टाटा कम्पनी का जूतों की माला से स्वागत किया जाऐगा

विजय जैन
विजय जैन
अजमेर 22 अप्रेल। सरकार द्वारा अजमेर सिटी डिविजन मे सबसे कम छीजत होनके बावजूद बिजली व्यवस्था निजी कम्पनी को ठेके पर देने के एम.ओ.यू. के बाद कांग्रेस ने इसके विरोध में कहा कि टाटा कम्पनी अजमेर की बिजली व्यवस्था सम्भालने अजमेर आऐ तो सही उसका जूतों की माला से स्वागत किया जाऐगा। कांग्रेस ने दो टूक कहा कि टाटा को अजमेर में सिंगुर जैसे परिणाम भोगने होंगे।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने ब्यान जारी करके बताया कि कांग्रेस और अजमेर की जनता के जबरदस्त विरोध के बाद भी भाजपा सरकार द्वारा अजमेर वृत की बिजली व्यवस्था का निजीकरण कर निजी कंपनियों को सौंपना सरकार की नीयत को दर्शाता है क्योंकि बिजली व्यवस्था को निजी कंपनी को ठेके पर दे देने से जनता के हितों पर आने वाले समय में गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेंगे, जिसकी सहज कल्पना ही भयावह है। सरकार को जनता करारा जवाब देगी और कांग्रेस कार्यकर्ता अजमेर को सिंगुर बना देंगे।
जैन ने कहा कि कांग्रेस बिजली के निजीकरण का पिछले एक साल से क्रमवार हर स्तर पर विरोध कर चुकी इसके बावजूद भी सरकार का टाटा पावर के साथ एमओयू अजमेर की जनता के साथ धोका है इसलिये संगठन इसके विरोध के लिये तत्पर है और आगामी दिनों में अजमेर आकर काम सम्भालने वाले टाटा पावर के अधिकारियों का जूतों की माला पहना कर स्वागत किया जाऐगा। उन्होने कहा कि जनता के साथ संवाद करके निजी कम्पनी के खिलाफ असहयोग आंदोलन चलाया जाऐगा जिसके लिये संगठन को कोई भी कीमत चुकानी पड़े वह तैयार है। उन्होने कहा कि टाटा पावर कम्पनी को अजमेर मे काम शुरू करने के लिये सिंगुर जैसे हालात का सामना करना होगा।
उन्होने कहा कि सरकार के इस जन विरोधी निर्णय का कांग्रेस ने पिछले एक साल में हर स्तर पर विरोध किया यहां तक की अजमेर भी बंद भी किया गया लेकिन जनता की भवनाओं का सरकार पर कोई असर नहीं हुआ। भाजपा जन प्रतिनिधीयों की खामोषी और कांग्रेस के विरोध पर भाजपा संगठन का निजीकरण के सर्मथन आना इस बात की पुख्ता दलील है कि जिस निजी कम्पनी पावर कंपनी के साथ एमओयू साइन किया गया है उससे सरकार के मंत्रियों और आला अधिकारियों का करोड़ों की डील हुई जिसका मुख्य सूत्रधार डिस्काॅम के अतिरिक्त मुख्य अभियंता वीएस भाटी है इसकी सीबीआई से जांच की जानी चाहिये।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार के अनुसार घाटे को आधार बनाकर के अजमेर की विद्युत व्यवस्था को 20 साल के ठेके पर दे दिया गया है, जबकि तथ्य यह है कि अजमेर वृत राजस्व वसूली के संबंध में राजस्थान में प्रथम है। इसलिए सरकार का यह कदम तर्कसंगत एवं न्यायोचित नहीं है। यदि कही कोई घाटा हो तो उसका निराकरण कदापि निजीकरण या ठेकेदारी प्रथा नहीं है। सरकारों का काम जन कल्याण होता है। इसमें मुनाफा या घाटा हमेशा गौण रहता है।
कांग्रेस अध्यक्ष जैन ने आरोप लगाया कि कंपनी के साथ हुए एम.ओ.यू. पर जैन ने कहा की ऐसा करार है की सारे अधिकार सिर्फ कंपनी के पास ही रहेंगे और उपभोक्ता के हाथ आएगा सिर्फ कंपनी का चाबुक जिसकी मार उसको हर समय पड़ती रहेगी। यही वजह है कि डिस्काॅम द्वारा 4.16 प्रतिषत छीजत ज्यादा बताकर ठेका लेने वाली टाटा पावर कम्पनी को 3 करोड़ रूपये महीने का सीधा फायदा देने की कुचैष्ठा की गई है 20 वर्ष की ठेका अवधि मे जनता और सरकार को सात सौ बीस करोड़ रूपये की राजस्व हानी होगी और ठेका लेने वाली कम्पनी को ठेका लेने पूर्व इतनी बड़ी राषी का फायदा करोड़ों के भ्रष्टाचार को साबित कर रहा है। उन्होने कहा कि अजमेर के दोनों मंत्रियों मे राजनीतिक कौषल की कमी के कारण यहां की बिजली व्यवस्था को ठेके पर देने की कार्यवाही की गई है जबकि उदयपुर, नागौर, जयपुर, और झालावाड़ में नीजिकरण के प्रस्तावों पर वहां के भाजपा नेताओं के विरोध के कारण निरस्त कर दिया गया है।
उन्होने कहा कि बीजेपी सरकार हमेशा ही गरीबो के लिए दुखदायी रही है इनका शासन केवल मात्र अपने पूँजीपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने का रहा है और अजमेर सिटी डिविजन के निजीकरण में भी जिस कंपनी को ठेका दिया गया है उसमे बीजेपी नेताओ की सीधी हिस्सेदारी है। कांग्रेस की अजमेर की अवाम के लिए जवाबदेही बनती है इसलिए हमें किसी भी सूरत में इस निर्णय को लागू नहीं होने देना है।

error: Content is protected !!