नंदी घोष पर सवार होकर ननिहाल जाएंगे भगवान जगन्नाथ

14 जुलाई को धूमधाम से निकलेगी रथयात्रा
ब्यावर, 11 जुलाई। धार्मिक नगरी ब्यावर में आगामी 14 जुलाई को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर ननिहाल जाएंगे। श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव समिति की ओर से शहर में भव्य रथयात्रा धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ निकाली जाएगी।
मीडिया प्रभारी सुमित सारस्वत ने बताया कि रथयात्रा दोपहर 3 बजे गोपालजी मोहल्ला मंदिर से चेरा-पोरी की रस्म निभाकर प्रारंभ होगी। इसमें बड़ौदा के संत रामप्रसाद महाराज के साथ कई संत-महात्माओं का सानिध्य प्राप्त होगा। फूल मालाओं से सुसज्जित रथ में विराजमान ठाकुरजी की आरती के पश्चात् चेरा-पोरी की रस्म निभाई जाएगी। हरिनाम संकीर्तन के साथ भक्त प्रभु के रथ को खींचते हुए आगे बढ़ेंगे। रथ के आगे लगे चार प्रतीकात्मक घोड़े धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के प्रतीक होंगे। रथ का नाम नंदी घोष होगा। रथयात्रा में सबसे आगे सुमधुर स्वर लहरियां बिखेरता बैंड चलेगा। इसके पीछे बाल मंडली व भक्त हरिनाम संकीर्तन करेंगे। प्रभात फेरी, महिला मंडली के साथ शहर के कई गायक भजन गाकर व महामंत्र का जाप करते हुए वातावरण को भक्तिमय बनाएंगे। शोभायात्रा का मार्ग में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, राजनीतिक व व्यापारिक संगठनों की ओर से स्वागत किया जाएगा।
विजय तंवर ने बताया कि दस दिवसीय महोत्सव के तहत प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से बांकेबिहारी मंदिर में विभिन्न मंडलों द्वारा भक्तिमय प्रस्तुति दी जाएगी। फूलों से श्रृंगार कर ठाकुरजी का आकर्षक फूल बंगला सजाया जाएगा। रथयात्रा से पूर्व शुक्रवार को अभिषेक नगर स्थित हरि सदन में दोपहर 3 बजे से जानकी महिला मंडल द्वारा कीर्तन किया जाएगा।
यह है धार्मिक मान्यता
आषाढ़ माह में भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलदेव व बहन सुभद्रा के साथ ननिहाल जाते हैं। ये तीनों देव अपनी यात्रा सजे संवरे रथों में सवार होकर करते हैं। इसे पुरी में रथ यात्रा या रथ महोत्सव कहा जाता है। यह रथयात्रा मिलन, एकता व अखंडता की प्रतीक है। इस पौराणिक प्रसंग को आठ साल से ब्यावर में भी साकार किया जा रहा है।

error: Content is protected !!