दिला कर पत्रिका उनका दोहरा उपयोग कर रही है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें इंदौर अथवा भोपाल का ही मैनेजर और संपादक दोनों बनाने की तैयारी चल रही है। पत्रिका ने इस बार गोरव जैन, अमित वायपेयी, सिकंदर पारीक और उपेन्द्र शर्मा को चीफ रिपोर्टर से संपादक बना दिया है। लेकिन प्रतिभाशाली जग्गो सिंह धाकड़ और जगदीश परालिया की अनदेखी कर दी है। इन दोनों को दो साल से संपादक बनाने का झुनझुना पकड़ा रखा है।

एक पत्रिका कर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित. http://bhadas4media.com

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