फ्रांस की राजकुमारी भी आईं प्रवचन सुनने
अजमेर/चिति संधान योग की अधिष्ठात्री एवं प्रख्यात भारतीय युवा अध्यात्म गुरू स्वामी अनादि सरस्वती का तीन दिवसीय सत्संग-साधना कार्यक्रम थाइलैंड के बैंकाक में गुरूवार (9 जून, 2017) को प्रारंभ हुआ। हिन्दू धर्मसभा विष्णु मंदिर बैंकाक में ‘दिव्य जीवन निर्माण‘ विषय पर प्रवचन देते हुए स्वामी अनादि ने कहा कि ‘राह संघर्ष की जो चलता है, वही संसार को बदलता है, जिसने रातों से जंग जीती है, सूर्च बनकर वही निकलता है। जीवन में आगे बढने और उन्नति के अवसरों का लाभ तभी मिलता है जब जीवन में कहीं आध्यात्म का भाव होता है। उन्होंने कहा कि कथा श्रवण से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा मिलने से मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। बैंकॉक पहुंँचकर स्वामी अनादि ने विष्णु मंदिर पर भारत से ले जाया गया धर्मध्वज भी चढ़ाया।
श्रीरामचरित मानस चिंतन पर आधारित स्वामी अनादि के प्रवचन सुनने के लिए प्रथम दिन फ्रांस की राजकुमारी ईसाबेल भी आईं। वे पूरे समय पांडाल में उपस्थित रहीं और श्रीराम कथा मनपूर्वक सुना। श्रीराम महिमा से अभिभूत राजकुमारी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें जो आत्मीय आनन्द मिला है उसे वे कभी भूल नहीं सकेंगी। प्रवचन के उपरान्त उन्होंने स्वामी अनादि से भेंट कर देर तक बातचीत भी की। प्रवचन में हिन्दू सहित विविध धर्मावलम्बी उपस्थित रहे। प्रवचन रविवार को समाप्त होंगे।
-उमेश कुमार चौरसिया,
प्रवक्ता
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