पुष्कर मेले में होगा विश्व शान्ति के लिए ध्यान

विकास प्रदर्शनी में हो सकेंगे तनाव मुक्त
प्रतिदिन होगा विशेष थीम पर ध्यान और प्रार्थना
सरोवर के सप्तऋषि घाट पर बनेगी हार्टफुलनेस कुटि
श्रद्धालु सरोवर की परिक्रमा के साथ ले सकेंगे आध्यात्मिक लाभ

pushkar newsअजमेर, 11 नवम्बर। अन्तर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में हार्टफुलनेस संस्थान के द्वारा विश्व शान्ति, तनाव मुक्ति, आत्मिक प्रसन्नता, धार्मिक समभाव, प्रेम आत्मिक उन्नति तथा विश्व बन्धुत्व के लिए निःशुल्क ध्यान एवं प्रार्थना का आयोजन सप्तऋषि घाट एवं विकास प्रदर्शनी में किया जाएगा।
हार्टफुलनेस संस्थान के अजमेर केन्द्र प्रभारी भगवान सहाय शर्मा ने बताया कि पुष्कर मेले में धर्म लाभ प्राप्त करने वाले श्रद्धालुओं के लिए तनाव मुक्ति तथा आध्यात्मिक ध्यान की व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई है। शुक्रतार को विकास प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ ही पुष्कर मेले की सफलता और तीर्थयात्रियों की आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रार्थना और ध्यान के साथ विकास प्रदर्शनी में आॅडियो बूथ पर रिलक्शेसन के माध्यम से तनाव मुक्त जीवन के लिए व्यक्तिगत इन्टरेक्सन किया जाएगा। मौके पर उपलब्ध विशेषज्ञों के द्वारा तनाव मुक्ति के लिए टिप्स प्रदान किये जाएंगे। इसके अलावा ध्यान का प्रेक्टिकल करके आध्यात्मिक अनुभव करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मेले में प्रतिदिन विशेष थीम पर ध्यान और प्रार्थना की जा सकेगी। प्रथम दिवस रिलेक्सेशन के माध्यम से तनाव मुक्ति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सहयोग प्रदान किया जाएगा। मेले में शनिवार 12 नवम्बर को ध्यान पर विशेष जोर दिया जाएगा। इस दिन ध्यान के माध्यम से अष्टांग योग की सहज प्राप्ति की जा सकेगी। ध्यान के माध्यम से सहज समाधी की अवस्था का अनुभव करवाया जाएगा। जिज्ञासु श्रद्धालुओं के लिए ध्यान के प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी। साथ ही इस दिशा में आगे बढ़ने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए गाईडेड मेडिटेशन भी उपलब्ध रहेगा। तीसरे दिन रविवार 13 नवम्बर को आत्मिक शुद्धिकरण सिखाया जाएगा। हमारी आत्मा जो कि ईश्वर का अंश है परमात्मा से नश्वर जगत में आने से पूर्व शुद्ध एवं निर्मल थी। इस पर हमारे अनन्त जन्मों के संस्कारों एवं कर्मों के आवरण जमा हो गये। इन्हें हटाने के लिए आत्मा का शुद्धिकरण आवश्यक है। आत्मा को निर्मल बनाने के लिए इसकी सफाई की प्रक्रिया को सिखाने के लिए प्रशिक्षक दिन भर श्रद्धालुओं के लिए तैयार रहेंगे। इसी प्रकार सोमवार 14 नवम्बर को परमात्मा से प्रार्थना के माध्यम से जुड़ने की विधि सिखाई जाएगी।
श्री शर्मा ने बताया कि हार्टफुलनेस की विशेषता इस पद्धति के माध्यम से ध्यान करने से प्राप्त होने वाली प्राणाहुति है। प्राणाहुति को पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार प्राणस्य प्राणः से सम्बोधित किया गया है। इस चराचर जगत को जीवन ऊर्जा प्रदान करने वाले दिव्य स्त्रोत से प्राप्त होने वाली प्राणाहुति के माध्यम से साधक की तेजी से आध्यात्मिक उन्नति होती है। विभिन्न चक्र तथा आत्मिक मर्मस्थल जागृत हो जाते हैं। आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग में आने वाली बाधायें स्वतः दूर होने लगती है।
सप्तऋषि घाट पर हार्टफुलनेस कुटि में डाॅ. विकास सक्सेना की उपलब्ध रहेगी निःशुल्क सेवायें
उन्होंने बताया कि पवित्रा पुष्कर सरोवर के सप्तऋषि घाट पर हार्टफुलनेस कुटि की स्थापना की गई है। पवित्रा सरोवर की परिक्रमा करने वाले तीर्थयात्राी आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे। यहां निःशुल्क आध्यात्मिक सलाह एवं प्रशिक्षण की सुविधा हार्टफुलनेस संस्थान के द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है। यहां जवाहर लाल नेहरू मेडिकल काॅलेज के चिकित्सक शिक्षक एवं आध्यात्मिक प्रशिक्षक डाॅ. विकास सक्सेना निःशुल्क सेवायें प्रदान करेंगे। इनसे अपने जीवन से जुड़ेे विषयों पर आध्यात्मिक सलाह एवं टिप्स निःशुल्क प्राप्त किये जा सकते हैं।
ये प्रशिक्षक रहेंगे आध्यात्मिक प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध
श्री शर्मा ने बताया कि जेएलएन मेडिकल काॅलेज के चिकित्सक शिक्षक डाॅ. विकास सक्सेना के साथ-साथ योग प्रशिक्षक नितेन्द्र उपाध्याय, सेवानिवृत्त उपनिदेशक एवं राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक बी. एस. शर्मा, इन्जीनियर अंकुर तिलक गहलोत, ब्यावर के एडवोकेट मनोज शर्मा, जसवन्तगढ़ के अनिल शर्मा, डीडवाना-लाडनूं के पोस्टमास्टर छगन लाल, कुचेरा के सुखदेव, मसूदा के हरिओम शर्मा श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अपनी सेवायें देंगे।

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