सरकार मंत्रालयिक की मागों का निराकरण करे – सक्सैना

राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी परिषद के प्रदेष अध्यक्ष अनूप सक्सैना ने कहा कि मंत्रालयिक संवर्ग की वेतन विसंगतियो पर सरकार कोई निर्णय नहीं कर रही है ।
प्रदेष कार्यकारी अध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि केवल वार्ताओ से कर्मचारियो का भला होने वाला नहीं है सरकार चाय पर बुला कर खुष करने की नीति को बंद कर मांगो पर सकारात्मक रूप से निणायर्क आदेष पारित कर संवर्ग को राहत प्रदान करें ।
प्रदेष महामंत्री रणधीर सिंह कच्छावा ने कहा कि सरकार मंत्रालयिक सवंर्ग की मांगो पर कतई गम्भीर नहीं है वेतन आयोग से पूर्व कमेठी का गठन कर सारी वेतन विसंगतियो का अध्ययन कर सातवां वेतन आयोग लम्बे इंतजार के बाद कर्मचारियो को रिर्पोट के आधार पर दिया गया व पूर्व के वेतन आयोग की वेतन विसंगतियो को जस का तस रखा बल्कि ओर विसंगतियो को बढाया संवर्ग के कर्मचारियो को पूर्व मे मिल रहा वेतन अनुसूची 5 में संषोधन कर कम कर दिया गया
मंत्रालयिक संवर्ग की प्रमुख मांगो यथाः सहायक प्रषासनिक अधिकारी की छठे वेतन आयोग की विसंगति को सुधारते हुये ग्रेड पे 4800 दी जाकर इस पद को राजपत्रित किया जाना तथा तदनानुसार अन्य पदो की ग्रेड पे में कनिष्ठ सहायक 3600, वरिष्ठ सहायक 4200 संषोधन कर सातवे वेतन आयोग का लाभ दिया जाना, वेतन आयोग का 1 जनवरी 16 से नगद भुगतान किया जाना, नई पेषन योजना को बंद कर पुरानी पेषन योजना लागू की जाना,सहित कई जायज ज्वलन्त मांगो को पूरा नहीं कर रही है वही वार्ताओ में बुलाकर मांगो पर तारीख पर तारीख का जामा पहनाने में लगी हुई है ।

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