सामाजिक जागरूकता अभियान आवश्यक – मनन चतुर्वेदी

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने ली मासूम बालिका के स्वास्थ्य की जानकारी
1ब्यावर, 16 दिसम्बर। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने आज ब्यावर के अमृतकौर चिकित्सालय का दौरा कर बंगाली चिकित्सक द्वारा सरिये से दागने के बाद भर्ती बालिका व उसके परिजनों से मुलाकात कर स्वास्थ्य लाभ की जानकारी ली एवं चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस मौके पर उन्होंने इस प्रकार की सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सामाजिक जागरूकता अभियान चलाने की बात कही।
श्रीमती चतुर्वेदी ने आज अपराह्न राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय पहुंचकर बंगाली चिकित्सक द्वारा उपचार के नाम पर सरिये से दागने के बाद भर्ती मासूम तीन वर्षीय बालिका प्रिया व उसके परिजनों से मुलाकात की और उपचार के संबंध में जानकारी ली। जिस पर परिजनों ने बताया कि बालिका को उल्टी-दस्त की शिकायत पर बंगाली चिकित्सक को दिखाया, जिसने रोग के निदान के लिए बच्ची को सरिये से दाग दिया जिससे उसके पेट पर जलने के निशान बन गए और स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ गया। इस पर श्रीमती चतुर्वेदी ने परिजनों को अंधविश्वास व सामाजिक कुरीतियों से दूर रहते हुए बच्ची का उचित इलाज कराने की बात कही।
अमृतकौर चिकित्सालय के शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ.पी.एम.बोहरा ने बताया कि बच्ची को गेहूं से एलर्जी होने के कारण उल्टी की समस्या रहती है जिसके निदान के लिए नियमित उपचार एवं बच्ची को चावल, मक्का, बाजरा आदि अनाज का सेवन कराना चाहिए लेकिन परिजनों ने अशिक्षा के चलते बच्ची को सरिये से दागने दिया। उन्होंने बताया कि यह बालिका कुपोषण की शिकार है और इसे उचित इलाज दिया जा रहा है, जिससे यह शीघ्र स्वस्थ हो सकेगी। इस पर श्रीमती चतुर्वेदी ने बालिका के स्वास्थ्य एवं उपचार की नियमित जानकारी देने के लिए चिकित्सकों को निर्देश दिये।
सामाजिक जागरूकता अभियान जरूरी
श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने इस मौके पर कहा कि ब्यावर उपखण्ड के जवाजा एवं राजसमंद जिले के भीम क्षेत्रा में बंगाली व झौलाछाप डॉक्टर के विरू़द्ध कार्यवाही के साथ ही सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से सामाजिक जागरूकता अभियान चलाना भी आवश्यक है जिससे आमजन को शिक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि लॉयन्स क्लब ब्यावर एवं अन्य संस्थाओं के माध्यम से ऐसे क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाये जाएंगे, जहां अशिक्षा व सामाजिक कुरीतियों के कारण लोग झौलाछाप डॉक्टर्स के शिकार हो रहे हैं।
इसके बाद श्रीमती चतुर्वेदी ब्यावर से उदयपुर के लिए प्रस्थान कर गई। –00–

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