कश्मीर के अलगाववादियों को खदेड़ने की कार्यवाही हो

dargaah deewanअजमेर 5 सितम्बर। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिष्ती के वंषज एवं वंषानुगत सज्जादानषीन दरगाह के आध्यात्मीक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि कश्मीर के अलगाववादियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज कर इन्हें कष्मीर से खदेड़ने की कार्यवाही हो। उन्होने कहा कि इस देश का असली दुश्मन भले ही पाकिस्तान समर्थक आतंकी है लेकिन सच्चाई यह भी है की देश के भीतर जो अलगाववादी तत्व बैठे हुऐ है वे पाकिस्तानी आतंकियों से भी ज्यादा खतरनाक है।
सोमवार को जारी बयान मे दरगाह दीवान ने कहा कि विदेशी दुश्मनों से हमारी बहादुर सैनाऐ लोहा ले सकती है लेकिन देशी गद्दारों से निपटना तब मुष्किल हो जाता हे जब धर्म के नाम पर वोट की राजनीति की जाती रही हो और नौजवानों को धार्मिक कट्टरता के आधार पर गुमराही के अंधेरे में धकेलने की साजिषें खुलेआम रची जा रहीं हों। कश्मीर में अलगाववादियों के खिलाफ अब आवाज उठने लगी है। खास तौर पर पाकिस्तान की एक घटना के बाद तो कश्मीरी लोगों को भी समझ आ रहा है कि भारत जैसी आजादी किसी देश में नहीं है। बलूचिस्तान पर पीएम मोदी के बयान का समर्थन करने वाले बलूच नेताओं पर पाकिस्तान ने कार्रवाई की है। उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।
उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर की समस्या क्या है ? जम्मू कश्मीर में पाक समर्थित आतंकी वहा इसलिए दहशत फैलाते है की कश्मीर पाक का अंग बन जाए इसके लिए पाकिस्तान कभी अपने सेना के जरिये तो कभी आतंकियों के जरिये भारत को डिस्टर्ब करता रहता है कश्मीर में रह रहे भारत विरोधी नेता जिसे अलगाववादी नेता के नाम से जानते है वे पाकिस्तान के एजेंट है पाकिस्तान से भी पैसे खाते है और भारत से सुरक्षा और धन वसूल करते है। प्रत्यक्ष रूप से जितना आतंकी इस देश के लिए खतरा नहीं है उससे ज्यादा ये अलगाववादी देश के लिए नासूर बने हुए है कश्मीर की जनता शान्ति चाहती है रोजगार चाहती है और विकास चाहती है ऐसे सोच वाले लोगो की आबादी बहुमत वाले है लेकिन अल्पमत वाले अलगाववादी देश को बाटने और आतंक को बढ़ावा देने में लगे है।
दरगाह दीवान ने कहा कि पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर में अलगाववादी नेताओं ने जो आग लगा रखी है, इस आग में अलगाववादी नेताओं के घर क्यों नहीं जलते ? क्यों बुरहान वानी जैसे युवक हिजबुल मुजाहीदीन कमांडर बनकर एक आतंकवादी की मौत मरते हैं ? अलगाववादी नेताओं के लड़के क्यों इस आग में नहीं झुलसते, जबकि यह आग तो उन्हीं की लगाई हुई है। इस प्रश्न का जवाब तो यही है कि दूसरे के घर में आग लगानी आसान है। दूसरों के बच्चों को मजहब के नाम पर, जिहाद के नाम पर बरगलाना आसान है।
दरगाह दीवान ने देष के सभी राजनैतिक दलों का आव्हान किया कि संसद में सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया जाऐ कि भारतीय सैना पाक अधिकृत कष्मीर पर कब्जे की निर्णायक कार्यवाही अमल मे लाऐ। उन्होने राजनाथ सिंह के प्रयासों की सराहना करते हुऐ कहा कि राजनाथ सिंह का दो बार कश्मीर जाना और प्रधानमंत्री का दो बार विपक्षी दलों से मुलाक़ात करना इस बात का संकेत देते हैं कि केंद्र कश्मीर के मामले को लेकर गंभीर है लैकिन बावजूद इसके अलगाववादियों के अड़ियल रवैये के कारण कष्मीर में शांन्ति बहाली में अड़चने आ रही हैं। उन्हाने कहा कि अब जरूरत इस बात की है कि जिस तरह इन्दिरा गांधी ने बंगलादेष की आजादी के लिये खुला सर्मथन दिया था उसी तरह सरकार को बलूचिस्तान की आजादी के लिये वेसे ही कदम उठानक चाहियें।
दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान
आध्यात्मीक प्रमुख एवं वंषानुगत सज्जादानषीन
हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिष्ती अजमेर।

error: Content is protected !!