चरित्र, व्यवहार, संस्कार हैं जीवन का आधार – उमेश चौरसिया

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी का संस्कार वर्ग प्रशिक्षण शिविर का समापन आज
महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली होंगे मुख्य अतिथि

अजमेर। हमारे जीवन में उत्कृष्टता का मानदण्ड निर्धारित करने वाले कारम चरित्र व्यवहार और संस्कार ही होते हैं। हम चाहे अच्छे वकील, डॉक्टर, इंजीनियर या प्रशासनिक अधिकारी बन जाएं किंतु इस भारत भूमि का कर्ज उसी प्रकार नहीं भूलना चाहिए जैसे एक बेटा अपने माँ के ऋण से उऋण नहीं हो सकता। स्वामी विवेकानन्द ने अपने जीवन के द्वारा भारत से प्रेम, भारत की सेवा और भारत की आराधना करने का उद्घोष किया। स्वामी विवेकानन्द के उक्त विचारों से ही प्रेरित होकर भारत को बालगंगाधर तिलक, सुभाष चन्द्र बोस, ए.पी.जे अब्दुल कलाम और एकनाथ रानडे जैसे महापुरूष मिले जिन्होंने अपने महान कार्यों द्वारा भारत माँ का सपूत होने का कर्ज अदा किया। आज हमें भी विद्यार्थी जीवन में स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाओं को मूर्त रूप देने का जरिया हमारे मोहल्ले का संस्कार वर्ग हो सकता है जिससे घर घर में संस्कारों का बीजारोपण हो सके। उक्त विचार विवेकानन्द केन्द्र की मासिक पत्रिका केन्द्र भारती के सह-संपादक एवं साहित्य अकादमी के सदस्य उमेश कुमार चौरसिया ने विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की स्थानीय शाखा द्वारा आयोजित किए जा रहे पांच दिवसीय संस्कार वर्ग प्रशिक्षण शिविर में भारत भक्ति विषय पर बच्चों से चर्चा करते हुए व्यक्त किए।
शिविर अधिकारी नितिन गोयल ने बताया कि आज के द्वितीय सत्र में राजकोट के निखिल शर्मा ने राजस्थान का गौरवशाली इतिहास विषय पर अपना उद्बोधन दिया। संस्कार वर्ग में बच्चों को मतीरे की फांक, टेंक युद्ध, केन्द्र कहता है जैसे शारीरिक एवं बौद्धिक खेल खिलाए गए।

शिविर अधिकारी नितिन गोयल ने बताया कि शिविर का समापन 27 मई को प्रातः 11 बजे किया जाएगा जिसमें मुख्य अतिथि महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति प्रोफेसर विजय श्रीमाली तथा विशिष्ट अतिथि उद्योगपति एवं मोटिवेशनल स्पीकर राधे एस चोयल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर प्रमुख रविन्द्र जैन करेंगे।

(अखिल शर्मा)
सहनगरप्रमुख
9414008765

error: Content is protected !!