विद्यार्थियों को समाज का कर्ज अदा करना चाहिए-कटारिया

अजमेर 24 मई। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने परीक्षाओं में स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों का आह्वान किया है कि वे आज समाज में जिस मुकाम पर है उसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान देश के 125 करोड लोग है जिसके टैक्स के पैसे से वे एक सुयोग्य नागरिक बने है। विद्यार्थियों को इसे स्वयं पर कर्ज बनाते हुए समाज सेवा के माध्यम से कर्ज अदायगी का भाव मन में पैदा करना चाहिए। शिक्षण संस्थान केवल अच्छा पाठ्यक्रम और डिग्री पैदा करने वाले कारखाने के रूप मे कार्य नहीं करे अपितु विद्यार्थी को गढ़ने वाले कलाकार के रूप में अपनी भूमिका निभाये।
श्री कटारिया गुरूवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में वर्ष 2016 और 2017 की परीक्षाओं के मेधावी परीक्षार्थियों को दीक्षान्त समारोह में स्वर्ण एवं रजत पदक से सम्मानित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में शिक्षा के स्तर के ग्राफ ने अप्रत्याशित रूप से ऊचाईयों को छुआ है, फिर भी सरकारी स्कूल के बड़ी कक्षाओं के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए जिला स्तर पर छः-छः माह के कोचिंग सेन्टर खोले जाये। उन्होंने कहा कि गर्व की बात है पिछले पाँच सालों में राजस्थान बोर्ड की किसी भी परीक्षा का एक भी पर्चा आउट नहीं हुआ। वहीं दूसरी ओर देश में परीक्षा लेने वाली संस्थायें प्रश्न-पत्र लीकेज की समस्याओं से निरंतर झूझ रही है।
उन्होंने कहा कि बालक को तराशने का कार्य गुरू करता है। शिक्षक में प्रतिभा तलाशने की अदभूत प्रतिभा होती है। अगर शिक्षकों का सम्मान होगा तो बच्चों को तराशने का कार्य भी बेहतर तरीके से होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि अगली बार बोर्ड की टॉपर सूची में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों के अच्छे शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाये।
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के कहा कि राज्य के विद्यालयों में केवल पैकेज वाले विद्यार्थी तैयार करने का लक्ष्य नहीं है बल्कि शिक्षा के साथ संस्कार और देशभक्ति की भावना जागृत करने का भी ध्येय है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में राजस्थान शिक्षा जगत में सिरमोर बनने की तरफ बढ रहा है। चार वर्ष पूर्व राज्य शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश में 26वें नम्बर पर था। एनसीईआरटी का सर्वे बताता है कि अब वर्तमान में राजस्थान दूसरे नम्बर पर आ गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जहाँ के सरकारी विद्यालयों में मदर टीचर मीटिंग ;डज्डद्ध की व्यवस्था लागू की है। पिछले वर्ष 35 लाख अभिभावक अपने बच्चे के अध्यापक से रूबरू हुए है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों मे कम्प्यूटर लैब स्थापित करने का कार्य शुरू किया गया है। राज्य के सात हजार विद्यालयों में लैब खुल चुकी है। अगले चरण में छः हजार नई लैब खोली जायेगी।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पूर्व तक सरकारी स्कूलों को खटारा बस समझकर कोई चढना नहीं चाहता था परन्तु अब पूरे प्रदेश की स्थिति यह है कि आदर्श और मॉडल स्कूल में अपने बच्चों के प्रवेश के लिए उत्सुक रहते है। सरकार की योजना है कि सभी सरकारी विद्यालयों को स्टार रेटिंग प्रदान की जाये और सभी विद्यालयों को भविष्य में एक स्टार से लेकर फाइव स्टार में तब्दील किया जाये। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा के प्रति आई जागरूकता का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ समय पूर्व तक गार्गी समारोह पुरस्कार में 28 हजार बालिकाये शामिल हुई थी जबकि इस साल राज्य की 1 लाख 46 हजार बालिकाओं ने बोर्ड परीक्षाओं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाकर गार्गी पुरस्कार के लिए योग्यता हासिल की। प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में इस प्रकार परिवर्तन किया गया है कि पाठ्यपुस्तकों को पढकर विद्यार्थी के मन में प्रदेश के 200 वीरों और वीरांगनाओं के प्रति गौरव की अनुभूति पैदा हो।
बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने कहा कि दीक्षान्त समारोह में बोर्ड की वर्ष 2015 से 2016 की विभिन्न परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 16 प्रतिभावान विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। समारोह में राज्य, जिला और मण्डल स्तर पर चयनित श्रेष्ठ 76 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। स्वर्ण पदक के रूप में 15 ग्राम का स्वर्ण मेडल दिया गया। गोल्ड मेडल के साथ तीन पुस्तकों का सेट भी दिया गया। प्रो. बी.एल. चौधरी और डॉ. शंकर चौधरी द्वारा सम्पादित पुस्तक हमारे प्रेरक: स्वामी विवेकानंद और वन्दे मातरम् तथा श्रीमदभगवत गीता पुस्तके शामिल है।
समारोह में दीक्षान्त भाषण देते हुए युवा चिन्तक डॉ. नारायण लाल गुप्ता ने विद्यार्थियों से कहा कि आज आपकी दीक्षा का अंत नहीं हुआ अपितु यहां से आपकी दीक्षा का प्रारंभ हुआ है। व्यवसायिक लक्ष्य साधन मात्र है जीवन के ध्येय नहीं। विश्व में पेड के कोई दो पत्ते भी एक जैसे नहीं होते फिर मनुष्य तो आपने आप में अद्वितीय है। किंतु अद्वितीय होने के साथ-साथ हम सभी में एक मूलभूत एकता है तथा पारस्परिक निर्भरता है। जीवन की इन वास्तविकताओं को समझे बिना लक्ष्य निर्धारित करते है तो सफलता तो मिल सकती है लेकिन सार्थकता नहीं।
उन्होंने कहा कि उपाधि मूल्य और आंतरिक मूल्य अलग-अलग है उपाधि मूल्य परिस्थिति, पद और संबंधों पर निर्भर कर सकते है किंतु आतंरिक मूल्य स्थाई होते है इन मूल्यों का संवर्धन करना ही जीवन का परम लक्ष्य होना चाहिए।
जीवन की प्रेरणा पाने की भी हो सकती है और देने की भी। पाने वाली प्रेरणा से प्रतिस्पर्धा को इंधन मिलता है किंतु स्थाई प्रेरणा समाज और राष्ट्र को कुछ देने वाली होती है। उन्होंने विवेकानंद जी का उदाहरण देते हुए बताया असंभव की सीमा को जानने का मतलब संभव से आगे निकल जाना है। राष्ट्र आप जैसे युवा वर्ग की ओर निहार रहा है। वर्तमान में मूल्यों में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। आज हमारा राष्ट्र सांस्कृतिक हमले की चपेट में आ रहा है। अपनी संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत को बनाये रखने के लिए आप यहां से कटिबद्ध होकर जाएं।
अपनी वेशभूषा, खानपान, आचार विचार, बोली भाषा आदि को कभी अपनी कमजोरी न समझे। जब स्वामी विवेकानंद अमेरिका गए थे तो उनकी वेशभूषा को देखकर बच्चे उनके पीछे हो लिए, लोगों के लिए पहनावा कौतूहल का विषय था। किन्तु उनके आध्यात्मिक विचारों को जानकर समूची दुनिया उनके बताए पथ पर चलने को अग्रसर हुई। इस प्रकार आपकी पहचान आपका गुण होता है न कि आपका पहनावा या आपका धनाढ़य होना। इस चीज को आप सभी अपने ध्यान में रखकर सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते है।
आप अपने भावी जीवन में एक बात का ध्यान अवश्य रखियेगा कि कभी भी कुछ पाने के लिये शार्ट कट को अपनाने से बचे। शार्ट कट से आप जो कुछ भी प्राप्त करते है वह शीघ्र प्राप्त तो होता है किन्तु गुणवत्तापूर्ण नहीं होता, वह क्षणिक होता है और हमारे लिए कभी-कभी दुखदायी भी बन सकता है। आपके लिए समाज और राष्ट्र की सबसे बड़ी पूंजी आपका चरित्र है। जिस देश के नागरिक चारित्रिक दृष्टि से उच्च नहीं होते वह देश शीघ्र विकास नहीं कर सकता। आप सभी हमारे देश के भविष्य हैं। जिन भारतीय महापुरूषों के चरित्र को अपनाकर अब्दुल कलाम और अन्ना हजारे जैसी हस्तियों का जीवन बदल गया और वे महान लोगों की श्रेणी में आ खडे़ हुए उन्हीं महान पुरूषों और संतों के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
समारोह में वर्ष 2017 में माध्यमिक परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए कु. अर्चना मीना मानटाऊन जिला सवाई माधोपुर, सीनियर सैकण्डरी विज्ञान वर्ग में राजीव सिंह नरूका गंगापुरसिटी जिला सवाई माधोपुर, सीनियर सैकण्डरी कला वर्ग में कु. एंजिलिना नागपाल बूंदी और सीनियर सैकण्डरी वाणिज्य वर्ग में कु. कृति वर्मा जयपुर को स्वर्ण पदक दिया गया। इसी प्रकार वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा में ललित पाटीदार गनोड़ा जिला बांसवाड़ा, प्रवेशिका परीक्षा में कु. ज्योति प्रजापत, भानवरा जिला सवाई माधोपुर और माध्यमिक व्यावसायिक परीक्षा में अश्विन गुप्ता चोहमेहला जिला झालावाड़ा को परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
वर्ष 2016 की सीनियर सैकण्डरी परीक्षा के विज्ञान वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बूंदी की कु. नियती सक्सैना, वाणिज्य वर्ग में नागौर के नवीन कुमार जैन, कला वर्ग में टोंक के राकेश गुर्जर, वरिष्ठ उपाध्याय वर्ग में सवाईमाधोपुर की कु. निशा शर्मा, सैकण्डरी परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सवाई माधोपुर की कु. तनिशा विजय और प्रवेशिका परीक्षा में नागौर के विरेन्द्र कुमार खोरवाल, माध्यमिक व्यावसायिक में संयुक्त रूप से कोटा की कु. दुर्गेश गुर्जर, भीलवाडा के आशीष शर्मा, भीलवाडा के ही प्रहलाद कुमार शर्मा को स्वर्ण पदक से पुरस्कृत किया गया। समारोह में 260 विद्यार्थियों को रजत पदक दिया गया।
समारोह में वर्ष 2014 के लिए सर्वश्रेष्ठ राजकीय विद्यालय के रूप में चयनित दो विद्यालयों को राज्य स्तर पर 17 विद्यालयों को मण्डल स्तर और 25 विद्यालयों को जिला स्तर पर सम्मानित किया गया। वर्ष 2015 के लिए दो विद्यालयों को राज्य स्तर पर 14 विद्यालयों को मण्डल स्तर और 16 विद्यालयों को जिला स्तर पर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ’’शिक्षा बोर्ड दर्पण 60 वर्ष नये क्षितिज की ओर ….. ‘‘ का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर पूर्व बोर्ड अध्यक्ष प्रो. भरतराम कुम्हार और डॉ. विमल प्रसाद अग्रवाल का भी सम्मान किया गया।
इस अवसर पर समारोह में कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. दशोरा, अजमेर डेयरी के अध्यक्ष श्री रामचंद्र चौधरी, अजमेर देहात भाजपा अध्यक्ष वी.पी. सारस्वत, पूर्व सांसद रासासिंह रावत, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नगर प्रमुख सुनील दत्त जैन, श्री पाठक जी महाराज, बोर्ड प्रबन्ध मण्डल के सदस्य उपस्थित थे।
समारोह का संचालन बोर्ड के निदेशक गोपनीय- जी.के.माथुर, बृजेश शर्मा और राजीव चतुर्वेदी ने किया। अन्त में बोर्ड सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
परम्परानुसार दीक्षान्त समारोह के अगले दिन अवकाश घोषित किया जाता रहा है। इसी क्रम में कल शुक्रवार को बोर्ड कार्यालय में अवकाश घोषित किया गया है।
उप निदेशक (जनसम्पर्क)

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