रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ पुष्कर मेले का समापन समारोह

पुष्कर मे सिमटा अखिल विश्व -प्रो. सांवर लाल जाट
z1z-2z3z-4z-5z6अजमेर, 14 नवम्बर। अन्तर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले का सोमवार को पारम्परिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को प्रशस्ति पत्रा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
समापन समारोह के अवसर पर श्रीनगर प्रधान सुनिता रावत, जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल, पुलिस अधीक्षक डाॅ नितिन दीप बल्लग्गन, मेला मजिस्ट्रेट मनमोहन व्यास भी उपस्थित रहे।
राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष प्रो. सांवर लाल जाट ने कहा कि पुष्कर मेले के अवसर पर पूरा विश्व पुष्कर की धरती पर सिमिट जाता है। देश और विदेश से आने वाले तीर्थ यात्राी एवं पर्यटक सांस्कृतिक समागम की तस्वीर प्रस्तुत करते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भारतवर्ष के सम्पूर्ण तीर्थों में पुष्कर को तीर्थ राज माना गया है। समस्त तीर्थाटन के पश्चात व्यक्ति को पुष्कर राज में धार्मिक अनुष्ठान करने पर ही अन्य तीर्थों का फल मिलता है। उन्होंने बीसलपुर का पानी पुष्कर सरोवर के कुण्डों के लिए उपलब्ध करवाने पर मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे तथा राज्य सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि देश को मजबूत बनाने के लिए आर्थिक सशक्तिकरण आवश्यक है । केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए नोटो से भारत की आर्थिक ताकत में वृद्धि होगी। प्रधानमंत्राी तथा सरकार का सहयोग करने से देश विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा। सरकार द्वारा बैंकों के माध्यम से पूरी व्यवस्था की गई है । कुछ समय की समस्या सामने आ सकती है। यह समस्या लबे समय तक चलने वाली नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया की पुष्कर मेले के आगामी आयोजनों में एक हाथ से वजन उठाने की प्रतियोगिता भी शामिल की जानी चाहिए।
महिला एवं बाल विकास मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि मेले में आने वाले श्रद्धालूओं को पर्याप्त सुविधाएं सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आपसी समन्वय के साथ उपलब्ध करवायी गई है। श्रद्धालूओं को धर्म लाभ के साथ-साथ मनोरंजन भी उपलब्ध हुआ है। मेले में लगने वाले हाट एवं दुकानों में श्रद्धालूओं को घर ग्रहस्थी की सामग्री मिलती है। यह ग्रामीणों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहती है।
संसदीय सचिव एवं पुष्कर विधायक सुरेशसिंह रावत ने प्रशासन, पुलिस, पशु पालन विभाग, पर्यटन विभाग, पुष्कर मेला विकास समिति, पुष्कर नगर पालिका एवं मीडिया का आभार व्यक्त किया।
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चैधरी ने कहा कि यूरोपियन देशों के भ्रमण के दौरान सीखी गई नई बातों को स्थानीय स्तर पर लागू करने का पूरा प्रयास रहेगा। आगामी 2050 तक दूध एवं दुग्ध उत्पादों के क्षेत्रा में लगातार तेजी बनी रहेगी। दुग्ध के क्षेत्रा में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर निर्यात करने के लिए आवश्यक है कि उन्नत नस्ल की गायों का पालन किया जाए। साथ ही उन्हें अच्छी गुणवत्ता का चारा एवं बांटा खिलाया जाए।
पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक एवं मेला अधिकारी डाॅ. श्याम सुन्दर चन्दावत ने मेला रिपोर्ट प्रस्तुत की। समापन समारोह के अन्तर्गत पुष्कर शहर के विभिन्न विद्यालयों की लगभग 260 बालिकाओं ने रास्थानी नृत्य प्रस्तुत किया। राजस्थान के विभिन्न स्थानों से आएं हुए कला जत्थों ने चकरी नृत्य, कालबेलिया नृत्य, सफेद एवं लाल गैर नृत्य, चंग-ढ़प नृत्य, मश्क वादन, कच्ची घोड़ी, अलगोजा दल, शहरिया नृत्य, तथा बीकानेर के रोबिले बांके जवानों की प्रस्तुतियों ने राजस्थान की संस्कृति का संगम करवाया। समापन समारोह में अजमेर जिला घुड़सवारी संघ तथा अन्तर्राष्ट्रीय घुड़सवार जयदीप सिंह के द्वारा घुड़सवारी शो का आयोजन किया गया। इसमें जम्पींग, टेट पेकिंग, कैबिज कटिंग, स्टेडिंग स्लूट जैसे घुड़सवारी के विशेष करतब दिखाएं गए। कार्यक्रम में सेन्ट एंसलम के चिन्मय जांगिड़, डीपीएस के समर्धी मित्तल, सृष्टि सिशोदिया, मोहित बियानी, गौतम हिण्डोनिया एवं संस्कृति स्कूल के तनम्य, यश तथा सार्थक जैसे विद्यार्थियों द्वारा हाॅर्स पीटी का आयोजन किया गया।
पुष्कर मेले के दौरान विभिन्न वर्गों की प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्रथम स्थान पर आए पशुओं के पशु पालकों को 3100, 2500 अथवा 2100 रूपए के चैक प्रदान किए गए। सर्वेश्रेष्ठ मेला पशु वर्ग के लिए गणेश गुर्जर जवाहर नगर अजमेर के पशु को ट्राॅफी तथा 3100 रूपए का पुरस्कार प्रदान किया गया। सर्वेश्रेष्ठ गिर पशु की ट्राॅफी तथा 2500 रूपए का पुरस्कार होकरा के राम नारायण सिंह के पशु को मिला। सर्वेश्रेष्ठ दुधारू पशु पलटन बाजार के विष्णु अहिर का पशु घोषित किया गया। संकर हाॅलिस्टन दुधारू गाय वर्ग में पलटन बाजार के विष्णु अहिर की गाय ने 24 घण्टे में 34 किलो 550 ग्राम दूध प्रदान कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। गिर गाय की दूध प्रतियोगिता कायड़ के गणपत राजपूत की गाय ने 24 घण्टे में 24 किलो 725 ग्राम दूध देकर जीती। इन्हें ट्राॅफी के साथ-साथ 2100-2100 रूपए प्रदान किए गए। पशु प्रदर्शन प्रतियोगिता के अन्तर्गत जवाहर नगर के गणेश गुर्जर की संकर हाॅलिस्टन दुधारू, नया बाजार के प्रशान्त जोशी की संकर हाॅलिस्ट शुष्क, पहाड़गंज के बबलू गुर्जर की संकर हाॅलिस्टन औसर, वैशाली नगर के प्रभूदयाल कश्यप की संकर हालिस्टन बछडी एवं गीर गाय दुधारू, होकरा के रामनारायण सिंह की गीर गाय शुष्क तथा पहाड़गंज के गोविंद रावत की गीर गाय बछडी ने 2100 रूपए का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। अश्व वंश के अन्तर्गत मुक्तसर पंजाब के रणजीत सिंह का नर अश्व, नादल बोहर हरियाणा के मनु चैधरी की मादा अश्व, रणसी गांव जोधपुर के सवाई सिंह का अश्व बछेरा तथा कांकरोली के गणेश गुर्जर की अश्व बछेरी प्रथम रही। इसी प्रकार ऊष्ट्र वंश के अन्तर्गत पक्का भादुवाला हनुमानगढ़ के डालूराम भाट का नर ऊंट, मेहरासि परबतसर नागौर के तिलोक राम सैन की मादा ऊंट तथा तोषिना नागौर के भंवर लाल के सवारी ऊंट ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
गौवंश में प्रशान्त जोशी नया बाजार की संकर हाॅलिस्टन दूधारू, गणपत शेखावत कायड़ रोड की ओसर, रसूल गूर्जर रामनगर की बच्छड़ी द्वितीय स्थान पर रही। गिर गाय दूधारू में प्रशान्त जोशी नया बाजार की गाय द्वितीय, राम नारायण सिंह होकरा की तृतीय, गिर शुष्क में गोविन्द राम पहाड़गंज की द्वितीय, गिर बच्छडी में प्रकाश रावत कल्याणीपुरा की द्वितीय, राम नारायण सिंह होकरा की तृतीय तथा गोपल कृष्ण प्रजापत पुष्कर की प्रोत्साहक श्रेणी में अव्वल रही। अश्व वंश के अन्तर्गत नर वर्ग में द्वितीय स्थान पर पीर का मण्डिया हनुमानगढ़ के कृष्ण चाहर का द्वितीय, कांकरोली राजसंमद का तृतीय, अहमदाबाद के मौलिक पटेल एवं भटिंण्डा के बल्वंत सिंह के अश्व प्रोत्साहक रहे। मादा अश्व श्रेणी में मालन पालनपुर के बक्सू खां की घोड़ी द्वितीय, कांकरोली की गणेश गुर्जर की तृतीय, जिनद हरियाणा के दीपक लाठर तथा मालन पालनपुर के जमाल भाई की घेड़ी प्रोत्साहक पुरस्कार प्राप्त रही। अश्व बच्छेरा के अन्तर्गत अहमदाबाद के चिरायु पटेल का अश्व बच्छेरा द्वितीय, मेहंदीरता हरियाणा के पंकज का तृतीय, देशनोख के सहसकरण तथा बोहर रोहतक के मनु चैधरी का प्रोत्साहक पुरस्कार प्राप्त अश्व बच्छेरा रहा। अश्व बच्छेरी के लिए निंबाहेड़ा के रण विजय सिंह द्वितीय, बेलासर बीकानेर रणवीर सिंह तृतीय, डेगाना बिच्छपड़ी के भंवर लाल तथा कांकरोली के गणेश गुर्जर की बच्छेड़ी प्रोत्साहक पुरस्कार प्राप्तकर्ता रही। इसी प्रकार ऊष्ट्र वंश में नर ऊंट के लिए सेवासुपका डीडवाना के हनुमान सिंह के ऊट को द्वितीय मेहराशि नागौर के त्रिलोकाराम सैन का ऊंट तृतीय, पुष्कर के मोहन सिंह राजपूत तथा मेहराशि के गिरधारी लाल के ऊंट प्रोत्साहक पुरस्कार प्राप्तकर्ता रहे। मादा ऊंटों में हरिपुरा के हनुमानगढ़ के ओमप्रकाश राव के पशु द्वितीय तथा पक्का भादुवाला हनुमानगढ़ डालूराम भाट् के पशु तृतीय स्थान पर रहे। ऊंट सवारी के लिए मेहरासि नागौर के तिलोकाराम सैन द्वितीय तथा बोरून्दा के सरवन राम देवासी तृतीय स्थान के ऊंटों के मालिक थे। इन श्रेणियों के द्वितीय स्थान वाले को 1100, तृतीय को 500 तथा प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त कर्ता को 250 रूपयों के चैक प्रदान किए गए।

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