विद्युत छीजत कम करना अब डिस्काॅम की पहली प्राथमिकता होगी

तकनीकी सुधारों के साथ प्रभावी निगरानी पर जोर
इंजीनियरों को व्यक्तिगत दायित्व निभाने की नसीहत

avvnl thumbअजमेर/जयपुर, 8 जून। भारी वित्तीय घाटे से जूझ रहे राजस्थान के तीनों विद्युत वितरण निगमों में अब वित्तीय हानि को रोकने के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा। यह निर्देश आज तीनों वितरण निगमों के जिला अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दिए गए।
कांफ्रेंस में वितरण निगमों के अध्यक्ष श्रीमत पाण्डे, प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय मल्होत्रा, ऊर्जा सलाहकार आर.जी. गुप्ता और जयपुर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेषक अनिल कुमार बोहरा ने छीजत कम करने के लिए अपने अपने सुझाव दिए और जिला अधिकारियों से भी उनकी राय पूछी।
डिस्काॅम अध्यक्ष पाण्डे ने प्रदेश के सभी उपखण्ड स्तर पर तेजी से बढ़ रहे वित्तीय घाटे पर चिन्ता जताई और कहा कि फील्ड में काम कर रहे अफसरों को इस पर अंकुश लगाने के लिए पूरा ध्यान देना होगा। उनका कहना था कि उदय योजना के तहत राज्य सरकार ने बहुत बड़ी राशि अपने उपर लेकर वितरण निगमों को राहत पहुंचाई है लेकिन उसके बाद भी हानि कम नहीं हो रही है जबकि 2018 तक वितरण निगमों को छीजत 15 प्रतिशत पर लानी है। पाण्डे ने कहा कि मुख्यमंत्राी ने भी इस पर चिंता जताई है और छीजत कम करने के काम को प्राथमिकता से लेने के निर्देश दिए हैं, ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि छीजत कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में तेजी से जुट जाएं। अध्यक्ष डिस्काॅम ने कहा कि इस कार्य के लिए तकनीकी सुधारों का सहयोग लेना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लापरवाही बरतने वालों को आगे चलकर परेषानी भुगतनी पड़ सकती है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय मल्होत्रा ने कहा कि छीजत कम करने के लिए सभी इंजीनियरों को मिशन के तौर पर काम करना होगा और एक अभियान के तौर पर इस कार्य को हाथ में लेकर चलना होगा तभी हम सफल हो पाएंगे। उन्होंने इसके लिए जिलों में काम कर रहे लोगों से भी अपने सुझाव देने को कहा जिससे छीजत रोकने की कार्ययोजना को और प्रभावी बनाया जा सके। मल्होत्रा ने छीजत कम करने के साथ ही सभी उपखण्ड कार्यालयों पर सही मीटर रीडिंग, सही बिलिंग और सुरक्षित बिजली आपूर्ति की व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए विधायकों और अन्य जन प्रतिनिधियों का सहयोग भी लिया जाए और प्रत्येक फीडर के वित्तीय घाटे को उन्हें बताकर गांवों में छीजत कम करने की जरूरत से अवगत कराया जाए।
ऊर्जा सलाहकार आर जी गुप्ता ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से छीजत कम करने के प्रभावी तरीकों से अवगत कराया और कहा कि तकनीकी सुधारों के माध्यम से भी इस पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। उनका कहना था कि फीडर को पहली इकाई मानकर वहीं से छीजत को रोकने के कदम उठाए जाएं। उन्होंने छीजत कम करने के लिए सुझाव दिया कि उपखण्ड स्तर के अधिकारी अपने यहां फीडरों को तीन भागों में विभाजित कर के एक-एक हिस्से में छीजत कम करने में जुटे तो उन्हें काम भारी भी नहीं लगेगा और 18 महिनों में सभी फीडरों पर छीजत आसानी से काबू में आ जाएगी।
जयपुर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक बोहरा ने जिन जिलों में उपखण्डों पर सर्वाधिक छीजत है उसकी विस्तार से जानकारी देते हुए जिलों के अधीक्षण अभियंताओं पर व्यक्तिगत जिम्मेदारी सौंपी कि वे स्वयं इन पर नजर रखे और रोजाना एमडी कार्यालय को प्रगति से अवगत कराए।
वीडियो कांफ्रेंस में पाण्डे ने सभी जिलों के अधिकारियों से छीजत रोकने की कार्ययोजना पर सुझाव मांगे और कहा कि जल्द से जल्द उन्हें ये सुझाव भेज दिए जाएं। पाण्डे ने पिछले एक साल में 11 प्रतिशत तक छीजत कम करने वाले उपखण्ड अधिकारियों की सराहना की और उनकी कार्यविधि के बारे में जानकारी देने को कहा।

error: Content is protected !!