अजमेर 16 जून। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिष्ती के वंषानुगत सज्जादानषीन एवं आध्यात्मिक प्रमुख दरगाह दीवान सैय्द जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि कट्टरपंथी संगठन योगा दिवस का विरोध करके मुसलमानों में भ्रम के हालात पैदा कर रहे है, योगा शारीरिक व्यायामक का प्रमुख साधन है ना कि किसी प्रकार की धार्मिक क्रिया का हिस्सा इसे नमाज या किसी मजहबी अमल से जौड़ना सरासर गलत है कट्टरपंथी संगठन इसमें भ्रम फैलाकर मजहबोें के बीच वैम्नस्य फैलाने की साजिष रच रहे है।
आध्यात्मिक प्रमुख अजमेर, दरगाह दीवान सैय्द जैनुल आबेदीन अली खान ने सोमवार को जारी ब्यान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर सयुंक्त राष्ट्र सहित समुचा विष्व 21 जून को योग दिवस मनाने की तैयारियां कर रहा है जो भारत के लिये सम्मानजनक बात है। उन्हाने कहा कि प्रधानमंत्री का वोह फैसला जिसमें सूर्य नमस्कार को योगा क्रियाओं से निकालने के लिये लिया है स्वागत करने योग्य है ऐसा करके प्रधानमत्री सभी धमौं कि धार्मिक भावनाओं का आदर करते हुऐ मुल्क की साम्प्रदायिक सदभावना को अधिक संम्बल प्रदान किया है ऐसा कदम धार्मिक कट्टरपंथियों को करारा झटका है जो मुल्क का माहौल खराब करने का इरादा रखते है जबकि योग का धर्म और धार्मिक क्रियाओं से दूर दूर तक कोई वास्ता है ही नहीं ये तो शारीरिक व्यायाम की एक प्राचीन भारतीय पद्धति है।
आध्यात्मिक प्रमुख ने कहा कि अनुसंधानों में यह भी साबित हुआ है कि योग से मधुमेह, अस्थमा और हृदयरोग जैसी जटिल बीमारियां भी बिना किसी औषधि और उपचार के नियंत्रित की जा सकती है। चिकित्सा विज्ञान दवाओं और इलाज के बावजूद रोग के ठीक होने या उसे काबू करने की गारंटी नहीं लेता परंतु योग तो निश्चित आश्वासन देता हैं क्योंकि यह शरीर में मौजूद रोग प्रतिरोधक क्षमता से तालमेल बिठाता है इसलिये मौजूदा दौर की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में इन्सान की शारीरिक स्वस्थ्ता के लिये योग अतयन्त आवष्यक है जो लगभब 100 बिमारियों में रोगीयों को फायदा पहुंचा रहा है यही कारण है विज्ञान के इस आधुनिक युग में भी चिकित्सक दवाईयों के साथ योगा करने की सलाह भी दे रहे है इससे सिद्ध होता है कि योग इन्सानी जिन्दगी के लिये महत्पूर्ण है।
आध्यात्मिक प्रमुख अजमेर दरगाह, दीवान सैय्द जैनुल आबेदीन अली खान ने देष के मुसलमानों से अपील करते हुऐ कहा कि भारत सरकार 21 जून को व्यापक स्तर पर योग दिवस मनाने की तैयारी कर रही है। अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ कई लोगों के योग करने से इसे गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी हैं। ऐसे में कट्टरपंथियों द्वारा फैलाऐ गऐ भ्रम का षिकार ना होते हुऐ 21 जून को योग दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर योग दिवस को काममयाब करें ताकि भारतीय मुसलमान वैष्वीक स्तर पर एक मिसाल के रूप मे नजर आऐं जबकि प्रधानमंत्री ने योग की क्रियाओं में सूर्य नमस्कार जैसी विवादित और भ्रम फैलाने वाली क्रिया को हटा दिया है।