बैंकिंग के नए ग्राहकों के लिए बैंकिंग कोड्स एंड स्टैंडडर््स बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीएसबीआई) की तरफ से अनूठा कार्यक्रम- ‘अपने बैंकिंग अधिकारों को जानो’
ऽ 200 मजदूरों के बीच ग्रास रूट स्तर पर बैंकिंग कोड और अधिकारों के बारे में जानकारी देने और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल
ऽ बैंकिंग संबंधी मामलों से निपटने के लिए इंटरेक्टिव सेषन का भी आयोजन
किषनगढ; अजमेर – 18 जून 2017
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित स्वायत्त संगठन बैंकिंग कोड्स एंड स्टैंडडर््स बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीएसबीआई) की तरफ से अजमेर जिले के किशनगढ़ कस्बे में बैंकिंग जागरूकता कार्यक्रम के तहत ‘अपने बैंकिंग अधिकारों को जानो’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन सामुदायिक कल्याण के कार्यक्रमों से जुडे संगठन लोक संवाद संस्थान के सहयोग से किया गया।
राजस्थान में आयोजित इस कार्यक्रम में दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले 200 से अधिक मजदूरों ने भी हिस्सा लिया, जो बैंकिंग सिस्टम के लिए नए हैं। इस सत्र में कठपुतली षो के माध्यम से बैंकिंग कोड की तकनीक को सरल तरीके से समझाने का प्रयास किया गया। इस दौरान आयोजित इंटरेक्टिव सत्र में बैंकिंग लेनेदेन से संबंधित बातों के अलावा उन मुद्दों पर भी चर्चा केंद्रित रही, जिनका सामना रोजमर्रा के वित्तीय लेनदेन में करना होता है। इस दौरान लोगों को यह भी समझाया गया कि बैंकिंग खातों, चाहे वो बचत खाता हो या स्थायी जमा, उनमें नामांकन क्यों जरूरी है। साथ ही कटे-फटे और गंदे नोटों को बदलने की प्रक्रिया की भी विस्तार से जानकारी दी गई। इसके अलावा डिजिटल बैंकिंग और बैंकों में षिकायत निवारण प्रक्रिया के बारे में भी लोगांे को विस्तार से बताया गया।
बीसीएसबीआई के सीईओ श्री आनंद अरास ने कहा- ष्अनगिनत जन-धन खातों के खुलने और वित्तीय लेनदेन के पारदर्षी और औपचारिक तरीके के उपयोग में बढोतरी के साथ हम मानते हैं कि समाज के वंचित तबके को उसके अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी देना आवष्यक है। उन्होंने आगे कहा- ‘हम यह भी मानते हैं कि एक इंटरैक्टिव सत्र के माध्यम से एक शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करना और अधिक फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि लोगों को सरल भाषा में और संदर्भों के साथ स्थिति को बेहतर ढंग से समझाया जा सकता है।’