तू याद है तो मेरा हर पल आबाद है- बहन आशा

केकड़ी:–राम-राम मैं कहता था राम मिलाया मुरशद ने,जिसको पीकर अमर हो गया वह जाम पिलाया मुरशद ने,चार वेद छह शास्त्र में बात लिखी है दोय,दुख दीने दुख होत है सुख दीने सुख होय।संत महात्मा हमें हमेशा सत्य के साथ जोड़ते हैं फिर अगर हमारा मन शांत है तो आनंद है, शीतलता है।उक्त उद्गार बहन आशा ने बणजारा मोहल्ला स्थित राजकमल भवन पर आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किए।
मंडल प्रवक्ता राम चन्द टहलानी के अनुसार बहन आशा ने कहा कि जो सर्वव्यापी है,कण-कण में समाया हुआ है,खुशबू का स्वामी है,हमें एक-एक स्वास दे रहा है ऐसे परमपिता परमात्मा का हर पल धन्यवाद करें।हर आजादी से परमात्मा की,सद्गुरु की गुलामी अच्छी है जो हमें सत्संग,सेवा, सिमरण से जोड़ती है।हे परमात्मा तू मुझे याद है तो मेरा हर पल आबाद है अगर तू मुझे याद नहीं तो मेरी हर शुभ घड़ी भी बर्बाद है। दिल धड़क रहा है,सांसे चल रही है और अगर परमात्मा याद नहीं तो हम मृतक के समान हैं। कदम कदम पर परमात्मा याद है तो हमारा हर सफर आसान है हम सत्य को पाकर दुनिया भी झूठ में न दौड़े।कदर करें हम सतगुरु के ज्ञान की,संतों के उपदेशों आदेशों की ।इंसान जैसा सोचता है वैसा ही वह बन जाता है वैसी ही उसकी दुनिया हो जाती है। इसलिए हम हर पल शुभ-शुभ ही सोचें जब हमने सद्गुरु की कृपा से परमात्मा को जान लिया है तो उसे मन में बिठाने पर हमारा मन भी मंदिर बन जाता है जिधर देखता हूं तू ही तू है हर शै में जलवा तेरा हू ब हू है वाली नजर बन जाती है।
सत्संग के दौरान नमन,विधि, सिल्की,रेणू,कविता,निशा,गीता, कंचन,भरत,दिशा,संगीता,आरती, योगिता आदि ने गीत विचार भजन प्रस्तुत किए संचालन नरेश कारिहा ने किया।

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