अजमेर / सरल मनुष्य और महान् वैज्ञानिक पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के निधन का समाचार सुन मन स्तब्ध और जिव्हा निःशब्द हो गई है। सदाचार, सादा जीवन उच्च विचार की जीवन्त मिसाल बनकर कलाम सदैव हमारे दिलों में जिन्दा रहेंगे। उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कला-साहित्य से जुड़े साधकों की स्मृति में कलाम साहब की वह कविता गूंज रही है जो आज की युवा पीढ़ी को सतत् प्रेरणा देती रहेगी-
‘हे भारतीय युवक
ज्ञानी-विज्ञानी
मानवता के प्रेमी
संकीर्ण तुच्छ लक्ष्य
की लालसा पाप है।
मेरे सपने बड़े
मैं मेहनत करूँगा
मेरा देश महान् हो
धनवान् हो, गुणवान् हो,
यह प्रेरणा का भाव अमूल्य है,
कहीं भी धरती पर,
उससे ऊपर या नीचे
दीप जलाए रखूँगा
जिससे मेरा देश महान् हो।‘
उमेश कुमार चौरसिया
रंगकर्मी व साहित्यसेवी
संपर्क-9829482601