अन्नपूर्णा दुध वितरण योजना से कुककम हेल्पर के बढा कार्य, लेकिन मानदेय नही

बजट कम,बर्तनो की किमत अधिक होने से एडजस्ट करके बिल बना रहे शिक्षक

विद्यालय मे कुककम हैल्पर दूध को ठण्डा करते हुए।फोटो-शंकर खारोल।
सूरजपुरा (शंकर खारोल)6जुलाई
सरकार ने अन्नपूर्णा दुग्ध वितरण योजना को 2जुलाई से प्रदेश भर के सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को दुध पिलाकर वाहवाही लुट रही है लेकिन योजना मे दूध को गर्म करने,ठण्डा करने सहित बर्तनो की साफ सफाई करने वाली कुक कम हेल्पर से पोषाहार बनाने के अलावा कार्य का बढा दिया लेकिन कुककम हेल्पर के मानदेय मे कोई बढोतरी नही की।कुककम हेल्पर सेवलीदेवी, भूलादेवी माली ने बताया की स्कूल मे पोषाहार बनाने के लिए मिलने वाले मानदेय से परिवार का खर्च चलाना तो दूर स्वयं का खर्च चलाना भी मुश्किल होता है। इससें आर्थिक तंगी का सामना करना पठ रहा हे।पोषाहार बनाने का कार्य करने से मजदूरी भी नही कर पाते है। वहीं अन्नपूर्णा दुध योजना से सप्ताह मे तीन दिन दो घंटे अतिरिक्त कार्य करना पड रहा है। दूध को प्राथना सभा मे पिलाने से समय से डेढ़ दो घंटे पूर्व आना पडता है। दूध को गर्म करने व ठंडा करने डेढ़-दो घंटे लग जाता है।

बजट कम,बर्तन खरीदारी की राशि होने पर बजट के अनुरूप बिल बनाने मे जुटेशिक्षक :-शिक्षा विभाग ने अन्नपूर्णा दुध वितरण योजना के तहत बच्चों को दूध पिलाने, रखरखाव के बर्तनो की खरीदारी के लिए बजट तो मिला लेकिन बाजार मे बरतनों की किमत अधिक होने से विद्यालय ने योजना के शुभारंभ के लिए खरीदारी तो कर ली।लेकिन बिलो को बजट के अनुसार बनाने मशक्कत करनी पड रही है। शिक्षकों ने बताया की योजना से बर्तन की खरीदारी मे एक हजार से एक हजार पांच सौ रूपए अधिक राशि खर्च करनी पडी है ।लेकिन बिल बजट के अनुसार बनवाना पड रहा है।अधिक राशि जेब से खर्च करनी पड रही है।

इनका कहना है:- अन्नपूर्णा दुध वितरण योजना से कुककम हेल्पर के मानदेय मे बढोतरी नही हुई लेकिन जुलाई से1200की जगह1320 रूपए दस प्रतिशत की बढोत्तरी के साथ मिलेगें। बजट से अधिक बर्तनो की राशि खरीदारी मे लगी है ऐसा मामला सामने नही आया ।जानकारी लेकर मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा।
– मुकेश जैन बीईईओ सरवाड़

error: Content is protected !!