डॉ लाल थदानी के डिमोशन आदेशों पर रोक लगाई

ट्रिब्यूनल कोर्ट ने डॉ लाल थदानी की पद विशेषज्ञता और वरिष्ठता के बावजूद बार बार डिमोशन और डॉ केके सोनी के प्रोमोशन आदेशों पर रोक लगाई ।
वरिष्ठता और पद विशेषज्ञता का बताया उल्लंघन

ट्रिब्यूनल कोर्ट ने डॉ लाल थदानी की सेवा नियमों के विरूद्ध टोंक जिले की मिनी पीएचसी के एमओ पद पर ट्रांसफर आदेशों पर रोक लगा दी है । स्थगन आदेश देते हुए अदालत ने टिपण्णी की है कि स्वास्थ्य विभाग ने पंचायती राज नियमों की पालना नहीं की गई है । इसके अलावा डॉ लाल थदानी को निम्नतम पद पर स्थानान्तरण कर उसकी पद विशेषज्ञता और वरिष्ठता का उल्लंघन किया गया है ।
अधिवक्ता अशोक बंसल ने दलील दी कि इससे पूर्व डॉ थडानी 2015 में
डॉ के के सोनी के विरूद्ध बीसीएम्ओ किशनगढ़ पदवनत होने पर ट्रिब्यूनल केस जीत चुके हैं । कोर्ट कंटेंप्ट के बावजूद मेडिकल ऑफिसर डॉ के के सोनी को निदेशालय ने नियमबिरुद्ध लाभ देते हुए असंवैधानिक तरीकों से कार्यवाहक सीएमएचओ / अत्ति. सीएमएचओ (प.क) दोनों ही वरिष्ठ पदों पर सेवा नियमों के विपरीत दो सालों से तदर्थ नियुक्ति दे रखी थी । जिस कारण से डॉ लाल थदानी ने सीनियरिटी के लिए एक और वाद दायर किया जो ट्रिब्यूनल कोर्ट में विचाराधीन है और केस डिसिजन फेस पर था ।
16 मार्च 18 के आदेशों में डॉ के के सोनी को सेवा नियमों के विपरीत रेगुलर सीएमएचओ भी कर दिया जो अपने आप में बदनियति पूर्ण और द्वेषपूर्ण है ।
ट्रिब्यूनल कोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के जरिए राज्य सरकार को अपील 272/2018 तामील करते हुए 28 अप्रैल 18 को जवाब देने के लिए कहा है । निदेशक जन स्वास्थ्य, उप शासन सचिव, आयुक्त पंचायती राज, डॉ के के सोनी और डॉ रामस्वरूप किराड़िया को भी नोटिस भेजते हुए जवाब तलब किए गए हैं ।
डॉ लाल थदानी,1996 से राजकीय सेवा में है तथा एमडी पीएसएम होने की वजह से 2007_08 की डीपीसी उपरांत 1 जनवरी 2008 से उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) अजमेर पद पर लगातार कार्यरत रहे हैं और डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू आदि मौसमी बीमारियों के नियंत्रण को पूरे जिले में मिशन के रूप में चलाकर प्रभावी रोकथाम भी की ।
स्वास्थ्य निदेशालय ने डीएसीपी से
डॉ थदानी को 2007_08 से उपनिदेशक बनाते हुए 7 जुलाई 2011 से 7600/ की ग्रेड पे भी देनी शुरू की । डॉ के के सोनी एमबीबीएस हैं और उन्हें ये ग्रेड पे 1 अप्रैल 2014 से मिलनी शुरू हुई ।
डॉ लाल थदानी को वरिष्ठता और पद विशेषज्ञता के बावजूद उन्हें षडयंत्र पूर्वक / द्वेषता रखते हुए पदोन्नत नहीँ किया गया ।
वर्ष 11-12 की डीपीसी नहीं होने के कारण डॉ लाल थदानी को 1.4.11 को सीएमएचओ और 1.4.13 को अत्तिरिक्त निदेशक की ग्रेड पे 8700/ से भी वंचित रखा गया है । निदेशालय ने 9 मार्च 18 को प्रदेश की वरिष्ठता सूची जारी की है जिसमें क्रम संख्या 515 पर डॉ लाल थदानी को प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी / उपनिदेशक बताया गया है ।
कनिष्ठ होने की वजह से डॉ के के सोनी और डॉ रामस्वरूप किराड़िया इस सूची में शामिल नहीं है ।
पिछले महीने एक आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज में उच्चस्तरीय षडयंत्र की जानकारी मिली जिसके तहत डॉ लाल थदानी के सीएम्एचओ के आवेदन पत्र को शामिल ही नहीं किया गया और फ़रवरी 2016 में डॉ के के सोनी को उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी बताते हुए सीएम्एचओ बनाने का एक तरफा निर्णय लिया जबकि अक्टूबर 15 से ही डॉ थदानी उक्त पद पर कार्यरत थे ।
इसे द्वेषपूर्ण और गलत बताते हुए डॉ लाल थडानी ने 2 वर्षों से असंवैधानिक रूप से कार्यरत डॉ सोनी को हटाने का विभाग को विधिक नोटिस भी दे रखा था । इस दौरान डीपीसी 2013 के हिसाब से अति निदेशक के दावेदार को टोंक जिले की एक मिनी पीएचसी का एमओ बनाकर भेजा गया । शाम को 6 बजे निदेशालय जयपुर से प्राप्त आदेशों की सीएमएचओ कार्यालय द्वारा मुस्तैदी दिखाते हुए तुरन्त फुरंत में कार्यवाही भी हो गई और देर रात पलनार्थ रिपोर्ट भी भेज़ दी । डॉ रामस्वरूप किराडिया नसीराबाद से रिलीव भी हो गए और डॉ के के सोनी ने उनसे उप मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर ज्वाइनिंग लेते हुए आधी रात को उच्चाधिकारियों को मेल भी कर दिया साथ ही डॉ लाल थदानी को एमओ मंडोलाई पीएचसी टोंक के लिए रिलीव होने की सूचना भी दे दी।
गौरतलब है कि डॉ लाल थडानी एमडी पीएसएम् की वजह से 2015 में डायरेक्टर राज्य प्रशिक्षण केंद्र झालाना डूंगरी के इंटरव्यू में भी शामिल हुए थे । पिछले दो वर्षों से डॉ थदानी को समस्त राजकीय देय संसाधनों (वाहन, लिपिक आदि )के उपयोग और राष्ट्रीय कार्यक्रमों, महत्वपूर्ण बैठकों / पत्रावलियों और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अलग थलग कर रखा था ।
डॉ लाल थदानी को स्वास्थ्य और समाज सेवा के लिए विजयश्री अवार्ड , रेड एंड व्हाइट बहादुरी जैसे महत्वपूर्ण अवार्ड मिल चुके हैं तथा स्वास्थ्य सम्बन्धित लेख और वार्ताओं के लिए संस्थाओं द्वारा डॉ थडानी को अक्सर बुलाया जाता है ।

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