शिक्षकों के लिए सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम

IMG_20170725_120127सेंटर फॉर रोड सेफ्टी, सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय, जोधपुर के द्वारा परिवहन विभाग, राजस्थान के सहयोग से शिक्षा विभाग, राजस्थान के सयुंक्त तत्वाधान में पांच दिवसीय (दिनांक 25 से 29 जुलाई 2017) “सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम” अजमेर स्थित पुलिस लाइन के सभागार में आयोजित किया जा रहा है |

कार्यक्रम में अजमेर जिले के सरकारी और निजी विद्यालयों के करीब 70 शिक्षक भाग ले रहें हैं |
प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक और सेंटर फॉर रोड सेफ्टी की सेंटर कोऑर्डिनेटर प्रेरणा सिंह ने बताया कि प्रतिभागियों को पहले दिन सड़क सुरक्षा से जुड़े हुए विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया गया जिसमें सड़क सुरक्षा क्या है, वर्तमान समय में इसकी क्या जरुरत है, राजस्थान और भारत के सन्दर्भ में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े, सड़क सुरक्षा में शिक्षकों की भूमिका, सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख क्षेत्रीय, सामाजिक, मानसिक कारण आदि पर चर्चा की गई |
शिक्षकों को इस बारें में भी अवगत कराया गया कि राजस्थान सरकार द्वारा एक सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन परिवहन विभाग के अन्दर ही किया गया है जिसमे विभिन्न विभागों जिसमें परिवहन, शिक्षा, पुलिस, सार्वजनिक निर्माण, स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य आदि के अधिकारी एक साथ बैठते हैं और सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी मुद्दों पर कार्य किया जाता है | सड़क सुरक्षा के कार्यों की रिपोर्ट राजस्थान सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार और उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति को भी दी जाती है | राजस्थान पहला ऐसा प्रदेश है जहाँ सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना की गयी है और सीधे तौर पर परिवहन मंत्री स्तर पर इसकी निगरानी एवं समीक्षा की जाती है |
भारत सरकार के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष करीब डेढ़ लाख लोग सड़क दुर्घटना के कारण अपनी जान गँवा देते हैं | प्रत्येक दिन 400 लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं | बच्चों की संख्या की अगर बात करें तो प्रत्येक दिन करीब 20 बच्चे सड़क दुर्घटना का शिकार होते हैं | राजस्थान सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में देश में पाचवें स्थान पर है |
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक श्री राजेंद्र सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये और सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में जिला स्तर पर पुलिस एवं अन्य एजेंसियों द्वारा किये जा रहे प्रयासों को चर्चा की | उन्होंने विद्यालयों के शिक्षकों को सड़क सुरक्षा में पारंगत करने का एक उद्देश्य भी बताया कि अगर शिक्षक अपने-अपने विद्यालय में सड़क सुरक्षा को पढ़ाने का का कार्य करें तो आने वाली पीढ़ी को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा की जा सकती है जिससे जो बच्चे सड़क का उपयोग कर स्कूल आते-जाते हैं उनकी जान बचाई जा सकती है | अतः एक शिक्षक की विशेष भूमिका पर जोर दिया | इस अवसर पर उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) प्रीती चौधरी, सीआई श्री रामवतार, सब इंस्पेक्टर श्री प्रेम प्रकाश एवं शिक्षा विभाग अजमेर से श्री नीरज पचोरी भी उपस्थित रहे |

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