पुष्कर मेले में घोडों के आने पर रोक पर फिर विचार हो

FB_IMG_1508591618440अश्व पालकों ने मुख्यमंत्री महोदया से पत्र भेज कर निवेदन किया है अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुष्कर मेले में जो घोडों के आने पर बिना सोचे समझे जो प्रतिबंध लगाया है उसे तुंरत प्रभाव से वापस लेना चाहिए , अजमेर शहर में इतने घोडे तांगों में चल रहे हैं उनमें से तो एक भी घोडा गलेंडर नामक बिमारी से नहीं मरा , तो फिर पुष्कर मेले में ही सारी बिमारी कहाँ से फैल गई ,
गत वर्ष ऐन मेले के दिन ही नोटबंदी लागू हो गई थी और एक भी जानवर पैसे के अभाव और पुराने नोट स्वीकार नहीं करने की वजह से नहीं बिका , अबकी बार पशुपालन पालन विभाग ग्लैंडर नामक बीमारी का नया झमेला ले कर आ गया है ,
आपसे निवेदन है कि समय रहते ही सम्बंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित करें की वो पुष्कर मेला नहीं बिगाडे और पुष्कर के आवक वाले स्थान पर बाद जांच घोडों को और घोडिय़ों को मेला मैदान में आने दें ,
महोदया यह मेला राजस्थान के गरीब किसानों और पशु पालकों का मेला है इसे बियूरोक्रेसी की नादीर शाही के भेंट नहीं चढने दें , आपके अधिकारियों और डॉक्टरों से स्वाईन फलू और डेगों फीवर तो रोके नहीं जाते यहां तक की विधायक ही स्वाईन फलू से मर गये हैं ये घोडों की बीमारियों को क्या खा के रोकेंगे , ये तो बस पैसे खा कर घोडों को अंदर मेला मैदान में आने देगें और जो नहीं देगा उसे रोगग्रसित बता देगें , इतने दिनों में इन्होंने कोई टीकाकरण की व्यवस्था तो नहीं की योजना बद्ध तरीक़े से पैसे खाने की व्यवस्था कर ली है , अरे इस मेले में इतनी शराब और मादक पदार्थ बिकेंगे उनकी तो रोकथाम कर लो क्यों बेचारे घोडे वालों के पीछे हाथ धो कर पडे हो जो घर से लाकर जानवरों को खिलता है इस आस में की उसका घोडा बिकेगा और जो पैसा उसने उसके लालनपालन पर लगाया वो निकलेगा और वो अपने बच्चे पालेगा ,

राजेश टंडन वकील अजमेर ।

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