पराजय से तिलमिलाई भारतीय जनता पार्टी की बौखलाहट

विजय जैन
अजमेर 18 फरवरी । कांग्रेस का आरोप है कि तबादलों पर प्रतिबंध के बावजूद भाजपा सरकार और शिक्षा मंत्री द्वारा विधायक को और संगठन के पदाधिकारियों से शिक्षकों के ट्रांसफर प्रस्ताव आमंत्रित करना उपचुनाव की पराजय से तिलमिलाई भारतीय जनता पार्टी की बौखलाहट है। सरकार के इस कदम से जहां भ्रष्टाचार के नए आयाम स्थापित होंगे वही इस आदेश से पूरा शिक्षक वर्ग प्रभावित होगा।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन के हवाले से जारी बयान में प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने कहा कि भाजपा उपचुनाव में हुई पराजय को पचा नहीं पा रही है इसलिए बौखलाहट भरे कदम उठाने पर उतारू है और शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी का तबादलों पर सरकार के प्रतिबंध के बावजूद भाजपा विधायकों जिला अध्यक्षों और पार्टी के पदाधिकारियों के माध्यम से प्राथमिक माध्यमिक और भाषा विभाग के लिए ट्रांसफर प्रस्ताव आमंत्रित करना इसका नतीजा है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने आरोप लगाया कि उपचुनाव की पराजय ने भाजपा और उसके मंत्रियों की सोचने समझने की शक्ति को हर लिया है इसलिए उनको इतना भी ध्यान नहीं है कि राज्य में इनकी सरकार नहीं तबादलों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है और यदि तबादले करनी हैं तो इसी सरकार ने बकायदा तबादला पॉलिसी बनाई हुई है ट्रांसफर उसी पॉलिसी के तहत होने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह नीति कतई स्वीकार है कि खुलेआम संगठन के पदाधिकारियों से तबादला प्रस्ताव मांगे जाए इससे राज्य में भ्रष्टाचार के नए आयाम स्थापित होंगे और पूरा शिक्षा वर्ग प्रभावित होगा क्योंकि हर जरूरतमंद शिक्षक अपना ट्रांसफर करवाना चाहता है पर सरकार पार्टी की विचारधारा के अनुरूप जिलाध्यक्ष और पार्टी के पदाधिकारियों के माध्यम से खुद के लोगों को स्थानांतरित करके उपचुनाव की हार से उबरना चाहती है।
कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती का आरोप है कि तबादला नीति को नजरअंदाज करके शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने जो तुगलकी आदेश जारी किया है वह गैर भाजपाई व गैर राजनीतिक विचारधारा रखने वाले शिक्षकों के साथ दोगलापन है क्योंकि भाजपा के विधायक जिला अध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारी ऐसे शिक्षक को का शोषण करेंगे जो पार्टी की विचारधारा से सहमत नहीं है क्योंकि शिक्षा मंत्री ने जो प्रोफॉर्मा जारी किया है उसमें यह कॉलम भी है कि जिस पदाधिकारी ने जिस शिक्षक की तबादला सिफारिश की है उससे उसके क्या संबंध हैं इससे शिक्षक की विचारधारा स्पष्ट होगी तभी उसका स्थानांतरण किया जाएगा जो कि एक सोचनीय विषय है कि समाज को शिक्षा से जोड़ने वाले वर्ग को विचारधारा के रूप में वर्गीकृत करना सरकार के मानसिक दिवालियेपन को उजागर कर रहा है। अब जो शिक्षक भाजपा की विचारधारा से सहमत नहीं है ऐसे में मजबूरन उनके पास भ्रष्टाचार का शिकार होने के अलावा दूसरा चारा नहीं है इस कारण भाजपा के जिला अध्यक्ष और पदाधिकारी गण शिक्षक वर्ग का आर्थिक शोषण करेंगे यह एक कटु सत्य है।
शहर कांग्रेस के नेताओं शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षा के किए गए राजनीतिकरण की निंदा करते हुए सरकार के ऐसे किसी भी आदेश को वापस लेने की मांग की है कि जो विचारधारा के वर्गीकरण करते हुए शिक्षक समाज का शोषण करने वाला हो और जिस आदेश से सरकार की ट्रांसफर नीति प्रभावित होते हुए विचारधारा की राजनीति साफ झलकती हो। निंदा करने वालों में पूर्व विधायक गोपाल बाहेती राजकुमार जयपाल ललित भाटी हेमंत भाटी श्याम प्रजापति विपिन बेसिल गुलाम मुस्तफा ललित भटनागर मनोज कंजर मनीष सेठी दयानंद चतुर्वेदी इमरान सिद्दीकी शामिल थे।

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