तकनीकी विश्वविद्यालय के बारे में अनिता के सवालों के जवाब

अनिता भदेल
अनिता भदेल

प्रश्न- (1) क्या यह सही है कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के अवलोकन हेतु परीक्षार्थियों से 1000 रुपये की राशि ली जा रही है ? यदि हां, तो किस नियम के अन्तर्गत ? विवरण सदन की मेज पर रखें।

(2) क्या यह भी सही है कि उत्तर पुस्तिका के अवलोकन की समय सीमा केवल 10 मिनट ही निर्धारित है ? यदि हां, तो क्या यह भी सही है कि 1000 रुपये की भारी राशि लेकर केवल 10 मिनट का समय अवलोकन हेतु देना तार्किक है ? कारण सहित विवरण सदन की मेज पर रखें।
(3) क्या यह सही है कि पुनर्मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय द्वारा 200 रुपये की फीस निर्धारित की गई है ? यदि हां, तो अवलोकन हेतु 1000 रुपये की राशि क्यों ?
(4) राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा व्यवस्थाओं एवं प्रश्न पत्र तैयार करने में अनेकों खामियों, परीक्षा मूल्यांकन में असीमित अनियमितताएं और परीक्षा परिणाम में अत्यधिक विलम्ब होने के उपरान्त भी सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति एवं परीक्षा नियंत्रक के विरुद्ध आज तक कोई कार्यवाही कारित क्यों नहीं की गई ? कारण सहित विवरण सदन की मेज पर रखें।
(5) क्या यह सही है कि आर.टी.यू. के गलत परिणाम के कारण अजमेर इंजीनियरिंग कॉलेज बडल्या में अध्ययनरत छात्र सुजीत ने 17 फरवरी, 2012 को आत्महत्या कर ली थी ? यदि हां, तो क्या सरकार उपरोक्त विश्वविद्यालय की समस्त कार्यप्रणाली की समीक्षा करने का विचार रखती है ? यदि हां, तो कब तक व नहीं, तो क्यों ?
उत्तर-
क्र.सं.
उत्तर
1. जी हाँ।
विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल द्वारा पारित प्रावधान के तहत परीक्षार्थियों से उत्तर पुस्तिकाओं के अवलोकन हेतु 1000/- रुपये का शुल्क निर्धारित है। विवरण परिशिष्ट-1 पर उपलब्ध है।
2. सामान्यतरू छात्र को अवलोकन हेतु 10 मिनट का समय प्रदान किया जाता है। इस प्रक्रिया में छात्र द्वारा अंक गणना व किसी प्रश्न की जाँच न होने के बारे में ही आक्षेप प्राप्त किये जाते हैं, जिसके लिए यह समय पर्याप्त है। विशेष परिस्थितियों में छात्र के अनुसार अतिरिक्त समय भी दिया जाता है।
3. जी नहीं।
पुनर्मूल्यांकन के लिए रुपये 250.00 का शुल्क निर्धारित है। विवरण परिशिष्ट-2 पर उपलब्ध है। यह उत्तर पुस्तिका अवलोकन से सर्वथा पृथक् प्रक्रिया है।
4. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा यथोचित समय में परीक्षा परिणाम घोषित किये जा रहे हैं। इस वर्ष का परिणाम 20 जून 2014 को मात्र 25 दिवस में घोषित किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रश्न पत्र/ मूल्यांकन में अनियमितता पाये जाने पर परीक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक / दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है।
5. प्रकरण में आदर्श नगर पुलिस थाना अजमेर द्वारा तफतीस में पाये गये तथ्य निम्नानुसार हैरू-
श्श्छात्र सुजीत कुमार द्वारा परीक्षा में बैक के कारण फांसी का फंदा लगाने से मृत्यु हुई उनकी मृत्यु में और कोई शक शुभा नहीं है।श्श् इसमें गलत परीक्षा परिणाम की कोई पुष्टि नही हुई है।
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