नगर चौपाल में हुई अजमेर के भावी मास्टर प्लान पर चर्चा

अजमेर! इंडोर स्टेडियम में शहर के प्रबुद्ध नागरिकों की ओर आयोजित नगर चौपाल का आयोजन रखा गया। जिसमें जिला कलेक्टर वैभव गालरिया कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया।
कलेक्टर वैभव गालरिया ने कहा कि शहर के विकास के लिए आर्थिक रूप से सुदृढ़ होना जरूरी है। स्थानीय निकायों को वित्तीय रूप से मजबूत बनना होगा। जब तक निकाय आर्थिक और तकनीकी रूप से मजबूत नहीं होंगे तब तक विकास फाइलों से बाहर नहीं निकलेगा।
नगर चौपाल अजमेर के मास्टर प्लान पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि विकास के लिए धन की आवश्यकता होती है। केंद्र सरकार के बड़े विकास प्रोजेक्ट का लाभ शहर को तभी मिल सकता है जब निकायों के पास कुल प्रोजेक्ट की 10 प्रतिशत राशि हो। कलेक्टर ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आरयूआईडीपी के थर्ड फेज के तहत स्वीकृत 2 हजार करोड़ रुपए में से अजमेर के लिए 100 करोड़ की राशि मिली है। कलेक्टर ने कहा कि जमीनें बेचकर कब तक किसी शहर का विकास हो सकता है। अजमेर में जगह कम है और आबादी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में विकास अब वर्टिकल होना चाहिए। कलेक्टर ने मास्टर प्लान से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी विस्तार से अपनी बात कही। चौपाल में कलेक्टर ने सीवरेज और स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी जानकारी दी। कलेक्टर ने नगर चौपाल में आए विकास के सुझावों का स्वागत करते हुए प्रशासन की ओर से उन पर सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा दिलाया।
 -विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि मास्टर प्लान को पैराफेरी गांवों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाना चाहिए। इन गांवों में मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए। जिससे संभाग और जिला स्तर पर भार नहीं पड़े। मेडिसिटी जनाना अस्पताल के पास विकसित किया जाए।
-मेयर कमल बाकोलिया ने कहा कि अजमेर-पुष्कर-किशनगढ़ को ध्यान में रख कर मास्टर प्लान तैयार किया जाना चाहिए। इन क्षेत्रों को हैरिटेज क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। अजमेर किशनगढ़ के बीच एक नई सर्विस रोड बनाई जानी चाहिए। यह रोड टोल फ्री होना चाहिए।
-अतिरिक्त कलेक्टर प्रशासन मोहम्मद हनीफ ने कहा कि आनासागर झील अजमेर का सौंदर्य है। इसके चारों ओर एक रिंग रोड बनाया जाना चाहिए। इसका प्रस्ताव भी बहुत पहले बनाया गया था। उस पर एक बार फिर से काम शुरू होना चाहिए। इसके साथ ही कायड़ से लोहागल, रीजनल, रामप्रसाद घाट होते हुए सुभाष उद्यान तक मोनो रेल पर भी विचार किया जाना चाहिए। यह पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा।
-पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने कहा कि पर्यावरण के लिए नाग पहाड़ी क्षेत्र में प्लांटेशन किया जाना चाहिए। पुष्कर में तेजी से बढ़ते रेगिस्तान को रोकने के लिए भी योजना बनाई जानी चाहिए।
-पूर्व यूआईटी चेयरमैन धर्मेश जैन ने कहा कि पृथ्वीराज नगर योजना से एक मार्ग पुष्कर के लिए निकाला जाना प्रस्तावित है। उस पर काम शुरू होना चाहिए। शहर के विकास के लिए कोई भी योजना बनाई जाए तो उस पर काम पूरा होना चाहिए।
-शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र रलावता ने कहा कि शहर में सिंगल विंडो सिस्टम लागू होना चाहिए। मास्टर प्लान वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। यूआईटी की विभिन्न जमीनी योजनाओं में 50 प्रतिशत की लाटरी और 50 प्रतिशत की नीलामी होनी चाहिए। पूर्व मंत्री -श्रीकिशन सोनगरा ने कहा कि शहर में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए कारगर योजना बनाई जाए।
-पूर्व मेयर धमेंद्र गहलोत ने कहा कि विकास और मास्टर प्लान को अलग नहीं समझना चाहिए। दोनों में भिन्नता है। इसलिए जो विकास जारी है, उससे अगल हटकर मास्टर प्लान होना चाहिए।
-नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि शहर में बिल्डिंग लाइन अभी तक तय नहीं है। इससे उद्योगपति और कारोबारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को शहर में मल्टीपल स्टोरी बिल्डिंग के लिए इच्छुक लोगों को आमंत्रित करना चाहिए। -उद्योगपति राधेश्याम चोयल ने कहा कि उद्योग जगत से जुड़े लोगों के लिए एक माहौल तैयार किया जाए। उद्योग स्थापित करने के लिए उन्हें भटकना नहीं पड़े। इसके लिए प्रशासन सकारात्मक कदम उठाए।
-भाजपा नेता कंवल प्रकाश पुष्कर और सराधना क्षेत्र को विकसित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही रेलवे और प्रशासन के बीच सामंजस्य होना चाहिए।
-डॉ. एल के नेपालिया ने कहा कि प्रबुद्ध नागरिकों को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकर विकास की योजनाओं पर काम करना चाहिए। इसके लिए विभिन्न स्तर की उपसमितियां बनाई जानी चाहिए।
-डॉ.अशोक मित्तल ने कहा कि चिकित्सालयों में संसाधनों की कमी नहीं हैं। करोड़ों रुपए की आधुनिक मशीनें हैं लेकिन मैन पावर की कमी है। ऐसे में प्राथमिकता से सुपर स्पेशलिस्ट नियुक्त करवाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
-टेबल टेनिस संघ के महासचिव धनराज चौधरी ने कहा कि शहर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट मैदान बनाया जाना चाहिए।
नगर चौपाल में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रबुद्ध नागरिकों की ओर से तैयार किए गए मास्टर प्लान के सुझावों की डोक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया। नगर चौपाल में रणवीरसिंह खुराना, शैलेंद्र अग्रवाल, प्रताप यादव सहित शहर के कई प्रबुद्ध नागरिक थे।

2 thoughts on “नगर चौपाल में हुई अजमेर के भावी मास्टर प्लान पर चर्चा”

  1. bhai sahib pure ajmer jile ke master plan ki charcha ho aur sambhandit pash dargah se juda hua ek bhi vyakti na ho to ye kon sa parbhudh nagrik ajmer fourm hua ye to kulia me gud fodne ke saman andha bate rewri apne apne ko ,kya is shahar me ek bhi muslim ,sikh ,isai ,varg ka vyakti parbhudhjan ki shredi me nahi aata hai .

  2. बातें हैं जी बातो का क्या कितनी भी कर, लो रोज़ कर लो सुबह- शाम कर लो कोई खर्चा तो है नहीं .

    बातें कर-कर के ही (दोनों दल बीजेपी और कांग्रेस ने) तो CT स्केन चालू कराई थी क्या हुआ बंद पड़ी है.

    मास्टर प्लान से पहले सीवर लाइन तो चालू करा लो जो उसके गड्डे हैं वो ही भरा लो.

    अब तक सीवर लाइन और इसके गड्डो से ही लगभग दस लोग मर चुके है जबकि सैंडी तूफ़ान से ही केवल अमेरिका में 76 लोग मरे हैं जो इतना ज़बरदस्त था.

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