देव दर्शन नहीं करना जीवन का सबसे अशुभ दिन

DSC_0120मदनगंज-किशनगढ़। मुनि पुंगव सुधासागर महाराज ने गुरूवार को आर.के कम्यूनिटी सेंटर में धर्मोपदेश देते हुए कहा कि भारतीय नारी धन, दौलत, वैभव से नहीं धर्म, सज्जनता, सत्यता से प्रभावित होती है। कष्टों में धर्म को नहीं छोडऩे वाली भारतीय नारी है। दुनिया झुठी हो सकती है लेकिन भगवान व मांगतुंगाचार्य नहीं। गुरू जो कहता है वहीं प्रमाणित है। जो परीक्षा को सरल बनाना चाहते है समझो उसमें कोई कमजोरी है। मुनिश्री ने गंदोधक की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि संकट में धर्म को नहीं छोडऩे वाला सफल होता है। शुद्ध भाव होने पर ही गंदोधक का चमत्कार होता है। देश में 99 प्रतिशत लोगो की धर्म से आस्था संकट बढऩे पर कम हो जाती है लेकिन 1 प्रतिशत लोगों की आस्था धर्म में बढ़ जाती है। सम्यग्दृष्टि की श्रद्धा बढ़ती जाती है। वर्तमान में मनुष्य धर्म बंद करने के बहाने ढुंढ रहा है लेकिन कर्म करने के नही। मुनिश्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि त्यौहार, शुभ दिन पर परिवार के सदस्य की मृत्यु होने पर धर्म बंद कर देते है लेकिन शादी होने, गाडी से दुर्घटना आदि होने पर उन्हें बंद नही किया जाता। मंथन करने की आवश्यकता है। देव दर्शन नहीं करना जीवन का सबसे अशुभ दिन होता है। स्वयं का पुण्य दूसरे के काम नहीं आता। जो संकट में धर्म को नही छोडता उसके जीवन में चमत्कार होते है। जिसको चाहते हो उससे कभी शिकायत नहीं करनी चाहिए। मुनिश्री ने कहा कि आप सोचते होंगे की धर्मात्माओं पर उपसर्ग क्यों आते है। इस पर मुनिश्री ने भगवान राम व रावण का उदाहरण देते हुए समझाया कि प्रकृति हमेशा सज्जन आत्मा के साथ दुर्जन को जोडती है ताकि उसका पाप का घड़ा तुरन्त भर सके। और उसको उसके पापकर्म की सजा मिल सके। साधारण व्यक्ति को गाली देने से पाप का घड़ा देरी से भरेगा और पुण्यात्मा को गाली देने से पाप का घड़ा जल्दी भरेगा। उन्होंने कहा कि सज्जन व्यक्ति को बुराई करने के बजाय मौन हो जाना चाहिए क्योंकि भारतीय संस्कृति कहती है कि बुरा मत देखो, बुरा मत बोलो और बुरा मत सुनो। श्रमण संस्कृति सप्ताह के तहत मुनिश्री ने कहा कि बुरा व्यक्ति अगर चुप हो जाए तो समझों वो कोई बड़ा संकट करने वाला है। सत्य को मिटाना कठिन है।
ये रहे श्रावक श्रेष्ठी
श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के मीडिया प्रभारी विकास छाबड़ा व संजय जैन के अनुसार प्रात: अभिषेक एवं शांतिधारा, चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, शास्त्र भेंट, पाद प्रक्षालन का सौभाग्य एम.के. जैन अजय कुमार रजतकुमार गंगवाल के साथ दर्शना, संतोष, धर्मचंद, निधि, शकुन, योगेश जैन, प्रकाशचंद, दिलीप, पावन, प्रदीप गंगवाल, विजय, दिलीप बडजात्या को मिला।
मंदिर निर्माण के लिए ये आए आगे
धर्मसभा में श्री आदिनाथ मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए प्रेमचंद प्रकाशचंद गंगवाल, सुभाषचंद अजीत कुमार दोसी, एम.के जैन अजय कुमार रजत कुमार गंगवाल, गणेशमल गजेन्द्रकुुमार झांझरी, हरकचंद राजकुमार सज्जन कटारिया, महावीर प्रसाद विजयकुमार काला, सतीश सौरभ सेठी, सुरेश बडजात्या तथा पवन, अंकित पाटोदी ने सहयोग देने की घोषणा की।
मंदिर शिलान्यास 6 को
मुनि सुधासागर महराज ससंघ के सान्निध्य में 6 अगस्त को श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर का शिलान्यास समारोह पूर्वक किया जाएगा। श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के मीडिया प्रभारी विकास छाबडा व संजय जैन ने बताया कि कार्यक्रम प्रात: 7.30 बजे से सिटी रोड स्थित मंदिर परिसर में शुरू होगा।
ये रहे मौजूद
आर.के. परिवार से अशोक पाटनी, सुरेश पाटनी, निहालचंद पहाडिय़ा, प्रकाश गंगवाल, सम्पत दगड़ा, चेतन प्रकाश गंगवाल (कटारिया), अतुल लुहाडिय़ा, नौरतमल पाटनी, एम.के. जैन, स्वरूपचंद छाबड़ा, प्रदीप गंगवाल, मांगीलाल झांझरी, चेतन पाण्ड्या, रमेशकुमार गंगवाल, पंकल गंगवाल, राहुल पाटोदी, प्रमोद दोषी, अनिल गंगवाल (दांतरी), कमल बैद, इंदरचंद पाटनी, निर्मल गंगवाल, चेतनप्रकाश सेठी, संजय छाबड़ा, गौरव पाटनी, विकास पाटनी, पदमचंद गंगवाल आदि मौजूद थे।

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