अजमेर 30 दिसम्बर। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त निदेशक श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी कल 31 दिसम्बर को सूचना केन्द्र अजमेर से सेवानिवृत होंगे। लगभग 35 वर्ष तक सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में विभिन्न पदों पर सेवाएं देने के बाद श्री त्रिपाठी राजकीय सेवा से सेवानिवृत होंगे।
श्री त्रिपाठी का चयन सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में सहायक जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में हुआ और 18 अप्रेल 1980 को जोधपुर में कार्यभार ग्रहण किया। इसके पश्चात अजमेर व ब्यावर में 5 वर्ष तक सहायक जनसम्पर्क अधिकारी रहने के बाद दिसम्बर 1986 में श्री त्रिपाठी की पदोन्नति सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी चूरू के पद पर हुई। इसके बाद बीकानेर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजस्थान आवसन मण्डल जयुपर में जनसम्पर्क अधिकारी रहें। विशेष चयन के तहत अक्टूबर 1996 से सितम्बर 1997 तक महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वद्यिालय में उप कुलसचिव के पद पर कार्य किया। श्री त्रिपाठी की दिसम्बर 2008 में पदोन्नति सहायक निदेशक, फरवरी 2013 में उप निदेशक तथा 15 अक्टूबर 2015 को संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्न्ति हुई और राज्य सरकार ने अजमेर में ही पदस्थापित रखा।
श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी को वर्ष 2002 में उप राष्ट्रपति श्री भैंरो सिंह शेखावत द्वारा उपराष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया। मुख्यमंत्राी ने वर्ष 2002 में ही पत्राकारिता के प्रतिष्ठित माणक अवाॅर्ड से सम्मानित किया। 15 अगस्त 1996 को राज्य स्तरीय स्वाधीनता दिवस समारोह में सम्मान मिला तथा वर्ष 1999 में यूनेस्को फेडरेशन द्वारा भी राज्य स्तर पर सम्मानित किया। 15 अगस्त, 26 जनवरी के चूरू, बीकानेर, भीलवाड़ा व अजमेर में आयोजित जिला स्तरीय सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
पुष्कर में एक जनवरी 1956 को जन्मे श्री त्रिपाठी ने हिन्दी, काॅमर्स, पत्राकारिता में स्नातकोत्तर उपाधियां प्राप्त की और इन्दिरा गांधी ओपन यूनिर्वसिटी, कोटा यूनिर्वसिटी में पत्राकारिता के अध्यापन का कार्य भी किया।