कर्बला मे ताबूत दफन कर मौला अली को खिराजे अकिदत पेश किया

IMG-20150708-WA0002अजमेर । निकटवर्ती ग्राम दौराई में शुक्रवार बिती रात पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्ललाहो अलैहि वसल्लम के दामाद ,वसीऐ रसूल ,अमीरूल मोमेनीन , हजरत अली इब्ने अबू तालिब की यौमे शाहादत के दिन मर्सिया ख्वानी के साथ मजलिसो का प्रोग्राम शुरू हुआ। इससे पहले मस्जिदो में आमाल (विशेष नमाज) अदा करवाई गई । रात करीब 8.30 बजे मजलिसो का प्रोग्राम शुरू किया गया। इसकी शुरुआत मर्सिया ख्वानी से हुई। ग्राम मे स्थित तीनों मस्जिदो मे देर रात तक मजलिसो का दौर चलता रहा। शनिवार सुबहा नमाजे फज्र के बाद ताबूत कर्बला मे दफन किये गये। इन मजलिसो को समुदाय के धर्मगुरु मौलाना काजिम अली, मौलाना जिशान हैदर, मौलाना सायम रजा, ने खिताब किया। इसमें जाकिरों ने हजरत अली की शहादत को विस्तार से बयां किया, जिसे सुनकर अकीदतमंदों की आंखों से आंसू बहने लगे। इस दौरान अकीदतमंदों ने हाय अली-हाय अली की सदाएं बुलंद की।मजलिस को खिताब करते हुए आॅल इण्डिया शिया फाउंडेशन अजमेर के प्रवक्ता मौलाना सैय्यद काजिम अली जैदी ने कहा कि हजरत अली को 19 रमजान की सुबहा में मस्जिदे कूफा में नमाज पढ़ाते समय अब्दुर्रहमान नामक एक व्यक्ति ने जहर मे बुझी तलवार से सिर पर वार कर जख्मी कर दिया। दो दिन बाद 21 रमजान को उनकी शहादत हो गई थी। जिनकी याद में अकीदतमंद हर साल उन्नीस रमजान से लेकर इक्कीस रमजान तक लगातार तीन दिनों तक शहादत दिवस के रूप में मनाते हैं। मजलिस के बाद नौहा खान सखावत व उनके हमनवां ने शेर ए खुदा ने सजदे में तलवार खाई है…दर्द भरा नौहा पढ़ा। इस पर अकीदतमंदों ने खूब मातम किया । कार्यक्रम ग्राम की अंजूमने शहिदाने फरात, अंजूमने फाताहे फुरात, व अंजूमने जाफरिया विकास समिति, की और से आयोजित किये गये ।फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष सैय्यद आसिफ अली के अनुसार अजमेर जिले के तारागढ, सुरजपुरा, गुवाडिया, मोतीपुरा, रूपनगढ सहीत कई अन्य शिया बस्तीयो मे भी हजरत अली कि यौमे शहादत पर मजलिस कर खिराजे अकिदत पेश किया। कार्यक्रम के दौरान समुदाय के धर्मगुरुओ सहित अन्य कई ग्रामवासी मौजूद रहे।

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