31 दिसम्बर तक करें समस्त नगरीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त

निकाय स्तर पर बनायी जाए हैल्पलाइन
हो वार्ड स्तरीय स्वच्छता समिति का गठन
विकसित करें स्पोर्टस काॅम्पलेक्स, सैन्ट्रल पार्क एवं चिल्ड्रन पार्क

गौरव गोयल
गौरव गोयल
अजमेर 7 अक्टूबर। जिले के समस्त नगरीय निकायों को 31 दिसम्बर तक खुले में शौच से मुक्त घोषित करने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। प्रति सप्ताह लक्ष्य निर्धारित करके दिसम्बर माह से पूर्व समस्त वार्डों को खुले में शौच से मुक्त किया जाए। प्रत्येक परिवार में व्यक्तिगत र्शाचालय का निर्माण सुनिश्चित किया जाए। ऐसे स्थान जहां पर अवसंरचानात्मक अवरोधों के कारण व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण संभव नहीं हो। वहां पर सामुदायीक सार्वजनिक शौचालय निर्मित किए जाए। सिवरेज लाइन युक्त काॅलोनियों के समस्त शौचालयों को सिवरेज लाइन से जोड़ा जाए। सिवरेज लाइन रहित काॅलोनियों में सैफ्टी टैंक का निर्माण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जिला कलक्टर गौरव गोयल ने शुक्रवार को जिले के समस्त नगरीय निकायों की बैठक में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के कार्यों की समीक्षा करते हुए ये निर्देश प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण के क्षेत्रा में आने वाली नगरीय निकायों को प्राधिकरण द्वारा सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए एनओसी जारी करनी होगी। जिले के समस्त नगरीय निकायों को प्रत्येक र्वाउ की एक योजना तय करनी होगी इसमें वार्ड में निवासरत परिवारों, निर्मित व्यक्ति के शौचालय तथा सामुदायिक शौचालयों को उपयोग करने वालों की विस्तृत सूचना के आधार पर सिवरेज लाइन तथा सैफ्टी टैंक से जुड़े शौचालयों के अलावा शेष बचे परिवारों पर फोकस करके लक्ष्य पूर्ण किया जाए। किसी वार्ड के खुले में शौच से मुक्त होने पर वार्डवासियों द्वारा सभा करके प्रस्ताव पारित किया जाएगा। इसके आधार पर विभिन्न स्तरों पर जांच करने के उपरान्त गौरव यात्रा के माध्यम से वार्ड को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जाएगा।
उन्होंने निर्देशित किया कि समस्त नगरीय निकायों को कम से कम एक -एक सैन्ट्रल पार्क, चिल्ड्रन पार्क तथा स्पोटर्स काॅम्पलेक्स विकसित करने होंगे।
बनाए स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 के लिए नोडल अधिकारी
जिले के अजमेर, बीकानेर तथा ब्यावर नगरीय निकायों में स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 का कार्य किया जाएगा। इस सर्वेक्षण में एक लाख से अधिक आबादी वाले नगरीय निकायों का चयन किया जाता है। इसके लिए निकाय स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है। अजमेर शहर के लिए नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी रूपाराम चैधरी, ब्यावर के लिए जेएन मुकेश सैनी तथा किशनगढ़ के लिए मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक कमल शर्मा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
बैठक में समेकित ठोस कचरा प्रबंधन की कार्यनिति पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। इसके अन्तर्गत घर-घर कचरा संग्रहण,कचरा परिवहन, पृथ्ककरण तथा निस्तारण के लिए योजना बनाए जाने के निर्देश प्रदान किए। कचरा संग्रहण एवं परिवहन के लिए दो भागों वाले आॅटोट्रिपर काम में लिए जाएंगे। जिनके पात्रा ढक्कन युक्त होंगे। यह आॅटोट्रिपर प्रातः 6 बजे से दोपहर 2 बजे तथा दोपहर 2 बजे रात्रि 10 बजे तक दो शिफ्टों में कार्य करेंगे। प्रातकालिन पारी में घरो से कचरा संग्रहित किया जाएगा। द्वितीय पारी में सड़कों तथा गलियों मे बिखरे कचरे को साफ किया जाएगा। प्रत्येक ट्रिपर के साथ एक ड्राईवर तथा एक सहायक होगा। सहायक के द्वारा कचरा संग्रहित एवं उठाव सुनिश्चित किया जाएगा। समस्त आॅटो जीपीएस युक्त होंगे इससे उनकी माॅनिटरिंग आसान होगी। आॅटो ट्रिपर के वार्ड से बाहर जाते ही मुख्यालय को इसकी सूचना मिल जाएगी।
नगरीय निकाय बनाएंगे सफाई हैल्पलाइन
अजमेर नगर निगम की सफाई हैल्पलाइन जिसके नम्बर 0145-2429971 हैं की तर्ज पर जिले के समस्त निकायों को सफाई हैल्पलाइन बनाकर क्रियाशील करने के निर्देश प्रदान किए। हैल्पलाइन में दर्ज शिकयतों का संधारण एक रजिस्टर में यिका जाएगा तथा मौके पर कार्यरत कार्मिक द्वारा संबंधित ठेकेदार अथवा जमादार को सफाई कर शिकायत निस्तारित करने के लिए पाबंद किया जाएगा।
बनेगी वार्ड स्तरीय स्वच्छता समितियां
जिला कलक्टर ने समस्त नगरीय निकायों को वार्ड स्तरीय स्वच्छता समिति के गठन के निर्देश प्रदान किए। इस समिति द्वारा चर्चा करके वार्ड की आवश्यकताओं के अनुसार प्रस्ताव नगरीय निकायों को भेजे जाएंगे। जिन पर निकाय द्वारा कार्यवाही की जाएगी। इस समिति में वार्ड पार्षद, गणमान्य नागरिक तथा गैर सरकारी संगठन् शामिल होंगे।
गौरव पथ निर्माण के लिए मिले 2.5-2.5 करोड़
जिला कलक्टर ने बैठक में अवगत कराया कि जिले के ब्यावर, किशनगढ़, केकड़ी, पुष्कर, विजयनगर तथा सरवाड़ नगरीय निकायों को गौरव पथ निर्माण के लिए 2.5-2.5 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।
बैठक में पाक्षिक थीम आधारित स्वच्छता ड्राईव की प्रगति की समीक्षा की गई। साथ ही आईडीएसएमटी योजना के फण्ड का उपयोग काॅलोनी के विकास के लिए करने निर्देश प्रदान किए।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर अबु सूफियान चैहान, अरविंद कुमार सेंगवा, उपवन संरक्षक अजय चितौड़ा, स्थानीय निकाय विभाग की उपनिदेशक ज्योति ककवानी सहित नगरीय निकायों के आयुक्त उपस्थित थे।

मुख्यमंत्राी जल स्वालम्बन अभियान चलेगा शहरी क्षेत्रों में
अजमेर 7 अक्टूबर। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत द्वितीय चरण में शहरी क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा। इसके अन्तर्गत अजमेर जिले के अजमेर और किशनगढ़ क्षेत्रा को शामिल किया गया है। जिला कलक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान (शहरी) की बैठक सम्पन्न हुई। इसमें शहरी क्षेत्रों के जल स्त्रोतों के पुर्नउद्धार पर चर्चा की गई तथा अभियान को सफल बनाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के समस्त स्थानीय निकायों को 2019 तक मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत शामिल किया जाएगा। इसके द्वितीय चरण में 2011 की जनगणना के अनुसार एक लाख से अधिक आबादी वाले नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। अजमेर जिले के अजमेर, किशनगढ़, को द्वितीय चरण में शामिल किया जाना प्रस्तावित है। अजमेर नगर निगम क्षेत्रा में केला बावड़ी, आम तालाब बावड़ी, मलूसर बावड़ी बड़ी एवं छोटी, बडबावड़ी, कातन बावड़ी, डिगी तालाब तथा बांग बावड़ी एवं किशनगढ़ नगर परिषद क्षेत्रा की बड़ी हाथीखान बावड़ी, छोटी हाथीखान बावड़ी, सेठालाव भैरूजी के पास वाली बावड़ी, परासिया स्ट्रीट बावड़ी एवं मीरा बावड़ी को सम्मिलित किए जाने के प्रस्ताव भिजवाए गए है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत जिले में बड़े सरकारी भवनों में रैन वाॅटर हाॅरवेस्टिंग सिस्टम लगाकर रिचार्ज संरचनाएं विकसित की जाएगी। अजमेर में 57 राजकीय भवनों को चिन्हित किया गया है। नगर निगम अजमेर द्वारा निगम क्षेत्राधिकार में बावड़ियों का जिर्णोद्धार कार्य, पार्कों तथा निजी भवनों पर भी रैन वाॅटर हाॅरवेस्टिंग स्ट्रक्चर तथा परकोलेशन पीट बनाए जाएंगे। नगर परिषद किशनगढ़ द्वारा पुरानी जल संग्रहण संरचनाओं का पुर्नउद्धार करवाया जाएगा। नगरीय क्षेत्रा में प्रति 10 हैक्टेयर क्षेत्राफल में आवश्यकता अनुसार परकोलेशन पीट निर्मित किए जाएंगे। वृक्षारोपण द्वारा शहरी वानिकी को बढ़ावा दिया जाएगा। कृत्रिम भूजल पुर्नभरण संरचनाओं का निर्माण करने के साथ ही पेयजल स्त्रोंतों का सृढृढ़ीकरण किया जाएगा। शहर के प्राचीन जलाशयों को गहरा किया जाएगा। सिवरेज पानी को रिसाइकिल कर पुन उपयोग में लाने के प्रयास किए जाएंगे।

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