लानत किसको दी जाए

प्रेम आनंदकर
देश के सबसे बड़े बैंकों में से एक पंजाब नेशनल बैंक के कंगाल होने पर लानत किसे दी जाए। देश की सरकार, शासन व्यवस्था, अफसरशाही, बैंकों की लापरवाही नीति या राजनेताओं की बड़े-बड़े धंधेबाजों से साठगांठ को। अगर इतनी भारी भरकम लेकर कोई छोटा-मोटा व्यापारी चुका नहीं पाता या किसी व्यक्ति के बैंक ऋण की किश्त समय पर नहीं पहुंच पाती है, तो सरकार व अफसर उसका जीना हराम कर देते हैं। लेकिन देश अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने जितनी राशि कोई डकार जाए और उस पर सरकार कार्यवाही करने की बजाय राजनीति पर उतर जाए तो फिर यही कहा जा सकता है कि इस देश का भगवान ही मालिक है। देश के नेताओं को तनिक भी शर्म नहीं आ रही है और वे बड़ी बेशर्मी से एक-दूसरे के दलों पर जुबानी हमले कर अपना पल्लू झाड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर इतने बड़े घपले, या सीधे तौर पर गबन भी कह सकते हैं, के लिए कौन जिम्मेदार है। सरकार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है। देश को इस हालत में पहुंचाने के लिए जिम्मेदार लोग अपनी जवाबदेही स्वीकार क्यों नहीं कर रहे। ना खाएंगे ना खाने देंगे, का राग अलाप कर खुद को देश का रखवाला बताने वाले अब चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। यह राशि देश के प्रत्येक नागरिक के खून-पसीने की कमाई की है। जनता इसकी पाई-पाई का हिसाब चाहती है और सरकार को हिसाब देना भी होगा।

-प्रेम आनन्दकर, अजमेर, राजस्थान।

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