मदरसों के बच्चों ने ख्वाजा साहब की दरगाह से निकाली तिरंगा रैली

पीओके पर हमले पे भारतीय सेना का किया समर्थन
img_8695अजमेर: पीओके के सर्जिकल ऑपरेशन पर रविवार को यहां सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से तिरंगा रैली निकाली गई। इस रैली में मदरसों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं ने बढ़ी संख्या में भाग लिया।
रैली का आयोजन मदरसों का प्रबंध देने वाली दावतुल हक संस्था व दरगाह व मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों द्वारा ख्वाजा साहब की दरगाह से किया। जब मुस्लिम बच्चें हाथ में तिरंगा लेकर हिन्दुस्तान जिन्दाबाद पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे तब दरगाह क्षेत्र का पूरा माहौल देशभक्ति से भर गया। रैली दरगाह के मुख्यद्वार से शुरू हुई। बच्चें और मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि सेना के समर्थन में नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। रैली दरगाह बाजार, देहली गेट, धानमंडी, गंज, फव्वारा सर्किल होते हुए बजरंगगढ़ स्थित विजय स्मारक पहुंची। यहां उत्साही बच्चें पाकिस्तान सेना से छीन कर लाए टैंक पर चढ़ गए। यहां रैली को संबोधित करते हुए दरगाह के खादिम व दरगाह कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष अब्दुल बारी चिश्ती ने कहा कि जिस तरह पाकिस्तान ने लम्बे समय से कायरतापूर्ण हमले किए है उसका जवाब हमारे सैनिकों ने सीना तानकर दिया है। उन्होंने कहा कि देश पर जब भी कोई आंच आएगी उसका सामना करने के लिए सभी लोग खासकर मुस्लिम समाज के युवा सबसे आगे खड़े होंगे। दरगाह दीवान के प्रतिनिधि सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कुशल नेतृत्व है और उसी का नतीजा है कि पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर जांबाजी से जवाब दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब भी देश की अस्मिता को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जाएगी उसका जवाब इसी तरह से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश पर मर मिटने के लिए मुस्लिम नौजवान हमेशा तत्पर है। आज छात्र-छात्राओं ने सेना के समर्थन में रैली निकालकर उन जवानों की हौंसला अफजाई की है जो हमारी सरहद पर तैनात है। मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि व देहात कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद महमूद खां ने कहा कि जब-जब देश के खिलाफ किसी ने बूरी नजर डाली है हम सबने मिलकर उसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि 1971 और 1965 में हमारी सरकार व सेना ने दुश्मनों को खदेड़ा और उन देशों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
पाकिस्तान शायद यह बात भूल गया है। अगर अब भी वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो सेना एक बार फिर इसको इसकी औकात बता देगी। दरगाह के खादिम सैयद गौहर चिश्ती ने सर्जिकल ऑपरेशन पर सेना को बधाई देते हुए कहा कि मुसलमान का सबसे पहला फर्ज है कि वे अपने देश से मोहब्बत करें। जिसके दिल में देश की मोहब्बत नहीं वह मुसलमान नहीं। पीर सैयद नफीस मियां चिश्ती ने पाकिस्तान द्वारा बार-बार भारत की सीमा में की जा रही घुसपैठ पर गुस्सा जताते हुए कहा कि अब भारत का हर नागरिक पाक की नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देगा। सेना द्वारा पीओके में की गई शुरूआत पर देश का हर नागरिक गर्व करता है। मुस्लिम प्रतिनिधि नवाब हिदायतउल्ला ने रैली को संबोधित करते कहा कि भारतीय सेना के साथ मुस्लिम नौजवान कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और पाकिस्तान की नापाक हरकतों का जवाब देने के लिए तैयार है। दावातुल हक संस्था के चीफ मौलाना अय्यूब कासमी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह से रैली का आयोजन किया गया। इसकी वजह यह है कि ख्वाजा साहब के करम से ही देश में सभी वर्ग के लोग मिलजुल कर रहते है और देश की ओर जो भी नापाक नजरें रखेगा उसे हमारी सेना ऐसे ही नेस्तानाबुद कर देगी। यदि आवश्यकता हुई तो देश का मुसलमान भी एक देशभक्त नागरिक की तरह सीमा पर पाकिस्तान के साथ लडऩे को तैयार है। वरिष्ठ पत्रकार एस.पी.मित्तल ने कहा कि आज हमें सेना की हौंसला अफजाई करने की जरूरत है। आज ख्वाजा साहब की दरगाह से जो संदेश गया है, उससे देश के अन्य शहरों में भी ऐसे आयोजन होंगे। ख्वाजा साहब ने जो भाईचारे का पैगाम दिया है, उसी से आतंकवाद का मुकाबला किया जा सकता है। सभा का संचालन नवाब हिदायतउल्ला ने किया और अंत में अहसान सुल्तानी ने आभार जताया। रैली में चांदबाबा, सलीम सराधना, अब्दुल रहमान कुरैशी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष सबा खान, रुस्तम अली घौसी, नजीर कादरी, दिलीप सामनानी फखरुद्दीन शाह, मोईन खान, नंदू आरिफ शाह, हिन्द सेवा दल राजेश कुमार महावर, पवन आनन्दकर, लक्ष्मण सिहं लोधा, विजय कांकाणी, अजय शर्मा, दक्ष कुमार महावर, मनोज सोनी,आकाश भट्ट, निशा पारवानी, प्रतीक खुराना, विक्की, सिम्बल चोधरी आदि रैली मौजूद थे।

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