अजमेर 2 दिसम्बर, नवनिर्मित श्री प्रेम प्रकाश आश्रम वैशाली नगर में चल रहे भव्य उद्घाटन समारोह एवं सद्गुरू स्वामी बसंतराम जी महाराज के 37वीं पुण्यतिथि महोत्सव के अंतर्गत शनिवार के कार्यक्रमों का आरम्भ सुबह सामूहिक ध्यान के साथ हुआ। जिसमें आश्रम के कई श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। यह जानकारी देते हुए आश्रम के संत ओम प्रकाश जी ने बताया कि प्रातः 8.30 बजे से विद्वान पण्डितों द्वारा स्थापित देव पूजन, हवन, धूपाधिवास, फलाधिवास, मूर्तिन्यास, मिष्ठान्नाधिवास, आरती व पुष्पांजलि आदि वैदिक मन्त्रौच्चारण के साथ करवाये गये। इसके साथ ही विभिन्न संतों महात्माओं के सत्संग हुए। जिसमें उल्हास नगर से आईं सुमन खेमलानी ने अपने भजनों से उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। प्रेम प्रकाश मण्डलाध्यक्ष स्वामी भगतप्रकाश जी महाराज अपने प्रवचन में मनुष्य को समझ्ााते हुए कहते हैं कि तुम्हारे जीवन के इतने साल भोग विलास में खर्च हो गये हैं। अभी भी समय है कि बचे हुए समय में परम् पिता परमेश्वर की भक्ति करके अपना कल्याण कर लें। गुजरे हुए वक्त की अब चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। अब जो हाथ में समय है उसमें नाम की कमाई कर ले और जीवन को सफल बना ले। सेवा-स्मरण-सत्संग-ध्यान ये सब भक्ति को दृढ़ करने के लिये हैं और दूसरे झ्ाूठे विचारों को अपने दिल से निकालने के लिये है। हमें सेवा स्मरण करने से खुद अनुभव होगा कि पहले जो झ्ाूठे विचार थे, वे धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं और एक सच्ची शांति अन्दर बसती जा रही है, परमेश्वर से प्रेम बढ़ता जा रहा है। यह ही मनुष्य की अपनी असली और सच्ची पूंजी है। इस लोक में सुख से समय गुजरेगा और परलोक भी संवर जायेगा। तत्पश्चात् ब्रह्मभोज हुआ जिसमें अजमेर के लगभग 200 से अधिक ब्राह्मणों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की ।
सायंकालीन सत्र में 4.30 बजे से दिल्ली की प्रसिद्ध मनोज-रिया एण्ड पार्टी द्वारा श्री गणेश वंदना, श्री बालाजी महाराज वानर सेना के साथ, शिव -पार्वती विवाह, कृष्ण-सुदामा प्रसंग, मोर पंख की झ्ाांकी, भोले बाबा की भस्म आरती आदि की चल-चलित झ्ााँकियांे की मनमोहक प्रस्तुति की गई । जिसका वहां पर उपस्थित कई श्रद्धालुओं ने आनन्द लिया।
इसके बाद इन्दौर के प्रसिद्ध परमानन्द (पिन्टू) एवं गुरुमुखदास ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। आश्रम के महंत स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री जी ने अपने प्रवचनों में श्रद्धालुओं को कुसंग व बुरी आदतों से किनारा कर सुन्दर भविष्य निर्माण के लिए उनको सत्संग की ओर प्रेरित किया । प्रेम प्रकाश आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी भगत प्रकाश जी ने अपनी ओजस्वी वाणी में स्वामी बसंतराम जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनके जीवन से हमंे यह संदेश मिलता है कि हमें अपने मन की वृत्ति को नाम से जोड़ना चाहिये। जैसे पावर हाउस से हमें बिजली रूपी शक्ति मिलती है, वैसे ही नाम स्मरण से हमें असीम शक्ति सद्गुरू द्वारा प्राप्त होती है, जो कि अनंत शक्ति के भण्डार हैं। उद्घाटन समारोह व सद्गुरू बसंतराम जी महाराज का यह पावन मेला चल रहा है, ऐसे महापुरूषों का जीवन दूसरों के उपकार व कल्याण के लिये होता है। हम अगर उनके जीवन से अच्छी शिक्षायें अपने जीवन में अपनायेंगे तो हमारा मानव जीवन सफल हो जायेगा। प्रसाद वितरण पश्चात् दिन के कार्यक्रमों का समापन हुआ।
रविवार के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए आश्रम के संत ओम प्रकाश जी ने बताया कि प्रातः 8.30 बजे से स्थापित देव पूजन व हवन होगा एवं 11 बजे नवनिर्मित आश्रम की देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठा न्यास, मूर्ति श्रृंगार करके स्थापित देव मूर्ति पूजन कर ध्वजावंदन व आरती के साथ यज्ञ पूर्णाहूति होगी। साथ ही 12 बजे सत्संग, संत समागम आश्रम प्रांगण में होगा व सायंकालीन सभा में स्वामी टेऊँराम लीला का मंचन के पश्चात् संतों महात्माओं के सत्संग प्रवचन होंगे।
आनन्द टिलवानी
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