पूर्व यूआईटी अध्यक्ष नरेन शाहनी पर गिरफ्तारी की तलवार

naren shahani 5अजमेर के बहुचर्चित लैंड फोर लैंड के मामले में 10 अगस्त को हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनीष भंडारी के समक्ष सुनाई हुई। न्यायाधीश भंडारी ने उपस्थित एसीबी के अधिकारियों से कहा कि जब जांच में आरोपियों को दोषी माना गया है तो फिर जल्द से जल्द संबंधित न्यायालय में चार्जशीट पेश की जाए। न्यायाधीश भंडारी के इस आदेश से अब अजमेर नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष नरेन शाहनी, पूर्व सचिव निशु अग्निहोत्री (आरएएस), दलाल महेश अग्रवाल व मनोज गिदवानी की गिरफ्तारी पर तलवार लटक गई है। शिकायतकर्ता अजमत खान की रिपोर्ट पर एसीबी ने लैंड फोर लैंड के मामले में दो एफआईआर दर्ज की थी। जांच के दौरान एसीबी ने उक्त चारों आरोपियों को दोषी माना है। हालांकि इसी दौरान शाहनी व अन्य आरोपियों की ओर से हाईकोर्ट में निष्पक्ष जांच करवाने की अर्जी लगाई थी, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका। 10 अगस्त को एसीबी ने जो रिपोर्ट प्रस्तुत की उसे हाईकोर्ट ने एक तरह से स्वीकार कर लिया है। अब जब एसीबी संबंधित अदालत में चार्जशीट पेश करेगी तो इन चारों आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जाएगा। अब देखना है कि इस मामले में एसीबी अदालत में कब चार्जशीट पेश करती है। मालूम हो कि बहुचर्चित लैंड फोर लैंड के मामले में तत्कालीन यूआईटी अध्यक्ष शाहनी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। शाहनी की ओर से 400 वर्गगज के दो भूखंड व 12 लाख रुपए नकद की मांग की गई थी। इस मामले में एसीबी ने पूर्व में जो जांच की थी उसमें आरोपियों को दोषमुक्त माना गया था। लेकिन शिकायतकर्ता द्वारा हाईकोर्ट में वाद दायर करने के बाद एसीबी को दोबारा से जांच करनी पड़ी। दोबारा की जांच एसीबी के पुलिस अधीक्षक अजयपाल लाम्बा ने की। लाम्बा ने ही अपनी रिपोर्ट में आरोपियों को दोषी माना है।

(एस.पी. मित्तल) (10-08-2016)
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