पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीण

सूरजपुरा खारोल न्यूज सर्विस 17मई2018
भीशण गर्मी के दौर मे गावो मे जलदाय विभाग की अनदेखी व उदासीनता का खमियाजा भुगतना पड रहा है। ग्रामीणो को गला तर कर करने के लिए तरसना पड रहा है। जलदाय महकमे की उदासीनता का यह आलम है कि ताजपुरा मे ग्रामीणो को पानी के जुगाड घण्टो लाइनो मे लगने के बावजूद पानी नही मिलता तो, प्रतापपुरा मे अमृत रूपी जल नालिया मे बहता है। वही छापरी मे बीसलपुर मे जोडने के बावजूद सालो से जीएलआर के अभाव मे महिलाओ को पानी का जुगाड व मवेषियो को पीने का पानी खेल्ली मे लगे नल से ही होता है। गुन्दाली मे झोपडो,सूरजपुरा, मे बनी जीएलआर मात्र षोपीस बनी है।
ताजपुरा मे लडाई झगडे पर मिलता पानी- समीपवर्ती ग्राम ताजपुरा मे जलदाय विभाग द्वारा गाव से बाहर गुन्दाली सरवाड मार्ग पर ग्यारसी नाडी की पाल पर जीएलआर बनाई हुई है। गाव के बाहर होने से महिलाए नही पहुच पाती है।गाव जलदाय विभाग द्वारा मोहल्ले वार नल नही लगे होने से लोगो को परेषानी का सामना करना पड रहा है।पाइप लाइन पर दो तीन जगहो पर कनेक्षन करके पानी का जुगाड कर रहे है। बाबा रामदेव मंदिर के पास पाइप लाइन पर कनेक्षन पर पानी को लेकर महिलाओ को सघर्श करना पडता है। तीन दिनो के अन्तराल मे होने वाली सप्लाई पर बाबा रामदेव मंदिर के पास पानी के जुगाड के लिए भीड जमा हो जाती है। अलसुबह से पानी के जुगाड के लिए बर्तन रखकर नम्बर लगाना पडता हैं। लाइने को लेकर रोजाना लडाई झगडा होना आम बात है। महिलाओ के कई मर्तबा पानी के जुगाड करने से पहले ही सप्लाई बंद हो जाती है। इससे महिलाओ को खेतो मे कामकाज छोडकर पानी का जुगाड करना पडता है। ताजपुरा के ग्रामिणो ने कई मर्तबा जलदाय विभाग के आलाअधिाकरियो को अवगत कराने के बावजूद समस्या बनी हुई है।ताजपुरा महिलाओ ने तीन दिन पूर्व भी जलदाय विभाग कार्यालय पर प्रदर्षन करके सहायक अभियंता महेन्द वर्मा को ज्ञाप देकर बताया थ कि ताजपुरा मे खारोल मौहल्ला,अहीर मौहल्ला,जाट मौहल्ला,गुर्जर मोहल्ला मे पेयजल की समस्या बनी हुई है। महिलओ ने जलदाय विभाग द्वारा समाधान नही करने पर आंदोलन करनी की चेतावनी दी थी।
प्रतापपुरा मे नालियो मे बहता पानी- समीपवर्ती ग्राम प्रतापपुरा मे जलदाय विभाग द्वारा देवनारायण् मंदिर व चारभुजा मंदिर के पास जीएलआर बनी हुई। चारभुजा मंदिर के पास बनी जीएलआर तक पानी पहुचने से पहले ही पाइप लाइन पर कई जगह पर लीकेज हो रखे है। जिससे गन्दगीयुक्त पानी लाइन मे जाने की आषंका के चलते ग्रामीण पीने के लिए उपयोग मे नही लेते है। जिससे पानी व्यर्थ ही बहकर नालियो मे बहता है।दूसरी ओर देवनारायण मंदिर के पास जीएलआर पर नल नही लगे हुए है। इससे ग्रामिणो को पाइप से सीधे ही पानी भरना पडता है। इससे अधिक पानी व्यर्थ मे बहर नालियो मे बहता है और जीएलआर भी जल्दी खाली हो जाती है।पाइप से पानी से भरने से टंकी के पास पानी जमा होकर कीचडयुक्त हो गया। महिलाओ को कीचड मे खडे होकर पानी भरने व टंकी के पास कीचडयुक्त पानी जमा होने से पानी के दूशित होने की आषंका से इनकार नही किया जा सकता ।
गुन्दाली सूरजपुरा,मे जीएलआर षो पीस – गुन्दाली के झोपडा मे बनी जीएलआर मे सप्लाई के दौरान पानी आता हैं लेकिन कुछ समय सप्लाई के बाद बंद होने से टंकी मात्र षो पीस बनकर रह गई। गुन्दाली झोपडा वासिन्दो को गाव मे विद्यालय के पास बनी ंटकी से पानी लाता पडता है।ग्रामिणो ने कई मर्तबा जलदाय विभाग को अवगत कराकर झोपडा मे गोपाल प्रजापत के घर के पास व विद्यालय के पास बनी टंकी को भरने की मांग कर चुके है। लेकिन जलदाय विभाग द्वारा समाधान नही किए ग्रामिणो मे रोश व्याप्त है। सूरजपुरा मे जलदाय विभाग की लापरवाही के चलते गाव के बाहर विद्यालय के पास व दो किलोमीटर दूर जनकपुरी मे जीएलआर बनी हुई। स्कुल के पास बनी जीएलआर मात्र षोपीस बनकर रह गई। खेल्ली के पानी के अभाव सूखी होने से मवेषीयो को पानी के लिए तरसना पड रहा है। पेयजल के लिए मात्र पुरानी टंकी तक गुजर रही पाइप लाइन से ग्रामीणो गला तर हो रहा है। जलदाय विभाग द्वारा तीन दिनो के अन्तराल मे भी अपर्याप्त सप्लाई होने से पानी के लिए दर दर भटकना पड रहा है।
छापरी मे खेल्ली से भरते पानी – जलदाय विभाग ने भले ही छापरी को बीसलपुर परियोजना से जोडकर पानी कागजो मे पानी पहुचाने का दावा कर ले लेकिन जमीनी हकीगत कुछ ओर बया करती है। आजादी के इतने सालो के बाजूद भी पेयजल से महरूम है। जलदाय विभाग द्वारा बीसलपुर परियेजना से छापरी को भले ही जोड रखा है लेकिन ग्रामिणो को ये भी याद नही की आखिरी बार बीसलपुर का पानी कब पीया। ग्रामिणो को मात्र बालाजी के बोरिग से अपनी प्यास बुझानी पड रही है। बीसलपुर परियोजना के तहत पाइप लाइन से खेल्लिया मे कनेक्षन रखे हैं। लेकिन मात्र षो पीस बनी हुई हैं कभी कभी पानी आ भी जाये तो मात्र मवेषियो के उपयोग मात्र रहता है। इतने सालो भी गाव मे जीएलआर बनी हुई नही है।

षंकर खारोल

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